Day: June 11, 2024

T20 World Cup: 1 विकेट ने पाकिस्तान के लिए पलट दिया मैच, नसीम शाह ने क्लीन बोल्ड कर बदला मैच का रुख

नई दिल्ली. पाकिस्तान क्रिकेट टीम को आखिरकार आईसीसी टी20 विश्व कप में पहली जीत नसीब हो ही गई. लगातार दो मैच में हार मिलने के बाद फैंस से लेकर दिग्गज तक बाबर आजम की टीम के जीत का खाता खुलने का इंतजार कर रहे थे. अंक तालिका में पाकिस्तान के नाम के आगे अंक लगे और उसके अगले दौर में जाने की उम्मीदें जिंदा है. कनाडा के खिलाफ मैच में एक विकेट ने टीम के लिए मैच पलट दिया. आईसीसी टी20 विश्व कप में दो लगातार हार के बाद पाकिस्तान के जीत का खाता खुला. मेजबान अमेरिका और फिर भारतीय टीम ने बाबर आजम की सेना को घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया. कनाडा के खिलाफ विश्व कप मैच टीम के लिए करो या मरो का था और यहां उसने जीत हासिल कर फैंस को राहत पहुंचाई. इस मैच में बेहतर गेंदबाजी के दम पर टीम ने कनाडा को महज 106 रन पर रोकने में कामयाबी पाई और फिर 3 विकेट खोकर लक्ष्य हासिल कर जीत दर्ज की. 1 विकेट ने पलटा पाकिस्तान के लिए मैच पाकिस्तान की टीम के लिए कनाडा के खिलाफ मैच भी मुश्किल हो गया था. एक तरफ से गेंदबाज विकेट चटकाते जा रहे थे दो दूसरी तरफ से हमला जारी थी. आरोन जॉनसन ने अकेले ही पाकिस्तान के गेंदबाजों की खबर ले रखी थी. 4 चौके और इतने ही छक्के मारते हुए इस ओपनर ने मोर्चा थामा हुआ था. नसीम शाह ने 14वें ओवर में क्लीन बोल्ड करते हुए उनको वापस भेजा. शानदार लय में नजर आ रहे इस बैटर को अगर आउट ना किया गया होता तो स्कोर यकीनन कुछ और होता. पाकिस्तान की टीम 106 रन बनाने में भी असहज नजर आई. अगर कनाडा ने 130 या 135 रन बना दिए होते तो बाबर आजम की टीम के लिए मामला गड़बड़ हो जाता. 118 की स्ट्राईक रेट से 44 बॉल पर जॉनसन 52 रन बनाकर आउट हुए. FIRST PUBLISHED : June 12, 2024, 05:12 IST

Maharashtra Politics: BJP कर रही उद्धव ठाकरे को मनाने की कोशिश, कहा- पूर्व सीएम की मेहनत का कांग्रेस, NCP (SP) ने उठाया फायदा

महाराष्ट्र लोकसभा चुनाव के परिणाम के बाद भाजपा ने शिवसेना (बालासाहेब) के मुखिया व पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे की तारीफ करना शुरू कर दिया है। भाजपा के नेता चंद्रकांत पाटिल ने कहा कि उद्धव ठाकरे बीमार थे, लेकिन फिर भी उन्होंने चुनाव के दौरान काफी मेहनत की। By Anurag Mishra Publish Date: Tue, 11 Jun 2024 03:49:39 PM (IST) Up to date Date: Tue, 11 Jun 2024 05:32:12 PM (IST) ठाकरे पर भाजपा का बयान। डिजिटल डेस्क, इंदौर। महाराष्ट्र लोकसभा चुनाव के परिणाम के बाद भाजपा ने शिवसेना (बालासाहेब) के मुखिया व पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे की तारीफ करना शुरू कर दिया है। भाजपा के नेता चंद्रकांत पाटिल ने कहा कि उद्धव ठाकरे बीमार थे, लेकिन फिर भी उन्होंने चुनाव के दौरान काफी मेहनत की। उनकी इस मेहनत का फायदा कांग्रेस और एनसीपी (शरदचंद्र पवार) को हुआ है। उद्धव ठाकरे समझें अपना नुकसान पाटिल ने आगे कहा कि महाराष्ट्र लोकसभा चुनाव के परिणाम आने के बाद यह स्पष्ट हो गया कि एनसीपी (शरदचंद्र पवार) व कांग्रेस ने उनकी मेहनत का पूरा लाभ लिया। आप तुलना कीजिए कि ठाकरे भाजपा के साथ चुनाव लड़े थे तब उनके 18 सांसद जीतकर दिल्ली पहुंचे थे। अब वह कांग्रेस और एनसीपी (शरदचंद्र पवार) के साथ लड़े तो सिर्फ नौ पर ही सिमट कर रह गए। उनको आधे सांसदों का नुकसान उठाना पड़ा। उनको अब यह समझने की जरूरत है। केवल नौ सीटों पर जीती ठाकरे की शिवसेना उद्धव ठाकरे की शिवसेना (यूबीटी) ने महाराष्ट्र में कांग्रेस व एनसीपी (शरदचंद्र पवार) से ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ा था। 48 लोकसभा सीटों में से 21 पर ताल ठोंकी थी, लेकिन केवल नौ सीट ही जीत पाई। कांग्रेस केवल 17 सीटों पर लड़ी, लेकिन जीती 13 सीटें। सांगली में कांग्रेस से बागी होकर एक नेता ने शिवसेना (यूबीटी) के खिलाफ निर्दलीय ही चुनाव लड़ा। उसने जीत हासिल कर कांग्रेस को अपना समर्थन दे दिया। एनसीपी (शरदचंद्र पवार) का स्ट्राइक रेट और भी अच्छा रहा। उसने केवल 10 सीटों पर चुनाव लड़ा, लेकिन आठ पर जीत गई।

Sidhu Moose Wala Homicide Story Defined; Punjabi Singer Father | Rahul Gandhi | मूसेवाला को हो गया था मौत का आभास: गाने के जरिए जताई थी आशंका; पिता से कहा था- आपको अभी बहुत कुछ देखना है

10 घंटे पहलेलेखक: तस्वीर तिवारी कॉपी लिंक 29 मई 2022, सिद्धू मूसेवाला अपनी ब्लैक कलर की थार से निकले ही थे, तभी गोल्डी बराड़ के गुर्गों ने उन पर गोलियों की बौछार कर दी। इसी के साथ एक जगमगाता सितारा इस दुनिया से हमेशा-हमेशा के लिए चला गया। सिद्धू ने अपने छोटे से करियर में ऐसे हिट गाने दिए, जो आज भी लोगों की जुबान पर हैं। अगर वो जिंदा होते तो आज अपना 32वां जन्मदिन मना रहे होते। सिद्धू ने 2021 में कांग्रेस पार्टी जॉइन किया था। इस पर उनका कहना था कि सिस्टम को बदलने के लिए सिस्टम का हिस्सा बनना पड़ता है। उन्होंने पावर के लिए पॉलिटिक्स जॉइन की थी। सिद्धू मूसेवाला के पिता ने हाल ही में राहुल गांधी के साथ बातचीत की। उन्होंने बताया कि सिद्धू मुझसे हमेशा कहा करता था कि अभी आपको बहुत कुछ देखना है। वो जानता था कि ये लोग उसे नहीं छोड़ेंगे। सिद्धू मूसेवाला 3 दिसंबर 2021 को कांग्रेस में शामिल हुए थे। सिद्धू से पहले भी उनका परिवार कांग्रेस से जुड़ा रहा था। हालांकि, सिद्धू को आम आदमी पार्टी ने भी अप्रोच किया था। सिद्धू के गाने हमेशा ही युवाओं के दिलों पर राज करते रहे हैं। उनके गाने के बोल हमेशा सिस्टम बदलने की बात करते हैं। इस पर सिद्धू का कहना था- मेरे गाने युवाओं को अट्रैक्ट करते हैं। इसकी वजह ये है कि मैं हमेशा से बहुत बेबाक रहा हूं। मेरे गानों में या मेरी बातों में किसी तरह का फिल्टर नहीं होता है। मैं अपने गानों के जरिए अपने मन की बात कहता हूं। शायद वही लोगों को पसंद आता है। गन कल्चर को बढ़ावा देने में कुछ गलत नहीं हैसिद्धू कहते थे कि गन कल्चर को प्रमोट करने में कोई खराबी नहीं है। बशर्ते हमें ये पता होना चाहिए कि इसके नुकसान क्या हैं? इसके फायदे क्या हैं? इसका उपयोग किस तरह से करना सही है। अगर गन इतनी ही बुरी है तो सरकार लाइसेंस क्यों देती है। हमारे धर्म में इसे हमारे शरीर का हिस्सा माना जाता है। आर्मी को हथियार दिए गए हैं, अगर वो हथियार वो आम लोगों पर इस्तेमाल करे, तो वो गलत है, क्योंकि उन्हें हथियार हमारी सेफ्टी के लिए दी गई है। गन को रखने की केवल एक ही वजह है ‘पर्सनल सेफ्टी।’ सिद्धू चाहते थे कि लोग उनसे इस बारे में सवाल करें, ताकि वो अपनी बातें लोगों के सामने रख सकें। सिद्धू को पंजाब की सबसे बड़ी प्रॉब्लम ये लगती थी कि उनके पास कोई लीडर नहीं है जो उनमें से हो। उनका कहना था- लीडर बनने के बाद सभी लोग खुद को आम लोगों से अलग मानने लगते हैं। हमें ऐसा लीडर चाहिए जो आम लोगों से जुड़ा रहे। उनमें से हो और उनकी जरूरतों को समझ सके। सिद्धू ने ये बातें न्यूज 18 के साथ बात करते हुए बोली थीं। पिता बलकौर सिंह ने कहा- सिद्धू जानता था कि वो लोग उसे नहीं छोड़ेंगेसिद्धू मूसेवाला के पिता बलकौर सिंह ने हाल ही में कांग्रेस नेता राहुल गांधी से मुलाकात की। उन्होंने बताया कि सिद्धू को पहले से कहीं न कहीं इस बात का अंदाजा था कि उसके साथ कुछ बड़ा होने वाला है। बलकौर सिंह ने कहा- सिद्धू में गायकी का कीड़ा बचपन से था। जब वो स्कूल में था तभी से गाने गाया करता था। मुझे पता था कि वो गाना गाता है, लेकिन वो मेरे सामने कभी नहीं गाता था। ऐसे वॉशरूम में और कमरा बंद करके गाता था। मैं और मेरे भाई उससे कहते थे कि हमें भी गाकर सुनाओ, तो सिद्धू कहता था कि नहीं आपके सामने नहीं गाऊंगा। मैंने पहली बार उसका गाना तब सुना जब वो कॉलेज में परफॉर्म कर रहा था। मैं अपना चेहरा कवर करके छुपकर सिद्धू का गाना सुनने गया था। शुरुआत में वो मुझे पहचान नहीं पाया, लेकिन कुछ देर बाद उसने मुझे देख लिया था। मैंने पहली बार उसे परफार्म करते हुए देखा था, वो पूरे स्टेज पर घूम-घूमकर गाना गा रहा था। मुझे बहुत ज्यादा खुशी हुई थी। उसके प्रोफेसर्स ने मुझसे कहा था, ‘सर आप इसे रोकना मत। ये बहुत आगे जाएगा।’ उस दिन से मैंने ये बात सोच ली थी कि मैं सिद्धू को रोकूंगा नहीं। वो जो करना चाहेगा उसमें उसका साथ दूंगा। कॉलेज के बाद मैंने उसे कनाडा भेज दिया। जब वो वहां से लौटा तो कुछ और ही बनकर लौटा। सिद्धू ने जिसके भी ऊपर हाथ रखा और गाने में जिनका नाम लिया, उन सबकी किस्मत बन गई। सिद्धू ने एक मिसाल कायम की है। उसने बताया कि अपने माता-पिता के साथ अटैचमेंट को कैसे गहरा करें। उसके जाने के बाद मुझे ये बात समझ में आ रही है कि वो मुझे बार-बार कहता था कि ‘पापा आपको अभी बहुत कुछ देखना है।’ वो जानता था कि वो लोग उसे नहीं छोड़ेंगे। सिद्धू ने पॉलिटिक्स इसलिए जॉइन किया क्योंकि उसे थोड़ी पावर चाहिए थी। उसका सोचना था कि मुझे थोड़ी पावर मिलेगी तो ये लोग मेरा पीछा छोड़ देंगे। ये लोग चाहते थे कि काम करना है तो हमारे नीचे रहकर करो, लेकिन मेरा सिद्धू झुकना नहीं जानता था। इन लोगों ने उसके ऊपर बहुत प्रेशर बनाया। मेरे बेटे की मौत का फरमान पहले ही जारी हो चुका था। सिद्धू मूसेवाला के बचपन की तस्वीर। जब आपके सामने आपके बच्चे की मौत हो जाती है, तो आपका कमाया पैसा भी आपकी मौत बन जाता है। उसके जाने के बाद मैं टूट गया था, लेकिन हार न मानकर मैंने अपनी पूरी ताकत इकठ्ठा की। मैं जब तक भी जिंदा हूं अपना फर्ज निभाता रहूंगा। भगवान ने मुझे एक दूसरा सिद्धू दिया है। जो हूबहू पुराने वाले सिद्धू की तरह है। सिद्धू मूसेवाला का जन्मसिद्धू मूसेवाला का असली नाम शुभदीप सिंह सिद्धू था। उनका जन्म 11 जून 1993 को पंजाब के मानसा जिले के मूसा गांव में पिता बलकौर सिंह और मां चरण कौर के घर हुआ था। वो एक जाट परिवार से ताल्लुक रखते थे। 2016 में उन्होंने इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन किया था। मौत के दिन पहली बार मां से बिना टीका लगवाए निकले थेसिद्धू की अंतिम अरदास में उनके पिता ने खुलासा किया था कि…

MP Information: सीएम मोहन यादव ने दिया छह माह के कार्यकाल का ब्योरा, बोले- कांग्रेस ने किया दुष्प्रचार लेकिन एक भी योजना बंद नहीं हुई

मंत्रालय में आयोजित पत्रकार वार्ता में सीएम ने कहा कि उज्जैन जैसी रीजनल इन्वेस्टर्स समिट जबलपुर, ग्वालियर, रीवा समेत अन्य जगह होंगी। कांग्रेस ने योजनाएं बंद करने को लेकर काफी दुष्प्रचार किया लेकिन एक भी योजना बंद नहीं हुई। मंत्री 15 अगस्त को अपने प्रभार के जिले में झंडा फहराएंगे। By Neeraj Pandey Publish Date: Wed, 12 Jun 2024 01:39:02 AM (IST) Up to date Date: Wed, 12 Jun 2024 01:39:02 AM (IST) मोहन यादव के छह माह के कार्यकाल का ब्योरा HighLights गड़बड़ी कहीं भी हो, सरकार कठोर कदम उठाने से पीछे नहीं हटेगी: डा. मोहन अवैध खनन के मामलों त्वरित कारवाई की है और आगे भी होगी रीजनल इन्वेस्टर्स समिट जबलपुर, ग्वालियर, रीवा समेत अन्य जगह होंगी राज्य ब्यूरो, नईदुनिया, भोपाल : मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव ने अपने छह माह के कार्यकाल का ब्योरा देते हुए कहा कि एफ़ प्रदेश में गड़बड़ी किसी भी तरह की स्वीकार नहीं की जाएगी। जहां कहीं नियमों के विपरीत काम होगा, वहां कड़ी कार्रवाई होगी। अवैध खनन हो या फिर कानूनी व्यवस्था से जुड़े हुए मामले त्वरित कार्रवाई की जाएगी और हम ऐसा कर भी रहे हैं। रोजगार सरकार की प्राथमिकता में है। मंत्रालय में आयोजित पत्रकार वार्ता में सीएम ने कहा कि उज्जैन जैसी रीजनल इन्वेस्टर्स समिट जबलपुर, ग्वालियर, रीवा समेत अन्य जगह होंगी। कांग्रेस ने योजनाएं बंद करने को लेकर काफी दुष्प्रचार किया लेकिन एक भी योजना बंद नहीं हुई। मंत्री 15 अगस्त को अपने प्रभार के जिले में झंडा फहराएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार के गठन को छह माह हो चुके हैं। तीन माह लोकसभा चुनाव की आचार संहिता में बीते। शांतिपूर्ण चुनाव करना चुनौती थी। विपक्षी दल सहित सबने मिलकर शांतिपूर्ण चुनाव संपन्न कराए हैं। लोकसभा चुनाव में जो परिणाम आए हैं उसके अनुरूप ही प्रदेश से छह मंत्री बनाए गए हैं। केन-बेतवा लिंक परियोजना के लिए दो टेंडर हो चुके हैं। वन भूमि से जुड़ा हुआ जो विषय था, उसका भी समाधान कर लिया गया है। प्रदेश में निवेश भी बढ़ रहा चंबल-पार्वती-काली सिंध परियोजना को लेकर 20 वर्ष से उलझे विषय का भी समाधान कर लिया है। गांधी सागर जलाशय के जल उपयोग को लेकर जो विवाद था उसके समाधान की दिशा में भी आगे बढ़ गए हैं। प्रदेश में निवेश भी बढ़ रहा है। 60 हजार करोड रुपये के निवेश से सीहोर जिले के आष्टा में एथेन क्रैकर परियोजना आ रही है। ग्रीन फील्ड पेट्रोकेमिकल परिसर भी प्रस्तावित है। इससे 20 हजार से अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा। उज्जैन में रीजनल इन्वेस्टर्स समिट की गई थी, जिसमें एक लाख करोड रुपये के निवेश के प्रस्ताव मिले हैं। इससे रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। जबलपुर, ग्वालियर, रीवा सहित स्थान पर भी ऐसे ही समिट की जाएंगी। छह लाख किसानों से अभी तक 48 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीदा जा चुका है। हमारा प्रयास यही है कि किसानों को उपज का उचित मूल्य मिले। 125 रुपये प्रति क्विंटल बोनस भी दिया जा रहा है। इंदौर की हुकुमचंद मिल के श्रमिकों के 20 वर्ष से लंबित प्रकरण का जिस तरह समाधान किया गया, वैसा ग्वालियर, इंदौर, रतलाम और उज्जैन के मामले में भी किया जाएगा। मंत्रियों को जिले के प्रभार देने के संबंध में उन्होंने कहा कि 15 अगस्त को मंत्री प्रभार के जिले में झंडा फहराएंगे। दुष्प्रचार करती रही कांग्रेस मुख्यमंत्री ने कहा कांग्रेस दुष्प्रचार करती रही पर हमने पहले ही कहा था कि कोई भी योजना बंद नहीं होगी। एक करोड़ 29 लाख लाड़ली बहनों को अब तक 9,455 करोड रुपये दिए जा चुके हैं। बीते छह माह में 73,880 लाड़ली लक्ष्मियों को 24 करोड रुपये दिए गए हैं। 450 रुपए में रसोई गैस सिलेंडर उपलब्ध कराने के वादे को निभाते हुए अब तक 45 लाख 90 हजार बहनों के खातों में 118 करोड रुपये दिए जा चुके हैं। 11 हजार से अधिक युवाओं को नियुक्ति पत्र देने के साथ सात लाख हितग्राहियों को रोजगार योजनाओं के अंतर्गत पांच हजार करोड रुपये के ऋण स्वीकृत कराए हैं।भोपाल, उज्जैन, जबलपुर आदि जिलों में सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र में विस्तार की संभावनाओं को तलाशा जा रहा है। मैं स्वयं बेंगलुरु और हैदराबाद जाऊंगा और वहां बड़ी कंपनियों के प्रतिनिधियों से चर्चा कर उन्हें मध्य प्रदेश में आने के लिए प्रेरित करूंगा। पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने का कोई काम नहीं होगा भोपाल में शिवाजी नगर समेत अन्य क्षेत्रों में हजारों वृक्ष काटे जाने के प्रस्ताव पर मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने का कोई भी काम नहीं होगा। ऐसी कोई भी योजना नहीं बनाई जाएगी जिससे पर्यावरण को नुकसान हो। जहां आवश्यकता होगी वह वृक्षों को ट्रांसप्लांट करने जैसे विकल्पों को प्राथमिकता दी जाएगी। जल संरचनाओं के पुनर्जीवन के लिए गतिविधियां संचालित हो रही हैं। अनियंत्रित ध्वनि विस्तार की यंत्रों को हटाने की कार्रवाई की गई है। सरकार का प्रयास है कि कालेज, मंत्री और अधिकारी गांव को गोद लें ताकि वहां पर समुचित विकास के काम हो सके।

Shajapur Information: शाजापुर से कृष्णमृग और नीलगाय को बोमा पद्धति से पकड़कर मंदसौर के गांधी सागर भेजा जाएगा,

शाजापर में पाये जानें वाले कृष्णमृग और नीलगाय को पकड़कर मंदसौर जिले के गांधी सागर भेजा जाएगा। शुरुआत में 400 कृष्णमृग और सौ नीलगाय अन्यत्र भेजने की तैयारी है। जरुरत पड़ने पर हेलीकाप्टर की मदद भी ली जाएगी। By Neeraj Pandey Publish Date: Wed, 12 Jun 2024 02:19:25 AM (IST) Up to date Date: Wed, 12 Jun 2024 02:19:25 AM (IST) शुरुआत में 400 कृष्णमृग और सौ नीलगाय अन्यत्र भेजने की तैयारी HighLights सिंतबर-अक्टूबर में आएगी साउथ अफ्रीका की टीम बोमा लगाकर पकड़ेंगे नीलगाय, कृष्णमृग जरूरत पड़ने पर ली जाएगी हेलीकाप्टर की मदद मोहित व्यास, नईदुनिया : शाजापुर : जिले में बड़ी संख्या में पाए जाने वाले कृष्णमृग और नीलगाय को साउथ अफ्रीका की टीम द्वारा बोमा पद्धति से पकड़कर मंदसौर जिले के गांधी सागर भेजा जाएगा। वन विभाग के अनुसार, यह काम मार्च में किया जाना था, किंतु मौसम के मिजाज के कारण नहीं हो सका। अब सितंबर अंत या अक्टूबर की शुरुआत में यह काम किया जाएगा। विशेष उपकरण मंगाए गए हैं और हेलीकाप्टर की मदद भी ली जाएगी। साउथ अफ्रीका की टीम करेगी काम शुरुआत में 400 कृष्णमृग और सौ नीलगाय अन्यत्र भेजने की तैयारी है। योजना के क्रियान्वयन के लिए बजट को भी मंजूरी मिल चुकी है। साउथ अफ्रीका की टीम से वीडियो कान्फ्रेंस के माध्यम से प्रोजेक्ट से जुड़ी जानकारी साझा की जा रही है। शाजापुर के वन मंडलाधिकारी मयंक चांदीवाल का कहना है कि सितंबर अंत या अक्टूबर की शुरुआत में जिले से नीलगाय और कृष्णमृग को बोमा पद्धति से पकड़कर अन्यत्र भेजा जाएगा। यह काम साउथ अफ्रीका की टीम करेगी। हम टीम के संपर्क में हैं। नीलगाय और कृष्णमृग की मौजूदगी वाले स्थानों का सर्वे कर चयन किया जा चुका है।

पाकिस्‍तान के खिलाफ चमका कनाडाई बल्‍लेबाज, जमकर लगाए चौके-छक्‍के, रोहित-मिलर के क्‍लब में बनाई जगह

हाइलाइट्स कनाडा के एरोन जॉनसन ने शानदार अर्धशतक जड़ा.पाकिस्‍तान के खिलाफ जॉनसन ने ओपनिंग करते हुए शानदार बैटिंग की. कनाडा के खिलाफ पाकिस्‍तान करो-मरो की स्थिति में है. नई दिल्‍ली. टी20 वर्ल्‍ड कप में पाकिस्‍तान की टीम के खिलाफ बैटिंग करने उतरे कनाडा के ओपनिंग बैटर एरोन जॉनसन ने शानदार खेल दिखाया. न्‍यूयॉर्क की मुश्किल पिच पर जहां बड़े-बड़े बैटर्स रन बनाने में स्‍ट्रगल करते नजर आ रहे हैं, वहां कनाडाई क्रिकेटर के बल्‍ले का जादू जमकर चला. उन्‍होंने मैच में 44 गेंदों पर 52 रनों की शानदार पारी खेली. इस दौरान उनके बैट से चार चौके और इतने ही छक्‍के आए. हालांकि दूसरे छोर पर लगातार विकेट गिरने के चलते वो ज्‍यादा तेजी से रन नहीं बना सके. एरोन जॉनसन जिस वक्‍त आउट हुए तब कनाडा का स्‍कोर 14वें ओवर में छह विकेट के नुकसान पर 73 रन था. बड़ा शॉट लगाने का प्रयास कर रहे जॉनसन को नसीम शाह ने क्‍लीन बोल्‍ड कर दिया. कनाडाई बैटर की पारी कई मायनों में अहम है. अब तक न्‍यूयॉर्क की पिच पर छह मैच खेले जा चुके हैं. इस दौरान यहां सबसे बड़ा स्‍कोर महज 137 रन ही है. यह स्‍कोर पर कनाडा ने ही आयरलैंड के खिलाफ मैच के दौरान बनाया था. यहां, भारत-पाकिस्‍तान और साउथ अफ्रीका जैसी टीमें 120 गेंद पर 120 रन तक नहीं बना पाई हैं. ऐसे में शाहीन अफरीदी, नसीम शाह, मोहम्‍मद आमिर जैसे बॉलर्स के खिलाफ जॉनसन की फिफ्टी मायने रखती है. यह भी पढ़ें:- Humorous Video: जब अफरीदी-सिद्धू की न्‍यूयॉर्क में हुई मुलाकात, भारतीय दिग्‍गज बोला- ‘है कोई इससे सोना मुंडा..’ रोहित-मिलर के क्‍लब में बनाई जगहन्‍यूयॉर्क के नासाउ काउंटी अंतरराष्‍ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम की पिच पर अब तक छह मैचों में केवल दो बैटर ही अर्धशतक लगा पाए हैं. सबसे पहले रोहित शर्मा ने आयरलैंड के खिलाफ टी20 वर्ल्‍ड कप मैच में यहां 52 रन की पारी खेली थी. इस मैच में भारत ने आठ विकेट से जीत दर्ज की थी. फिर यहां साउथ अफ्रीका और नीदरलैंड के बीच मैच हुआ. मिलर ने नंबर-6 पर बैटिंग करते हुए 51 गेंदों पर 59 रनों की पारी खेली. Tags: Cricket information, Icc T20 world cup, Pakistan cricket workforce, T20 World Cup FIRST PUBLISHED : June 11, 2024, 22:15 IST

Delhi Water Disaster: दिल्ली में जल संकट पर BJP का हल्ला बोल, AAP पर लगाया ‘पानी चोरी’ का आरोप

दिल्ली में जल संकट पर सियासत तेज हो गई है। भाजपा ने आम आदमी पार्टी की सरकार पर पानी चोरी का आरोप लगा दिया है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि दिल्ली सरकार के संरक्षण में पानी की चोरी हो रही है। By Anurag Mishra Publish Date: Tue, 11 Jun 2024 09:41:08 PM (IST) Up to date Date: Tue, 11 Jun 2024 09:41:08 PM (IST) जलसंकट पर सियासत हुई तेज। HighLights दिल्ली में जलसंकट पर सियासत हुई तेज। भाजपा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आप पर लगाए आरोप। भाजपा ने कहा- आप का भ्रष्ट तंत्र पानी की कमी के लिए जिम्मेदार। डिजिटल डेस्क, इंदौर। दिल्ली में जल संकट पर सियासत तेज हो गई है। भाजपा ने आम आदमी पार्टी की सरकार पर पानी चोरी का आरोप लगा दिया है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि दिल्ली सरकार के संरक्षण में पानी की चोरी हो रही है। दिल्ली में जो आज पानी की कमी हो रही है, उसकी जिम्मेदार सिर्फ और सिर्फ दिल्ली सरकार, दिल्ली जल बोर्ड और उसके अधिकारी हैं। उन्होंने आगे कहा कि दिल्ली में पानी की किल्लत दिल्ली सरकार द्वारा रची गई एक सोची-समझी साजिश है। जिसके तहत AAP सरकार ने अपने भ्रष्टतंत्र को जारी रखते हुए इसे पैसा कमाने का जरिया बना लिया है। मुनक नहर के किनारे टैंकर्स लाइन से लगाये जाते हैं, जिसमें पानी भरकर उसे शहर के उन इलाकों में मनमाने ढंग से बेचा जा रहा है जहां पानी की किल्लत है। दिल्ली सरकार ने नहीं की स्टोरेज की व्यवस्था दिल्ली सरकार के संरक्षण में पानी की चोरी हो रही है। दिल्ली में जो आज पानी की कमी हो रही है उसकी जिम्मेदार सिर्फ और सिर्फ दिल्ली सरकार, दिल्ली जल बोर्ड और उसके अधिकारी हैं-प्रदेश अध्यक्ष श्री @Virend_Sachdeva pic.twitter.com/snaWwCx995 — BJP Delhi (@BJP4Delhi) June 11, 2024 जलबोर्ड के अधिकारियों ने आधिकारिक रुप से इस बात की पुष्टी की है कि हरियाणा द्वारा अनुबंध से अधिक पानी दिया जा रहा है। सच्चाई यह भी है कि दिल्ली सरकार के पास न तो स्टोरेज की व्यवस्था है और न ही पानी के ट्रीटमेंट की व्यवस्था है। आप के कारण बूंद-बूंद के लिए तरस रहे लोग दिल्ली जलबोर्ड के पास सिर्फ 900 एमजीडी पानी ट्रीट करने की क्षमता है। इसके चलते आज जहां 25 फीसदी पानी की चोरी हो रही है, वहीं अधिक पानी आपूर्ति पर यह चोरी बढ़कर 40 फीसदी हो जाएगी। हमारे दिल्ली वासियों को आम आदमी पार्टी के भ्रष्टतंत्र के कारण बूंद-बूंद पानी के लिए तरसना पड़ रहा है। उनको उपयोग के लिए गंदा पानी मिल रहा है।

Panchayat Prahlad Cha Faisal Malik Telephone Crashes | Faisal Malik | पंचायत को लेकर दुविधा में थे ‘प्रहलाद चा’: सोचा- क्राइम-थ्रिलर के जमाने में इसे कौन देखेगा; अब इतने कॉल्स आए कि फोन क्रैश हो गया

मुंबई21 घंटे पहलेलेखक: आशीष तिवारी कॉपी लिंक पंचायत के तीसरे सीजन को देखने के बाद एक किरदार अलग ही छाप छोड़ जाता है। जो किरदार पिछले दो सीजन में मस्ती मजाक करता दिखा, वो इस सीजन में बिल्कुल बदला-बदला नजर आया है। बेटे के गुजरने के बाद यह किरदार खुद में ही खोया रहता है। हम बात कर रहे हैं पंचायत के प्रहलाद चा यानी फैसल मलिक की। फैसल मलिक ने प्रहलाद चा के किरदार को निभाया ही नहीं बल्कि जिया है। इसके लिए उन्होंने वजन भी बढ़ाया। फैसल ने दैनिक भास्कर को दिए इंटरव्यू में बताया कि जब पहली बार उन्होंने पंचायत का कॉन्सेप्ट सुना तो दुविधा में थे। उन्हें लगा कि आज के समय में गांव की पृष्ठभूमि पर बनने वाला शो कोई क्यों देखेगा। हालांकि स्क्रिप्ट पढ़ते ही उनका दिमाग खुल गया। उन्हें कहानी इतनी पसंद आई कि उन्होंने बिना देर किए इसमें काम करने के लिए हामी भर दी। अब अपने काम से उन्होंने इतना प्रभावित कर दिया है कि उनके पास फोन कॉल्स और मैसेजेस की लाइन लग गई है। इसकी वजह से उनका फोन क्रैश भी हो गया है। फैसल मलिक के साथ सवाल-जवाब का दौर शुरू करते हैं.. सबसे पहले तो आपको बहुत-बहुत मुबारकबाद। आपकी सीरीज पंचायत को ढेर सारा प्यार मिल रहा है, इसके बारे में क्या कहेंगे?जवाब- जब मेरे पास पहली बार इस शो का कॉन्सेप्ट आया तो मैं सोचने लगा कि ऐसी स्टोरी कोई क्यों देखना चाहेगा। पिछले कुछ सालों से क्राइम सस्पेंस और थ्रिलर शोज का बोलबाला रहा है, फिर गांव की पृष्ठभूमि पर बनने वाला शो चलेगा कि नहीं इस में संशय था। हालांकि पहले सीजन के बाद लोगों ने इसे गजब का प्यार दिया। यही सोचकर मेकर्स ने दूसरा सीजन भी बनाया। दूसरा सीजन भी सक्सेसफुल रहा। अब आपके बीच तीसरा सीजन भी आ गया है। लोग इसे भी बहुत एन्जॉय कर रहे हैं। मेरे पास इतने मैसेजेस आ रहे हैं कि फोन क्रैश हो गया है। अभी उसे बनने को दिया है। इस बार आपका किरदार पहले की तुलना में थोड़ा संजीदा है। बेटे की मौत के बाद आपका किरदार कहीं न कहीं गम में रहता है, ऐसे सीन किसे सोचकर कर पाए?जवाब- मौत एक कड़वा सच है। यह कभी न कभी सबकी जिंदगी में घटित होना ही है। कोविड के दौरान मेरे पिता का निधन हो गया। मेरे करीबी दोस्त भी गुजर गए। इमोशनल सीन्स की शूटिंग के वक्त मुझे उनका ख्याल आता था। शायद इस वजह से एक्टिंग काफी नेचुरल लगी है। मैंने जो भी किया है, वो सब खुद से ही किया है। जो मेरे अंदर से निकल रहा था, वही स्क्रीन पर भी दिख रहा था। प्रहलाद चा और फैसल मलिक में क्या समानता है?जवाब- दोनों मस्त मौला इंसान हैं। दोनों को अपनी लाइफ से बहुत ज्यादा की डिमांड नहीं है। फैसल और प्रहलाद चा दोनों के अंदर सेवा भाव की भावना है। मैं रियल लाइफ में भी अपने दोस्तों और सगे संबंधियों का बहुत सम्मान करता हूं। उनकी मदद के लिए हमेशा खड़ा रहता हूं। प्रहलाद चा के रोल के लिए खुद को तैयार कैसे किया? कहीं से कुछ सीखना पड़ा?जवाब- मैं तो गांव से जुड़ा हुआ हूं। गांव में एक बंदा ऐसा होता है, जो हर वक्त नेता जी के साथ साए की तरह चिपका होता है। अगर 2 बजे रात में भी नेता जी याद करें तो वो खड़ा मिलता है। मेरा भी कैरेक्टर उसी तरह का है। मेरा किरदार बहुत हद तक रघु भाई (प्रधान का रोल करने वाले रघुबीर यादव) पर डिपेंडेंट है। एकाध वर्कशॉप को छोड़ दें तो मैंने इसके लिए कहीं से ट्रेनिंग नहीं ली। बस आस-पास के लोगों को देख कर रोल में ढल गया। सेट के माहौल के बारे में बताइए?जवाब- सेट पर काफी शानदार माहौल रहता था। सब लोग एक दूसरे के साथ हंसी मजाक करते थे। बस जिस दिन सीरियस सीक्वेंस की शूटिंग रहती, उस दिन डायरेक्टर सबको हिदायत देते थे कि कोई शोर नहीं करेगा। सीरियस सीक्वेंस फिल्माते वक्त माहौल काफी सख्त रहता था। इसके अलावा बाकी दिनों में तो खूब मजाक मस्ती होती रहती थी। पंचायत की कहानी में ऐसा क्या दिखा कि आप इसमें काम करने को राजी हो गए?जवाब- अमूमन हम फिल्मों में देखते हैं कि गांव का लड़का शहर जाता है, वहां उसे अलग-अलग परेशानियों का सामना करना पड़ता है। पंचायत में ये चीज उल्टा था। वहां शहर का लड़का गांव में जाकर खुद को एक्सप्लोर करता है। गांव के रहन-सहन को देखता है। गांव की पॉलिटिक्स से उसका परिचय भी होता है। यही सब देखकर मैंने सोच लिया कि मुझे इस शो में काम करना है। प्रहलाद चा के रोल में ढलने के लिए आपने वेट बढ़ाया है या कुछ मेकअप के जरिए कमाल दिखाया गया है?जवाब- नहीं, मेकअप वगैरह कुछ नहीं है। रोल के लिए मैंने काफी ज्यादा वजन बढ़ाया है। दिन भर में सिर्फ दो घंटे सोता था। स्लीप साइकल बदलने की वजह से मैंने काफी वजन बढ़ा लिया। मेकअप वगैरह करके भी देखा था, लेकिन उसमें वो फील नहीं आ रहा था। पंचायत की शूटिंग लोकेशन के बारे में कुछ बताइए?जवाब- इसकी शूटिंग मध्य प्रदेश के सीहोर के एक गांव में हुई थी। जहां सीरीज की पूरी शूटिंग हुई वहां कोई दूर-दूर तक दिखता नहीं था। एकाध कभी जानवर वगैरह दिख जाते थे। हमें शूटिंग करने में कभी कोई दिक्कत नहीं हुई। उस गांव में मंदिर से लेकर चबूतरे, पेड़-पौधे और नदी-तालाब सब थे। हम लोगों ने इन सारी जगहों पर शूटिंग की है। सीहोर में इकलौता एक रिसॉर्ट है। वहां हम सारे एक्टर्स पैकअप के बाद जाकर रहते थे। नीना गुप्ता और रघुबीर यादव जैसे एक्सपीरियंस एक्टर्स के साथ सेट पर कैसा माहौल होता था?जवाब- नीना जी और रघु भाई दोनों खूब फन लविंग इंसान हैं। कहने को वे दोनों सबसे सीनियर हैं, लेकिन सेट पर सबसे ज्यादा हंसी मजाक यही दोनों करते थे। रघु भाई दिन भर गाने गाते रहते थे। वे माहौल को बिल्कुल हल्का करके रखते थे। शो के डायरेक्टर दीपक कुमार मिश्रा का भी सेंस ऑफ ह्यूमर काफी अच्छा है। वो खुद भी एक शानदार एक्टर हैं।

MP Information: मध्य प्रदेश मेडिकल काउंसिल में पहली बार चुनाव, डाक्टरों के लिए डाक्टर ही लेंगे निर्णय

मेडिकल काउंसिल आफ इंडिया की जगह बना नेशनल मेडिकल (कमीशन) डाक्टरों के पंजीयन और उसके नवीनीकरण को लेकर कई बड़े बदलाव करने की तैयारी में है। पहली बार काउंसिल में चुनाव होने जा रहे हैं। इसमें काउंसिल में पंजीकृत सभी डाक्टर मतदान करेंगे। पहली बार चुनाव होने के चलते डाक्टरों में भी बेहद उत्साह है। By Neeraj Pandey Publish Date: Wed, 12 Jun 2024 01:47:40 AM (IST) Up to date Date: Wed, 12 Jun 2024 01:47:40 AM (IST) चुनाव प्रक्रिया जुलाई में शुरू करने की तैयारी HighLights पहली बार मेडिकल काउंसिल में होंगे चुनाव निजी और सरकारी मिलाकर 23 हजार डाक्टर सितंबर में मतदान के लिए डाक्टरों को भेजी जा रही सूचना राज्य ब्यूरो, नईदुनिया : भोपाल : प्रदेश में डाक्टरों की सबसे बड़ी संस्था मध्य प्रदेश मेडिकल काउंसिल में अब उनका ही प्रतिनिधि निर्णय लेगा। पहली बार काउंसिल में चुनाव होने जा रहे हैं। इसमें काउंसिल में पंजीकृत सभी डाक्टर मतदान करेंगे। चुनाव प्रक्रिया जुलाई में शुरू करने की तैयारी है। सितंबर में मतदान होगा। काउंसिल में 55 हजार डाक्टर पंजीकृत हैं। हालांकि, इनमें कुछ दूसरे राज्यों में और कुछ विदेश चले गए हैं। कुछ डाक्टरों का निधन हो गया। इस तरह निजी और सरकारी मिलाकर 23 हजार डाक्टर ही हैं, जो भोपाल आकर मतदान करेंगे। पहली बार चुनाव होने के चलते डाक्टरों में भी बेहद उत्साह है। पहली बार चुनाव डाक्टरों में भी उत्साह दरअसल, मेडिकल काउंसिल आफ इंडिया की जगह बना नेशनल मेडिकल (कमीशन) डाक्टरों के पंजीयन और उसके नवीनीकरण को लेकर कई बड़े बदलाव करने की तैयारी में है। इसके पहले सभी राज्यों की मेडिकल काउंसिल में प्रविधान के अनुरूप चुनाव कराने के लिए कहा गया है। काउंसिल में पंजीकृत सभी डाक्टर मतदाता होंगे। अब देखना होगा कि इनमें कितने डाक्टर भोपाल आकर मतदान करते हैं। यह काम करती है काउंसिल बार काउंसिल, वेटरनरी काउंसिल, डेंटल काउंसिल जैसी कई संस्थाएं अपने अध्यक्ष व कार्यकारिणी का चुनाव करती हैं। मेडिकल काउंसिल में भी प्रविधान है, पर डाक्टरों में ही कई गुट होने के चलते चुनाव पर सहमति नहीं बन पा रही थी। ऐसे में सरकार भी रुचि नहीं ले रही थी। निर्वाचित अध्यक्ष नहीं होने पर स्वास्थ्य या चिकित्सा शिक्षा विभाग के आयुक्त या संचालक को अध्यक्ष की जिम्मेदारी दी जाती रही है। मेडिकल काउंसिल डाक्टरों का पंजीयन, पंजीयन के नियम, डाक्टरों के विरुद्ध आने वाली शिकायतों की सुनवाई करती है। उन पर निगरानी के लिए नियम बनाती है। समय-समय पर काउंसिल की बैठके होती हैं, जिनमें महत्वपूर्ण निर्णय लिए जाते हैं।

Sehore Information: जमीन के लिए सीहोर में पेड़ पर बैठा किसान, ग्रामीणों ने जनसुनवाई में भेजा

सीहोर में किसान की कब्जे वाली भूमि पर सीहोर के दबंग ने जबरन कब्जा कर लिया जिससे परेशान किसान ने विरोध दर्ज कराते हुए मंगलवार को पेड़ पर चढ़ गया और घंटों पेड़ पर बैठा रहा। By Neeraj Pandey Publish Date: Wed, 12 Jun 2024 01:54:27 AM (IST) Up to date Date: Wed, 12 Jun 2024 01:54:27 AM (IST) HighLights सीहोर में अपनी माँग को लेकर पेड़ पर बैठा किसान, कलेक्ट्रेट पहुंचे पीड़ित ने कब्जा हटवाकर कृषि भूमि दिलाए जाने की मांग की भूमि पर दबंग ने जबरन कब्जा कर लिया नईदुनिया प्रतिनिधि, सीहोर : अपनी जमीन को दबंगों के कब्जे से मुक्त कराने के लिए परेशान किसान ने अनोखे अंदाज में विरोध दर्ज कराया। वह मंगलवार को पेड़ पर चढ़ गया और घंटों पेड़ पर बैठा रहा। ग्रामीणों ने बमुश्किल उसको समझा बुझाकर कलेक्ट्रेट जनसुनवाई के लिए सीहोर भेजा। आरोप है कि किसान की कब्जे वाली भूमि पर सीहोर के दबंग ने जबरन कब्जा कर लिया है। किसान लंबे समय से कृषि भूमि पर अपना कब्जा दर्ज कराने की मांग कर रहा है, लेकिन राजस्व विभाग किसान की मांग को पूरा नहीं कर रहा है। कलेक्ट्रेट पहुंचे ग्राम धबोटी के किसान बाबूलाल पुत्र सुंदर लाल प्रजापति ने बताया कि ग्राम धबोटी तहसील सीहोर की भूमि खसरा नंबर 63 रकबा 6.70 हेक्टेयर में से 0.809 हेक्टेयर 2 एकड़ कृषि भूमि पर उसका परिवार 1980 से लगातार कृषि कार्य कर रहा था। इस भूमि पर काबिज होकर भूमिहीन की श्रेणी में राजस्व विभाग में नाम दर्ज था। परिवार के द्वारा राजस्व शुल्क भी जमा किया जा रहा था, लेकिन वर्ष 2018 में पिता सुंदर लाल की मृत्यु के बाद तत्कालीन पटवारी ने सीहोर के एडवोकेट से साठगांठ करके कब्जेदार किसान का नाम कटवा दिया। इस भूमि पर अब किसी और का कब्जा है और टिनशेड सहित ट्यूवेल खनन भी करा लिया है। जबकि हकदार गरीब किसान दर-दर की ठोकरे खा रहा है। पीड़ित किसान ने कई बार तहसील कार्यालय में आवेदन दिया है, लेकिन कोई सुनने को तैयार नहीं है। किसान बाबूलाल ने पूरे मामले की निष्पक्ष जांच किए जाने और कृषि भूमि पर कब्जा दर्ज कर जुर्माना नोटिस कर कब्जा हटवाकर कृषि भूमि दिलाए जाने की मांग शासन प्रशासन से की है।