MP Information: सीएम मोहन यादव ने दिया छह माह के कार्यकाल का ब्योरा, बोले- कांग्रेस ने किया दुष्प्रचार लेकिन एक भी योजना बंद नहीं हुई

मंत्रालय में आयोजित पत्रकार वार्ता में सीएम ने कहा कि उज्जैन जैसी रीजनल इन्वेस्टर्स समिट जबलपुर, ग्वालियर, रीवा समेत अन्य जगह होंगी। कांग्रेस ने योजनाएं बंद करने को लेकर काफी दुष्प्रचार किया लेकिन एक भी योजना बंद नहीं हुई। मंत्री 15 अगस्त को अपने प्रभार के जिले में झंडा फहराएंगे।

By Neeraj Pandey

Publish Date: Wed, 12 Jun 2024 01:39:02 AM (IST)

Up to date Date: Wed, 12 Jun 2024 01:39:02 AM (IST)

मोहन यादव के छह माह के कार्यकाल का ब्योरा

HighLights

  1. गड़बड़ी कहीं भी हो, सरकार कठोर कदम उठाने से पीछे नहीं हटेगी: डा. मोहन
  2. अवैध खनन के मामलों त्वरित कारवाई की है और आगे भी होगी
  3. रीजनल इन्वेस्टर्स समिट जबलपुर, ग्वालियर, रीवा समेत अन्य जगह होंगी

राज्य ब्यूरो, नईदुनिया, भोपाल : मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव ने अपने छह माह के कार्यकाल का ब्योरा देते हुए कहा कि एफ़ प्रदेश में गड़बड़ी किसी भी तरह की स्वीकार नहीं की जाएगी। जहां कहीं नियमों के विपरीत काम होगा, वहां कड़ी कार्रवाई होगी। अवैध खनन हो या फिर कानूनी व्यवस्था से जुड़े हुए मामले त्वरित कार्रवाई की जाएगी और हम ऐसा कर भी रहे हैं। रोजगार सरकार की प्राथमिकता में है।

मंत्रालय में आयोजित पत्रकार वार्ता में सीएम ने कहा कि उज्जैन जैसी रीजनल इन्वेस्टर्स समिट जबलपुर, ग्वालियर, रीवा समेत अन्य जगह होंगी। कांग्रेस ने योजनाएं बंद करने को लेकर काफी दुष्प्रचार किया लेकिन एक भी योजना बंद नहीं हुई। मंत्री 15 अगस्त को अपने प्रभार के जिले में झंडा फहराएंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार के गठन को छह माह हो चुके हैं। तीन माह लोकसभा चुनाव की आचार संहिता में बीते। शांतिपूर्ण चुनाव करना चुनौती थी। विपक्षी दल सहित सबने मिलकर शांतिपूर्ण चुनाव संपन्न कराए हैं। लोकसभा चुनाव में जो परिणाम आए हैं उसके अनुरूप ही प्रदेश से छह मंत्री बनाए गए हैं। केन-बेतवा लिंक परियोजना के लिए दो टेंडर हो चुके हैं। वन भूमि से जुड़ा हुआ जो विषय था, उसका भी समाधान कर लिया गया है।

प्रदेश में निवेश भी बढ़ रहा

चंबल-पार्वती-काली सिंध परियोजना को लेकर 20 वर्ष से उलझे विषय का भी समाधान कर लिया है। गांधी सागर जलाशय के जल उपयोग को लेकर जो विवाद था उसके समाधान की दिशा में भी आगे बढ़ गए हैं। प्रदेश में निवेश भी बढ़ रहा है। 60 हजार करोड रुपये के निवेश से सीहोर जिले के आष्टा में एथेन क्रैकर परियोजना आ रही है। ग्रीन फील्ड पेट्रोकेमिकल परिसर भी प्रस्तावित है। इससे 20 हजार से अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा।

उज्जैन में रीजनल इन्वेस्टर्स समिट की गई थी, जिसमें एक लाख करोड रुपये के निवेश के प्रस्ताव मिले हैं। इससे रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। जबलपुर, ग्वालियर, रीवा सहित स्थान पर भी ऐसे ही समिट की जाएंगी। छह लाख किसानों से अभी तक 48 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीदा जा चुका है। हमारा प्रयास यही है कि किसानों को उपज का उचित मूल्य मिले। 125 रुपये प्रति क्विंटल बोनस भी दिया जा रहा है।

इंदौर की हुकुमचंद मिल के श्रमिकों के 20 वर्ष से लंबित प्रकरण का जिस तरह समाधान किया गया, वैसा ग्वालियर, इंदौर, रतलाम और उज्जैन के मामले में भी किया जाएगा। मंत्रियों को जिले के प्रभार देने के संबंध में उन्होंने कहा कि 15 अगस्त को मंत्री प्रभार के जिले में झंडा फहराएंगे।

दुष्प्रचार करती रही कांग्रेस

मुख्यमंत्री ने कहा कांग्रेस दुष्प्रचार करती रही पर हमने पहले ही कहा था कि कोई भी योजना बंद नहीं होगी। एक करोड़ 29 लाख लाड़ली बहनों को अब तक 9,455 करोड रुपये दिए जा चुके हैं। बीते छह माह में 73,880 लाड़ली लक्ष्मियों को 24 करोड रुपये दिए गए हैं। 450 रुपए में रसोई गैस सिलेंडर उपलब्ध कराने के वादे को निभाते हुए अब तक 45 लाख 90 हजार बहनों के खातों में 118 करोड रुपये दिए जा चुके हैं।

11 हजार से अधिक युवाओं को नियुक्ति पत्र देने के साथ सात लाख हितग्राहियों को रोजगार योजनाओं के अंतर्गत पांच हजार करोड रुपये के ऋण स्वीकृत कराए हैं।भोपाल, उज्जैन, जबलपुर आदि जिलों में सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र में विस्तार की संभावनाओं को तलाशा जा रहा है। मैं स्वयं बेंगलुरु और हैदराबाद जाऊंगा और वहां बड़ी कंपनियों के प्रतिनिधियों से चर्चा कर उन्हें मध्य प्रदेश में आने के लिए प्रेरित करूंगा।

पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने का कोई काम नहीं होगा

भोपाल में शिवाजी नगर समेत अन्य क्षेत्रों में हजारों वृक्ष काटे जाने के प्रस्ताव पर मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने का कोई भी काम नहीं होगा। ऐसी कोई भी योजना नहीं बनाई जाएगी जिससे पर्यावरण को नुकसान हो। जहां आवश्यकता होगी वह वृक्षों को ट्रांसप्लांट करने जैसे विकल्पों को प्राथमिकता दी जाएगी। जल संरचनाओं के पुनर्जीवन के लिए गतिविधियां संचालित हो रही हैं। अनियंत्रित ध्वनि विस्तार की यंत्रों को हटाने की कार्रवाई की गई है। सरकार का प्रयास है कि कालेज, मंत्री और अधिकारी गांव को गोद लें ताकि वहां पर समुचित विकास के काम हो सके।

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