शाजापर में पाये जानें वाले कृष्णमृग और नीलगाय को पकड़कर मंदसौर जिले के गांधी सागर भेजा जाएगा। शुरुआत में 400 कृष्णमृग और सौ नीलगाय अन्यत्र भेजने की तैयारी है। जरुरत पड़ने पर हेलीकाप्टर की मदद भी ली जाएगी।
By Neeraj Pandey
Publish Date: Wed, 12 Jun 2024 02:19:25 AM (IST)
Up to date Date: Wed, 12 Jun 2024 02:19:25 AM (IST)
HighLights
- सिंतबर-अक्टूबर में आएगी साउथ अफ्रीका की टीम
- बोमा लगाकर पकड़ेंगे नीलगाय, कृष्णमृग
- जरूरत पड़ने पर ली जाएगी हेलीकाप्टर की मदद
मोहित व्यास, नईदुनिया : शाजापुर : जिले में बड़ी संख्या में पाए जाने वाले कृष्णमृग और नीलगाय को साउथ अफ्रीका की टीम द्वारा बोमा पद्धति से पकड़कर मंदसौर जिले के गांधी सागर भेजा जाएगा। वन विभाग के अनुसार, यह काम मार्च में किया जाना था, किंतु मौसम के मिजाज के कारण नहीं हो सका। अब सितंबर अंत या अक्टूबर की शुरुआत में यह काम किया जाएगा। विशेष उपकरण मंगाए गए हैं और हेलीकाप्टर की मदद भी ली जाएगी।
साउथ अफ्रीका की टीम करेगी काम
शुरुआत में 400 कृष्णमृग और सौ नीलगाय अन्यत्र भेजने की तैयारी है। योजना के क्रियान्वयन के लिए बजट को भी मंजूरी मिल चुकी है। साउथ अफ्रीका की टीम से वीडियो कान्फ्रेंस के माध्यम से प्रोजेक्ट से जुड़ी जानकारी साझा की जा रही है। शाजापुर के वन मंडलाधिकारी मयंक चांदीवाल का कहना है कि सितंबर अंत या अक्टूबर की शुरुआत में जिले से नीलगाय और कृष्णमृग को बोमा पद्धति से पकड़कर अन्यत्र भेजा जाएगा। यह काम साउथ अफ्रीका की टीम करेगी। हम टीम के संपर्क में हैं। नीलगाय और कृष्णमृग की मौजूदगी वाले स्थानों का सर्वे कर चयन किया जा चुका है।