मध्य प्रदेश के सरकारी स्कूलों में प्रहरी क्लब के जरिए छात्रों को नशे से दूर रखने के प्रयास किए जाएंगे। क्लब के सदस्य यह तय करेंगे कि छात्रों को नशीले पदार्थों के सेवन से रोका जाए। एक क्लब में 20 सदस्य होंगे।
By Anurag Mishra
Publish Date: Sat, 29 Jun 2024 03:52:41 AM (IST)
Up to date Date: Sat, 29 Jun 2024 03:52:41 AM (IST)
HighLights
- प्रहरी विद्यार्थियों को नशीले पदार्थों के नुकसान के प्रति करेंगे जागरुक।
- प्रहरी ध्यान रखेंगे कि नशे की दुकानें स्कूल से 100 मीटर के दायरे में ना हो।
- एक शिक्षक निभाएगा प्रभारी की जिम्मेदारी।
नईदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल। मध्यप्रदेश के सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों को नशे से दूर रखने के लिए प्रहरी क्लब बनाया जाएगा। इसके लिए स्कूल शिक्षा विभाग ने कार्य योजना बना ली है। अब छठवीं से 12वीं तक के विद्यार्थियों को नशे से दूर करने के लिए जागरूक करने के लिए प्रहरियों की मदद ली जाएगी।
लोक शिक्षण संचालनालय (डीपीआइ) ने प्रदेश के सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को दिशा-निर्देश जारी किया है। स्कूलों में छठवीं से 12वीं तक के बच्चों में नशीली दवाओं के सेवन और तस्करी की रोकथाम के लिए प्रहरी क्लब का गठन किया जाएगा।
इस क्लब के सदस्य विद्यार्थियों को तंबाकू व अन्य प्रकार नशीले पदार्थों से होने वाले नुकसान के प्रति जागरुक करेंगे। यह क्लब स्कूली बच्चों और अभिभावकों के सहयोग से चलाया जाएगा। क्लब के सदस्य इस बात का ध्यान रखेंगे कि किसी प्रकार के नशे की दुकानें शिक्षण संस्थान से 100 मीटर के दायरे में न हो।
प्रहरी क्लब के सदस्य निगरानी करेंगे कि विद्यालय के विद्यार्थी शराब, पान मसाला, गुटका, बीड़ी और सिगरेट की लत से बचे रहें। डीपीआइ ने स्कूलों को निर्देश दिए हैं कि प्रहरी क्लब के नोडल या प्रभारी शिक्षकों का डाटा राष्ट्रीय बाल अधिकार आयोग के पोर्टल पर एक सप्ताह में दर्ज करना होगा।
एक शिक्षक को बनाया जाएगा प्रभारी
प्रहरी क्लब में एक शिक्षक को प्रभारी बनाया जाएगा। यह ध्यान रखना होगा कि जिस शिक्षक को क्लब का प्रभारी बनाया जा रहा है, उसे तंबाकू या अन्य प्रकार के नशे की लत ना हो। वहीं प्रहरी क्लब में प्रत्येक कक्षाओं के विद्यार्थियों को शामिल किया जाएगा। जागरुकता के लिए इस क्लब के कार्यक्रमों में अभिभावकों को भी आमंत्रित किया जाएगा। प्रत्येक क्लब में 20 सदस्य होंगे।