Korba Information: पुलिस ने क्यूलाफ को घोषित किया गैर मान्यता प्राप्त एप

साइबर सेल प्रभारी अजय सोनवानी ने नईदुनिया से चर्चा करते हुए कहा कि जब तक इस मामले की कोई शिकायत नहीं आएगी, तब तक जांच शुरू नहीं की जा सकती। कंपनी को मेल कर जानकारी तलब करने के लिए एक शिकायत कर्जा आवश्यक है। उधर अधिवक्ता मीनू त्रिवेदी का कहना है कि सार्वजनिक हो चुके मामले की जांच करने का अधिकार पुलिस को है।

By Pradeep Barmaiya

Publish Date: Mon, 01 Jul 2024 12:00:24 AM (IST)

Up to date Date: Mon, 01 Jul 2024 12:00:24 AM (IST)

HighLights

  1. साइबर सेल प्रभारी ने वीडियो जारी कर कहा- निवेश से बचें
  2. केवाईसी के नाम पर अभी भी जमा करा रहे छह- छह हजार
  3. पुलिस शिकायत के इंतजार में हाथ पर हाथ धरे बैठी है।

नईदुनिया प्रतिनिधि, कोरबा : क्यूलाफ एप को पुलिस ने गैर मान्यता प्राप्त घोषित कर दिया है। इसके साथ ही पुलिस ने एक वीडियो जारी कर लोगों को इस तरह के एप से ट्रेडिंग नहीं करने की सलाह दी है। साथ ही यह भी पुलिस ने स्पष्ट किया है कि अभी भी एप से कनेक्ट होकर ट्रेडिंग कर रहे हैं, वे सतर्क हो जाएं और अपनी मेहनत की कमाई का धन सुरक्षित रखें। नईदुनिया की खबर के बाद पुलिस सामने आई है और लोगों को ठगी का शिकार होने से बचाने की कोशिश कर रही। इस कवायद के बाद भी सवाल यह उठता है कि आखिर पुलिस इस कंपनी के खिलाफ कार्रवाई करने जांच की शुरूआत क्यों कर रही।

क्यूलाफ एप से ठगी करने वाले गिरोह ने ज्यादा से ज्यादा लोगों को शिकार बनाने के लिए चेन सिस्टम का उपयोग किया। ज्यादा से ज्यादा निवेशकों को जोड़े जाने पर उसका लाभ भी अधिक मिलता है। इस लालच में कई ऐसे बेरोजगार हैं, जो पिछले करीब आठ माह से इसे ही पूरी ताकत से अपना कारोबार बना लिए थे। यही वजह है कि अकेले कोरबा में शहर व ग्रामीण क्षेत्र के हजारों लोग इस ट्रेडिंग के जाल में फंस गए। हैरत की बात यह है कि अभी भी केवाईसी शुल्क के नाम पर छह- छह हजार रुपये जमा करने कहा जा रहा है।

पिछले तीन दिनों से वाट्सअप के माध्यम से केवाईसी कराने के लिए प्रेरित किए जाने वाला वीडियो प्रसारित कर रहे हैं। इस दौरान यह भी जानकारी शेयर की जा रही है कि कितने लोग अब तक केवाईसी शुल्क जमा कर चुके हैं और उन्हें किस तरह का फायदा मिल रहा है। जो अपना पैसा गंवा चुके हैं वह किसी तरह अब अपनी राशि निकाल लेने के फेर में ठगों द्वारा फेंके गए एक और चारा का शिकार हो रहे। नईदुनिया में 30 जून को प्रकाशित खबर के बाद कोरबा पुलिस सतर्क हुई और साइबर सेल के तकनीकी जानकारी डेमन ओग्रे (आरक्षक) का एक वीडियो इंटरनेट मीडिया में प्रसारित किया गया।

इसमें ओग्रे ने पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ तिवारी का हवाला देते हुए यह जानकारी दी है कि क्यूलाफ एप मान्यता प्राप्त नहीं है। उन्होंने इस तरह के एप से राशि डूबने की आशंका जताई है।साथ ही उन्होंने लोगों से अपील की है कि इस तरह के एप से बचें। उन्होंने कहा है कि खास तौर पर केवाईसी के लिए किसी भी तरह से अपने दस्तावेज शेयर नहीं करने की अपील की है। इससे होने वाले नुकसान को भी वीडियो में बताया गया है। पुलिस की इस वीडियो के बाद क्यूलाफ से ट्रेडिंग करने वाले जरूर सतर्क होंगे, पर गंभीर बात यह है कि अभी भी सैकड़ों लोग केवाईसी शुल्क के नाम पर छह- छह हजार रूपये जमा कर रहे हैं और पुलिस शिकायत के इंतजार में हाथ पर हाथ धरे बैठी है।

साइबर से माना पूरे छत्तीसगढ़ के लोगों ने किया है निवेश

पुलिस की जारी वीडियो में साइबर सेल के ओग्रे यह भी कह रहे हैं कि क्यूलाफ ट्रेडिंग में पूरे छ्तीसगढ़ के लोगों ने लाभ के चक्कर में निवेश किया है। यहां बताना होगा कि करीब 10 लाख लोगों ने क्यूलाफ एप डाउनलोड किया है। यदि छह हजार रूपये प्रति व्यक्ति के हिसाब से जोड़ा जाए, तो राशि 600 करोड़ होती है, पर एक मोटे तौर पर यह अंदाजा लगाया जा रहा है कि करीब दो सौ करोड़ रूपये ठगों ने शुरूआती पांच माह के अंदर लोगों को लाभ के रूप में बांटे है। इसके बावजूद 400 करोड़ रूपये लोगों के डूबने की आशंका बनी हुई है।

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