देश के तेज गेंदबाजों में शुमार मोहम्मद शमी एक साल के बाद वापस क्रिकेट मैदान पर वापसी करने जा रहे हैं। रणजी ट्राफी मैच में वे आज बंगाल टीम की ओर से मैदान में उतरेंगे। उन्हें यहा अपनी फिटनेस साबित करनी होगी। इंदौर के होलकर स्टेडियम में होने वाले मैच में बंगाल का मुकाबला मध्य प्रदेश से है। By Prashant Pandey Publish Date: Wed, 13 Nov 2024 09:57:14 AM (IST) Up to date Date: Wed, 13 Nov 2024 10:17:03 AM (IST) इंदौर आए मोहम्मद शमी। बंगाल और मध्य प्रदेश के बीच मुकाबला होलकर स्टेडियम में होगा। इसके पहले खिलाड़ियों ने अभ्यास किया। नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर(Mohammad Shami)। भारतीय तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी करीब एक साल के अंतराल के बाद मैदान में वापसी करने जा रहे है। शमी को बंगाल की रणजी टीम में शामिल किया गया है। इंदौर के होलकर स्टेडियम में बंगाल बुधवार से शुरू होने वाले रणजी मैच में मध्य प्रदेश का सामना करेगी। शमी ने पिछला मैच गत वर्ष विश्व कप फाइनल में खेला था। मप्र को बंगाल के खिलाफ जीत की ‘मिष्ठी दोई’ की आस मेजबान मध्य प्रदेश और बंगाल के बीच रणजी ट्राफी एलीट समूह-सी का महत्वपूर्ण मुकाबला आज से होलकर स्टेडियम में खेला जाएगा। मध्य प्रदेश की टीम 10 अंकों के साथ तालिका में तीसरे जबकि बंगाल की टीम आठ अंक के साथ पांचवें स्थान पर है। मेजबान मप्र की टीम अपनी घरेलू परिस्थितियों के बीच बंगाल के खिलाफ जीत की ‘मिष्टी दोई’ की आस में मैदान संभालेगी। भारतीय तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी इस मैच के लिए बंगाल टीम में शामिल किए गए हैं। वे करीब एक साल बाद क्रिकेट मैदान में वापसी करेंगे। उनकी उपस्थिति से बंगाल का गेंदबाजी आक्रमण मजबूत होगा। गत वर्ष विश्व कप के बाद शमी मैदान से दूर हैं। टखने की चोट के कारण उन्हें ब्रेक लेना पड़ा और मार्च में उनके दाएं पैर का आपरेशन भी हुआ था। रणजी में फिटनेस साबित करना होगा पिछले करीब छह माह से वे बेंगलुरु स्थित नेशनल क्रिकेट एकेडमी में रिहैबिलिटेशन प्रक्रिया से गुजर रहे थे। यदि शमी ने रणजी मैच में अपनी फिटनेस साबित की तो वे बार्डर-गावस्कर ट्राफी के लिए भारतीय टीम में शामिल किए जा सकते हैं। दूसरी ओर मध्य प्रदेश को अपने अंतरराष्ट्रीय तेज गेंदबाज आवेश खान की सेवाएं नहीं मिल सकेंगी, जो दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ भारतीय टी-20 टीम में शामिल हैं। मध्य प्रदेश टीम का वर्तमान सत्र में प्रदर्शन उम्मीदों के अनुरूप नहीं रहा। पहला मैच हारने के बाद तीन मैच टीम ने ड्रा खेले जबकि पिछले मैच में कमजोर बिहार टीम के खिलाफ जीत हासिल की। बिहार के खिलाफ पारी और 108 रनों की जीत से मप्र का मनोबल बढ़ा होगा। कप्तान शुभम शर्मा ने दोहरा शतक लगाया था जबकि वेंकटेश अय्यर ने भी शतकीय पारी खेली थी। फैसलों पर सवाल अन्य बल्लेबाजों ने भी छोटे-छोटे योगदान दिए थे। इन सबके बीच शुभ्रांशु सेनापति के बल्ले की खामोशी टीम प्रबंधन के फैसले पर सवाल खड़े कर रही है। पिछले चार मैचों में ओडिशा से बुलाए गए इस बल्लेबाज ने एक भी उल्लेखनीय पारी नहीं खेली है। इसके बावजूद लगातार मौके मिल रहे हैं। बंगाल के खिलाफ भी सेनापति के चयन पर सभी की निगाह रहेगी। मैच लाल मिट्टी के पिच पर होगा। स्पोर्टिंग विकेट तैयार किया गया है जिस पर गेंदबाज और बल्लेबाज दोनों को मदद मिलेगी। ऐसे में गेंद और बल्ले के बीच बेहतर मुकाबला देखने को मिल सकता है। शुरुआती दो दिन यहां बल्लेबाज फायदे में रहेंगे, तीसरे दिन से गेंद टर्न लेना शुरू करेगी। हालांकि पहले सत्र में पारंपरिक रूप से तेज गेंदबाज दबदबा बनाएंगे। आवेश की कमी खलेगी मध्य प्रदेश टीम को तेज गेंदबाज आवेश खान की कमी खलेगी। आवेश को भारतीय टीम में शामिल किया गया है, जो दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टी-20 सीरीज में हिस्सा ले रही है। आवेश का अनुभव मप्र के आक्रमण की धार बढ़ाता है। उनकी अनुपस्थिति में कुलवंत खेजरोलिया पर अतिरिक्त जिम्मेदारी होगी। बंगाल को लय में लौटने का इंतजार दूसरी ओर बंगाल की टीम का वर्तमान सत्र में प्रदर्शन फीका रहा है। अब तक खेले पांच मैचों में से बंगाल ने भी एक ही जीत हासिल की है और वह भी बिहार के ही खिलाफ। टीम के कई मैच वर्षा से प्रभावित रहे हैं। टीम में कई अच्छे खिलाड़ी मौजूद हैं, जिनके सहारे बंगाल की टीम मैच में दबदबा बनाने का प्रयास करेगी।
Day: November 15, 2024
केएल राहुल को लगी चोट, सरफराज पहले ही… भारत को ऑस्ट्रेलिया में लग रहे झटके पर झटके
नई दिल्ली. ऑस्ट्रेलिया दौरे पर पहुंची भारतीय टीम को लगातार झटके लग रहे हैं. केएल राहुल को शुक्रवार को इंट्रा स्क्वॉड मैच में कोहनी में चोट लग गई. चोट इतनी गहरी थी कि उन्हें तुरंत ना सिर्फ डॉक्टर से मदद लेनी पड़, बल्कि मैदान छोड़कर बाहर भी जाना पड़ा. एक दिन पहले ही सरफराज खान को नेट्स में चोट लग गई थी और वे अपनी कोहनी पकड़े नजर आए थे. टीम मैनेजमेंट को सरफराज की चोट पर साफ कर दिया है कि गंभीर नहीं है. केएल राहुल के बारे में अपडेट आना बाकी है. भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच 22 नवंबर से पर्थ में टेस्ट मैच खेला जाना है. कप्तान रोहित शर्मा के सीरीज के इस पहले टेस्ट मैच में खेलने की उम्मीद कम है. उनकी जगह केएल राहुल को ओपनिंग का मौका मिल सकता है. उन्हें अभिमन्यु ईश्वरन पर वरीयता दी जा सकती है. केएल राहुल का ऑस्ट्रेलिया में रिकॉर्ड भी अच्छा है. लेकिन फिलहाल तो उनकी हालत खराब है. केएल राहुल इंट्रा स्क्वॉड से पहले अभ्यास मैच भी खेले थे, जिनमें उनके बल्ले से ज्यादा रन नहीं निकले. रिपोर्स के मुताबिक इंट्रा स्क्वॉड मैच में प्रसिद्ध कृष्णा की ऊपर उठती गेंद केएल राहुल के कोहनी से लगी. वे दर्द से छटपटा उठे. उन्होंने हालांकि, दोबारा बैटिंग की कोशिश की, लेकिन दर्द के कारण ऐसा नहीं कर सके. फीजियो की मदद भी उन्हें दोबारा बैटिंग के लिए तैयार नहीं कर सकी. नतीजा, केएल मैदान छोड़कर बाहर चले गए. ईएसपीएन की रिपोर्ट के मुताबिक पर्थ टेस्ट में खेलने वाली भारतीय टीम और इंडिया ए के बीच वाका स्टेडियम में इंट्रा स्क्वॉड मैच खेला गया. केएल राहुल ने चोट लगने से पहले कुछ अच्छे शॉट लगाए, जो उनकी अच्छी फॉर्म का संकेत दे रही थी. यशस्वी जायसवाल और विराट कोहली इस मैच में ज्यादा देर क्रीज पर नहीं टिक सके और 15-15 रन बनाकर आउट हो गए. शुभमन गिल ने 28 रन की पारी खेली. ब्रेक के समय टीम का स्कोर 28 ओवर में 5 विकेट पर 106 रन था. कुल मिलाकर प्रसिद्ध कृष्णा, मुकेश कुमार, वाशिंगटन सुंदर और तनुष कोटियान की चौकड़ी ने कोहली एंड ब्रिगेड को खासा परेशान किया. FIRST PUBLISHED : November 15, 2024, 11:20 IST
China Hit and Run: कार की टक्कर से 35 लोगों की मौत, 40 से अधिक घायल, तलाक से नाखुश था ड्राइवर
चीन के झुहाई शहर में एक कार ने आउटडोर स्पोर्ट्स सेंटर में लोगों को टक्कर मारी, जिससे 35 लोग मारे गए और 40 से ज्यादा घायल हुए। आरोपी, 62 वर्षीय फैन ने अपनी तलाक की प्रक्रिया से नाखुश होकर हमला किया। By Neeraj Pandey Publish Date: Tue, 12 Nov 2024 09:15:14 PM (IST) Up to date Date: Tue, 12 Nov 2024 10:07:51 PM (IST) चीन के झुहाई शहर में एक कार ने आउटडोर स्पोर्ट्स सेंटर में लोगों को टक्कर मारी HighLights चीन के झुहाई में कार से कुचलकर 35 लोगों की मौत तलाक से नाखुश ड्राइवर स्पोर्ट्स ट्रैक पर लोगों को रौंदा हादसे के समय लोग स्पोर्ट्स ट्रैक पर वॉक कर रहे थे एजेंसी, नईदुनिया। चीन के झुहाई शहर में सोमवार शाम एक कार ने स्पोर्ट्स सेंटर में व्यायाम कर रहे लोगों की भीड़ में घुसकर उन्हें कुचल दिया, जिससे 35 लोगों की मौत हो गई और 40 से अधिक लोग घायल हो गए। यह घटना रात करीब 8 बजे झुहाई स्पोर्ट्स सेंटर में हुई। घायल व्यक्तियों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पुलिस ने मामले में 62 वर्षीय संदिग्ध ड्राइवर, फैन को गिरफ्तार किया है, जो अपने तलाक के फैसले से नाखुश था। आरोपी ड्राइवर भी अस्पताल में भर्ती न्यूज एजेंसी राउटर्स के मुताबिक, घटना के बाद कार ड्राइवर फैन भागने की कोशिश कर रहा था, जिसे पुलिस ने घटनास्थल से ही गिरफ्तार कर लिया। वह वाहन में चाकू से खुद को नुकसान पहुंचा रहा था, पुलिस ने उसे तत्काल अस्पताल भेज दिया। आरोपी ड्राइवर फैन को गंभीर गर्दन की चोटें आई हैं और वह होश में नहीं है, जिससे फिलहाल उससे पूछताछ नहीं की जा सकी है। तलाक से था नाखुश प्रारंभिक जांच के अनुसार, कार चढ़ाने वाला फैन तलाक में संपत्ति वितरण से असंतुष्ट था, जिसके कारण उसने ऐसा किया। पुलिस ने उसे सार्वजनिक सुरक्षा को खतरा पहुंचाने के आरोप में हिरासत में लिया है। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने घायल लोगों का इलाज कराने के लिए सभी प्रयासों को करने और आरोपी ड्राइवर को कड़ी सजा देने की बात की है। वीडियो में इधर-उधर पड़े दिखे लोग घटना का वीडियो भी सामने आया है, जिसमें जॉगिंग ट्रैक और आसपास की जमीन पर घायल लोग पड़े हुए दिख रहे हैं। कई घायल लोग ट्रैकसूट पहने हुए थे। वहां मौजूद लोगों के अनुसार अनुसार, कार ने मैदान के विभिन्न हिस्सों में लोगों को टक्कर मारी, जिससे कई लोग घायल हुए और कई की मौत हो गई।
आखिर क्यों है ‘नॉर्मलाइजेशन’ को लेकर छात्रों में गुस्सा, समझें कैसे तय होते हैं नंबर, किन परीक्षाओं में लागू?
यूपी लोक सेवा आयोग (UPPSC) ने छात्रों के दबाव में दो शिफ्टों में होने वाली परीक्षा का निर्णय वापस ले लिया। अब पीसीएस और RO/ARO परीक्षा एक दिन में आयोजित होगी। नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया के तहत विभिन्न पालियों में आयोजित परीक्षा के अंकों को समान स्तर पर लाया जाता है, जिससे आसान और कठिन प्रश्नपत्रों के बीच असमानता दूर की जा सके। By Anurag Mishra Publish Date: Thu, 14 Nov 2024 05:29:47 PM (IST) Up to date Date: Thu, 14 Nov 2024 10:10:33 PM (IST) नॉर्मलाइजेशन की पूरी प्रक्रिया को समझें। डिजिटल डेस्क, इंदौर। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) ने छात्रों के दबाव में दो शिफ्टों में होने वाली परीक्षा का निर्णय वापस ले लिया। प्रयागराज में 20 हजार छात्रों के विरोध के बाद आयोग ने घोषणा की कि एक दिन में प्रारंभिक परीक्षा होगी। समीक्षा अधिकारी/सहायक समीक्षा अधिकारी (RO/ARO) परीक्षा- 2023 के लिए एक नई कमेटी बनाई जाएगी। पीसीएस परीक्षा अब दिसंबर में 7-8 के बजाय नई तिथियों पर आयोजित होगी, जबकि RO/ARO परीक्षा भी स्थगित कर दी गई है। क्या होता है नॉर्मलाइजेशन नॉर्मलाइजेशन एक प्रक्रिया है, जिसका उद्देश्य विभिन्न पालियों में आयोजित परीक्षा के परिणामों को समान स्तर पर लाना होता है। इसका कारण यह है कि जब एक से अधिक शिफ्टों में परीक्षा होती है, तो हर शिफ्ट का प्रश्न पत्र थोड़ा अलग हो सकता है, जिससे कुछ छात्रों को अधिक आसान या कठिन प्रश्नों का सामना करना पड़ता है। उदाहरण के साथ समझते हैं… मान लीजिए, अगर एक परीक्षा दो पालियों में हो रही है। अगर पहली पाली में प्रश्न पत्र आसान है, तो उस पाली के छात्र ज्यादा प्रश्न हल कर सकते हैं। दूसरी पाली में अगर प्रश्न पत्र कठिन होता है, तो वहां के छात्र उतने प्रश्न नहीं हल कर पाते। इस असमानता को दूर करने के लिए नॉर्मलाइजेशन किया जाता है। नॉर्मलाइजेशन का तरीका मान लीजिए पहली पाली में किसी छात्र ने 80 अंक प्राप्त किए और दूसरी पाली में 70 अंक पाने वाले छात्र को उसी अंक के स्तर पर लाने के लिए, नॉर्मलाइजेशन के जरिए उनके अंक समायोजित किए जाते हैं, जिससे दोनों के प्रदर्शन को समान रूप से माना जा सके। इस प्रक्रिया से दोनों पालियों के छात्रों के बीच किसी प्रकार की भेदभाव की स्थिति समाप्त हो जाती है। अभ्यर्थियों का कहना है कि नॉर्मलाइजेशन के कारण उनकी मेहनत और प्रदर्शन पर फर्क पड़ता है, इसलिए वे इसे समाप्त करने की मांग कर रहे हैं। इन परीक्षाओं में भी नॉर्मलाइजेशन लागू है… यूपी लोक सेवा आयोग की तरह कर्मचारी चयन आयोग (SSC), पुलिस भर्ती परीक्षा, रेलवे भर्ती बोर्ड, एनटीए सहित कई परीक्षाओं में नॉर्मलाइजेशन लागू है। इनमें भी एक से ज्यादा पालियों में परीक्षाएं कराई जाती हैं। उसके बाद अंकों को नॉर्मलाइजेशन कर देते हैं।
the sabarmati report film overview on dainik bhaskar vikrant massey | गोधरा कांड की सच्चाई तलाशती ‘साबरमती रिपोर्ट’: विक्रांत मैसी की एक्टिंग लाजवाब, लेकिन कमजोर निर्देशन-स्क्रीनप्ले ने बिगाड़ा खेल
1 घंटे पहलेलेखक: आशीष तिवारी कॉपी लिंक विक्रांत मैसी, रिद्धि डोगरा और राशि खन्ना स्टारर फिल्म द साबरमती रिपोर्ट रिलीज हो गई है। फिल्म की लेंथ 2 घंटे 3 मिनट है। दैनिक भास्कर ने इस फिल्म को 5 में से 2.5 स्टार रेटिंग दी है। द साबरमती रिपोर्ट एक क्राइम-थ्रिलर फिल्म है, जो 2002 में हुए गोधरा कांड पर आधारित है। इस फिल्म में 27 फरवरी 2002 को साबरमती एक्सप्रेस की S6 बोगी में हुए आगजनी और उसमें मारे गए 59 कारसेवकों की सच्चाई को उजागर करने की कोशिश की गई है। फिल्म की कहानी समर कुमार (विक्रांत मैसी) नामक एक हिंदी पत्रकार के इर्द-गिर्द घूमती है, जो इस घटना के असल सच को सामने लाने के लिए संघर्ष करता है। फिल्म में रिद्धि डोगरा और राशि खन्ना भी अहम भूमिकाओं में हैं। फिल्म की कहानी क्या है? ‘द साबरमती रिपोर्ट’ में समर कुमार (विक्रांत मैसी), एक हिंदी पत्रकार है, जो फिल्म बीट कवर करता है। उसे हमेशा फिल्म इंडस्ट्री और अंग्रेजी भाषी पत्रकारों द्वारा हीन भावना से देखा जाता है। दूसरी ओर, मनिका (रिद्धि डोगरा), एक तेज तर्रार अंग्रेजी न्यूज एंकर है, जिसका मीडिया में दबदबा है। गोधरा में, 27 फरवरी 2002 को साबरमती एक्सप्रेस की S6 बोगी में आग लगने से 59 कारसेवकों की मौत हो जाती है। मनिका, इस घटना को कवर करने के लिए गोधरा जाती है और समर को अपने कैमरा मैन के रूप में साथ ले जाती है। समर इसे अपने करियर का ‘गोल्डन चांस’ मानता है। लेकिन जब मनिका अपने बॉस के कहने पर पूरी घटना को उलटकर जनता के सामने झूठी रिपोर्ट पेश करती है, तो समर चौंक जाता है। वह सच्चाई को सामने लाने के लिए अपनी रिपोर्ट तैयार करता है, लेकिन चैनल के बॉस द्वारा उसे न केवल नौकरी से निकाल दिया जाता है, बल्कि कैमरा चोरी के आरोप में जेल भेज दिया जाता है। समर का जीवन संघर्षों से भरा हो जाता है—नौकरी से वंचित, शराब की लत में डूबा, और समाज से दूर। इस बीच, नानावटी कमीशन की रिपोर्ट के बाद झूठी खबर का खुलासा होने का डर चैनल के अधिकारियों और मनिका को सता रहा होता है। मनिका अपने चैनल की नई रिपोर्टर अमृता (राशि खन्ना) को गोधरा भेजती है, ताकि वह अपनी रिपोर्ट को पुख्ता कर सके और राज्य सरकार पर दोष मढ़ सके। अमृता को समर की रिपोर्ट का वीडियो मिलता है, और वह उसे अपने साथ गोधरा ले जाने के लिए मनाती है। इस प्रकार, दोनों मिलकर गोधरा कांड की सच्चाई तक पहुंचते हैं और उन निर्दोष 59 लोगों के साथ हुई त्रासदी को दुनिया के सामने लाते हैं। स्टारकास्ट की एक्टिंग कैसी है? विक्रांत मैसी ने समर कुमार के किरदार में बेहतरीन अभिनय किया है। उनकी संवाद अदायगी और भावनात्मक गहराई को देखकर लगता है कि वे इस भूमिका के लिए पूरी तरह से समर्पित थे। गोधरा कांड की सच्चाई को ढूंढने की उनकी जद्दोजहद को स्क्रीन पर महसूस किया जा सकता है। रिद्धि डोगरा ने भी अपने किरदार मनिका में प्रभावी अभिनय किया है, और उनकी भूमिका में गहरे नकारात्मक शेड्स हैं। राशि खन्ना ने अमृता के किरदार को ठीक-ठाक तरीके से निभाया है, हालांकि कुछ दृश्यों में उनकी भूमिका थोड़ी अधूरी लगती है। डायरेक्शन कैसा है? धीरज सरना ने फिल्म का निर्देशन किया है और एक संवेदनशील मुद्दे पर ध्यान केंद्रित किया है। हालांकि, फिल्म के पहले भाग में स्क्रीनप्ले और स्टोरीलाइन में कुछ खामियां नजर आती हैं। कुछ हलके-फुल्के कॉमिक सीन्स बिना किसी कारण के डाले गए हैं, जो गंभीर मुद्दे के साथ मेल नहीं खाते। फिल्म का दूसरा भाग थोड़ी थ्रिल बढ़ाता है। लेकिन क्लाइमेक्स थोड़ा कमजोर लगता है। जैसा कि इस फिल्म का उद्देश्य 59 निर्दोष लोगों की हत्या का सच दर्शाना था, लेकिन अंत में दर्शकों को कोई नई जानकारी नहीं मिलती, जो पहले से मीडिया और अखबारों में देखी जा चुकी हो। कैसा है फिल्म का म्यूजिक? फिल्म का संगीत साधारण है, और सिर्फ “राजा राम” गाना प्रभावशाली लगता है। बाकी संगीत ज्यादा ध्यान आकर्षित नहीं करता। फाइनल वर्डिक्ट, देखें या नहीं? द साबरमती रिपोर्ट’ को वे दर्शक देख सकते हैं, जो गोधरा कांड के बारे में फिल्मी अंदाज में जानकारी पाना चाहते हैं। हालांकि, फिल्म अपने विषय के साथ न्याय करने में पूरी तरह सफल नहीं होती। इसकी कहानी और प्रस्तुति में कुछ कमियां हैं, लेकिन विक्रांत मैसी और रिद्धि डोगरा की शानदार अदाकारी इसे एक बार देखने लायक बना देती है। गुजरात दंगे से जुड़ी ये जानकारी पढ़ें.. गुजरात में इस घटना के समय नरेंद्र मोदी राज्य के मुख्यमंत्री थे। मार्च 2002 में उन्होंने गोधरा कांड की जांच के लिए नानावटी-शाह आयोग बनाया। हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज केजी शाह और सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज जीटी नानावटी इसके सदस्य बने। आयोग ने अपनी रिपोर्ट का पहला हिस्सा सितंबर 2008 में पेश किया। इसमें गोधरा कांड को सोची-समझी साजिश बताया गया। साथ ही नरेंद्र मोदी, उनके मंत्रियों और वरिष्ठ अफसरों को क्लीन चिट दी गई। 2009 में जस्टिस केजी शाह का निधन हो गया। जिसके बाद गुजरात हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज जस्टिस अक्षय मेहता इसके सदस्य बने और तब आयोग का नाम नानावटी-मेहता आयोग हो गया। आयोग ने दिसंबर 2019 में अपनी रिपोर्ट का दूसरा हिस्सा पेश किया। इसमें भी रिपोर्ट के पहले हिस्से में कही गई बात दोहराई गई। —————————- इससे जुड़ी खबरें पढ़िए 1. ‘गोधरा कांड की आग में रोटियां सेंकीं गईं’:इस पर बनी फिल्म करने पर धमकियां; विक्रांत बोले- विरोधी मेरे नवजात बच्चे को भी नहीं छोड़ रहे 15 नवंबर को फिल्म रिलीज हो रही है- द साबरमती रिपोर्ट। यह फिल्म गोधरा कांड और उसके बाद हुए गुजरात दंगों पर आधारित है। ट्रेलर रिलीज के बाद फिल्म विवादों में भी है। फिल्म के लीड एक्टर विक्रांत मैसी को धमकियां मिल रही हैं। यहां तक कि विरोधी उनके 9 महीने के बच्चे को भी नहीं छोड़ रहे। उसके बारे में भी अनाप-शनाप बोल रहे हैं। पूरी खबर पढ़ें… खबरें और भी हैं…
नहीं खुलेगी इंदौर में जीएसटी ट्रिब्यूनल, संसद की घोषणा और शहर की कोशिशें असफल
दो वर्ष से जीएसटी ट्रिब्यूनल की बेंच इंदौर में खोले जाने की मांग लेकर शहर के कारोबारी, कर पेशेवर लड़ाई लड़ रहे हैं। चुनावी दौर में इसे लेकर बड़े-बड़े वादे तक कर दिए गए। केंद्र सरकार ने भी इंदौर के नाम पर एनओसी दे दी। मगर, राज्य सरकार इंदौर में ट्रिब्यूनल की बेंच बनाने पक्ष में नहीं है। By Shashank Shekhar Bajpai Edited By: Shashank Shekhar Bajpai Publish Date: Tue, 12 Nov 2024 05:40:37 PM (IST) Up to date Date: Thu, 14 Nov 2024 01:45:45 PM (IST) राज्य सरकार ने जीएसटी अपीलेट ट्रिब्यूनल की बेंच इंदौर में स्थापित करने के दावे को नकार दिया। फोटो- प्रतीकात्मक। HighLights दूसरी बेंच का खर्च उठाने को तैयार नहीं प्रदेश सरकार। चुनावी मौसम में सरकार ने किया था ट्रिब्यूनल का वादा। वर्तमान में सभी सुनवाई ऑनलाइन मोड में हो रही हैं। लोकेश सोलंकी, नईदुनिया इंदौर। इंदौर में जीएसटी अपीलेट ट्रिब्यूनल की बेंच स्थापित नहीं होगी। भले ही वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस पर सहमति दी हो। सांसद शंकर लालवानी में संसद में मुद्दा उठाया हो। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने वादा किया हो और इंदौर के व्यापारी कर सलाहकारों ने आंदोलन से लेकर कोर्ट की शरण भी ली हो। ये सभी कोशिशें फेल नजर आ रही है। राज्य सरकार ने इंदौर के दावे को नकार दिया है। दो वर्ष से जीएसटी ट्रिब्यूनल की बेंच इंदौर में खोले जाने की मांग लेकर शहर के कारोबारी, कर पेशेवर लड़ाई लड़ रहे हैं। पहले ट्रिब्यूनल बेंच खोलने में हो रही देरी को लेकर संघर्ष हुआ। इसके बाद इंदौर को अनदेखा करने के खिलाफ लड़ाई शुरू हुई। डेढ़ वर्षों में इंदौर के व्यापारियों और कर सलाहकारों को मुख्यमंत्री से लेकर केंद्रीय वित्तमंत्री तक से आश्वासन मिला। सब मान भी बैठे थे कि इंदौर में बेंच खुलेगी। अब खबर आई है कि केंद्र सरकार ने भले ही इंदौर के नाम पर एनओसी दे दी, लेकिन राज्य सरकार इंदौर में ट्रिब्यूनल की बेंच बनाने पक्ष में नहीं है। ऑनलाइन मोड में हो रही सुनवाई प्रदेश सरकार ने पहले कहा था कि वो केंद्र को प्रस्ताव भेजेगा, लेकिन अब इसे रद्दी की टोकरी के हवाले कर दिया गया है। राज्य जीएसटी के अधिकारियों को सरकार की ओर से संदेश दे दिया गया है कि इंदौर में बेंच की जरूरत ही नहीं है क्योंकि ताजा दौर में सभी सुनवाई ऑनलाइन मोड में हो रही हैं। ऐसे में ट्रिब्यूनल कहीं भी रहे लोकेशन से फर्क नहीं पड़ेगा। इसके बाद इंदौर स्थिति वाणिज्यिककर मुख्यालय ने भी इस बारे में कोशिश और पत्राचार बंद कर दिया है। विभागीय सूत्र बता रहे हैं कि ऊपर से साफ संदेश दिया गया है कि केंद्र को तो सिर्फ नोटिफिकेशन जारी करना है। मगर, ट्रिब्यूनल की बेंच खोलने पर उसके सेटअप से लेकर अधिकारी-कर्मचारियों के खर्च का बोझ राज्य सरकार पर आएगा। खस्ता माली हालत से परेशान प्रदेश सरकार ऐसे में अपने खजाने जीएसटी ट्रिब्यूनल बेंच का खर्च उठाना नहीं चाहती। मप्र में सिर्फ एक जीएसटी कर कानून में कर विवादों की सुनवाई व निराकरण के लिए अपीलेट ट्रिब्यूनल की व्यवस्था दी गई है। वाणिज्यिकर का मुख्यालय इंदौर में है, आयकर अपीलेट ट्रिब्यूनल इंदौर में और कंपनी ला ट्रिब्यूनल से लेकर हाई कोर्ट की बेंच भी इंदौर में है। सबसे ज्यादा राजस्व देने से लेकर करदाता इंदौर क्षेत्र में हैं। ऐसे में इंदौर का दावा पक्का माना जा रहा था। जुलाई 2023 में केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने सभी प्रदेशों में अपीलेट ट्रिब्यूनल की स्थापना की अधिसूचना जारी की। इंदौर का नाम इसमें नहीं था। इससे भी बड़ी हैरानी ये कि छत्तीसगढ़ से लेकर गुजरात हो राजस्थान या अन्य 11 राज्य ऐसे हैं, जहां एक से अधिक शहरों में ट्रिब्यूनल की बेंच दी गई हैं। मगर, मप्र में सिर्फ भोपाल में इकलौती बेंच रखी गई। इसके बाद से संघर्ष शुरू हुआ। संसद में मामला उठा, तो दिसंबर 2023 में केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने भी कह दिया कि हमें इंदौर में बेंच खोलने में कोई आपत्ति नहीं है। राज्य सरकार नाम भेजे हम मंजूरी दें देंगे। इसके बाद इंदौर समेत पूरे मालवा-निमाड़ के व्यापारी एकजुट हो गए थे। चुनावी मौसम में प्रदेश सरकार ने हामी भरी, लेकिन अब किनारा कर लिया है। अभी जीवित है याचिका कर पेशवरों का मानना है कि इंदौर और मालवा निमाड़ में सबसे अधिक जीएसटी रजिस्टर्ड व्यापारी है। जीएसटी से जुड़े कर विवादों की सुनवाई के लिए उन्हें भोपाल जाना होगा। साथ में सीए, कर सलाहकारओं और वकीलों को भी दौड़ लगाना होगी। ऐसे में इंदौर में बेंच होना चाहिए। इस संबंध में टैक्स प्रेक्टिशनर्स एसोसिएशन ने हाई कोर्ट में याचिका भी दाखिल की थी। हालांकि सितंबर 2023 के बाद यह याचिका सुनवाई पर ही नहीं आई क्योंकि सरकारी आश्वासनों के भरोसे सब लोग आश्वस्त हो गए थे।
नदी के करीब मिली एक लाश… डीएनए जांच की, तो वो निकला दो बच्चियों के साथ दुष्कर्म का आरोपी
रतलाम पुलिस ने दो बच्चियों के साथ हुए दुष्कर्म के मामले में बड़ा खुलासा किया है। पुलिस इस मामले में जिसकी तलाश कर रही थी, उसने जहर पीकर खुदकुशी कर ली। इसकी लाश नदी किनारे मिली थी। पुलिस ने जब डीएनए जांच कराई तो यह बात सामने आई कि उसने ही दुष्कर्म किया था। By Prashant Pandey Publish Date: Fri, 15 Nov 2024 11:06:01 AM (IST) Up to date Date: Fri, 15 Nov 2024 11:12:20 AM (IST) रतलाम के जावरा में मूकबधिर बच्ची के साथ दुष्कर्म के मामले में बड़ा खुलासा। प्रतीकात्मक तस्वीर नईदुनिया प्रतिनिधि, रतलाम(Ratlam Crime Information)। करीब तीन माह पहले जावरा हुसैन टेकरी क्षेत्र में दस वर्षीय मूकबधिर बालिका से आरोपित फणजी गणावा पुत्र नाथू गणावा निवासी ग्राम अमरपुरा थाना सरवन ने घटना दुष्कर्म किया था। पुलिस ने डीएनए जांच रिपोर्ट के बाद इसका खुलासा किया। आरोपित ने एक अन्य बालिका के साथ भी दुष्कर्म किया था। पुलिस उसे तलाशने दबिश देने लगी तो जहर पीकर आत्महत्या कर ली थी। एसपी अमितकुमार ने बताया कि सात व आठ अगस्त 2024 की रात हुसैन टेकरी क्षेत्र में झोपड़ी बनाकर रह रही महिला की बेटी के साथ दुष्कर्म की घटना सामने आई थी। झोपड़ी से उठाकर ले गया था महिला ने पुलिस को सूचना दी थी कि उनकी दस वर्षीय मूकबधिर बेटी को अज्ञात व्यक्ति झोपड़ी से उठाकर ले गया और दुष्कर्म करने के बाद घायल अवस्था में झोपड़ी से कुछ दूरी पर छोड़कर भाग गया है। औद्योगिक क्षेत्र थाना जावरा में अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ बीएनएस की धारा 65(2), 115(2), 332(बी) व पाक्सो एक्ट की धारा 5एम/6 के तहत प्रकरण दर्ज कर जांच शुरू की गई। एएसपी राकेश खाखा के मार्गदर्शन व जावरा सीएसपी दुर्गेश आर्मो के नेतृत्व में गठित तीन टीमों ने आसपास के करीब सौ सीसीटीवी कैमरे चेक कर कई संदेहियों से पूछताछ की। टार्च लेकर घटनास्थल की ओर जाता दिखा था सीसीटीवी फुटेज में घटना वाली रात एक व्यक्ति टार्च जलाकर घटनास्थल की तरफ जाता दिखा। फुटेज की जांच व तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर उक्त व्यक्ति की पहचान फणजी गणावा के रूप में हुई। टीमों ने फणजी के घर और संभावित स्थानो पर कई बार दबिश दी, लेकिन वह नहीं मिला। उसके स्वजन की डीएनए जांच कराई गई। उधर, पुलिस से बचने के लिए फणजी इधर-उधर भागता रहा और उसने 24 अगस्त 2024 को सरवन थाना क्षेत्र के ग्राम गायरीपाड़ा में बुधन नदी के पास जहर पीकर आत्महत्या कर ली। सूचना मिलने पर फणजी के शव के पीएम कराकर रक्त सैंपल लेकर जांच के लिए प्रयोगशाला भेजा गया। एफएसएल जांच रिपोर्ट आई पॉजीटिव घटनास्थल से प्राप्त साक्ष्यों का फणजी के रक्त सैंपल से डीएनए कराया गया। एफएसएल जांच रिपोर्ट में डीएनए पॉजीटिव पाया गया। उधर, चार पहले पहले 2020 में जावरा में ही मामू साहब की दरगाह के समीप अज्ञात व्यक्ति द्वारा सात वर्षीय बालिका से दुष्कर्म करने की घटना की गई थी। डीएनए का हो गया मिलान उक्त घटना के साक्ष्यों का भी फणजी गणावा के रक्त सैंपल से डीएनए मिलान हो गया। एसपी ने बताया कि शंका है कि आरोपित फणजी द्वारा जिले में पहले भी अन्य बालिकाओं के साथ घटना की गई होगी। दुष्कर्म के 6 केस की कराई जा रही है जांच बालिकाओं से हुए रेप के छह अनसुलझे मामलों की भी जांच कराई जा रही है। टीम में जावरा औद्योगिक क्षेत्र टीआइ मुनेंद्र गौतम, एसआइ विजय बामनिया, राकेश मेहरा, लक्ष्मीनारायण गिरी, प्रधान आरक्षक हर्षवर्धन, योगेश सेनी, संजय आंजना, सायबर सेल प्रभारी मनमोहन शर्मा, सेल के सदस्य आरक्षक विपुल भावसार, मयंक व्यास आदि शामिल थे।
स्वरोजगार के नाम पर अधिकारियों ने महिलाओं को दिया धोखा, 22 हजार की चाइना मेड मशीन 2.12 लाख में बेची, वो भी हो गई खराब
ग्रामीण महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रदेश सरकार हर संभव प्रयास कर रही है, लेकिन उनके अधिकारी ही सरकार के प्रयास में पतीला लगा रहे हैं। ऐसा ही एक मामला मध्य प्रदेश में जबलपुर के कुंडम ब्लाक में सामने आया है। जिन मशीनों से कोदू-कुटकी का आटा और शक्कर पीसना थी, वो अब आटे की बजाए धुंआ छोड़ रहे हैं। By Atul Shukla Publish Date: Fri, 15 Nov 2024 10:57:41 AM (IST) Up to date Date: Fri, 15 Nov 2024 11:13:18 AM (IST) आटा चक्की से धुंआ निकलता व स्वसमूह की दीदी:नईदुनिया। HighLights समूह की दीदियों को कोदू-कुटकी के बिस्किट बनाने दी मशीनें 10 दिन में ही खराब। कलेक्टर के आदेश पर की जांच, परियोजना अधिकारी ने किया लाखों का फर्जीवाड़ा। मशीन बंद पड़ी है और समूह के पास बैंक की किस्त जमा करने तक के पैसे नहीं है। अतुल शुक्ला, नईदुनिया, जबलपुर (Jabalpur Information)। जबलपुर के कुंडम ब्लाक में सामने आया है, जहां स्वसहायता समूह की महिलाओं को स्वरोजगार के नाम पर लाखों की मशीनें खरीदकर दी गई, लेकिन महज 10 दिन में ही यह खराब हो गई। चाइना मेड निकली, बाजार कीमत करीब 22 हजार रुपये है स्वसहायता समूह की अध्यक्ष राधा और सचिव ममता यादव के मुताबिक जो मशीनें उन्हें दी गई, वे सारी चाइना मेड निकली और उसकी बाजार कीमत करीब 22 हजार रुपये है, लेकिन इन मशीनों में चस्पा किए दाम और बिल में प्रति मशीन करीब दो लाख 12 हजार रुपये की है। समूह के पास बैंक की किस्त जमा करने तक के पैसे नहीं है जिन मशीनों को खरीदने में 12 लाख रुपये खर्च हुए, उसमें आठ लाख रुपये तो समूह के नाम पर बैंक से लोन दिलाया गया, शेष चार लाख रुपये वाटर शेड अनुदान के तौर पर दिए गए। अब मशीन बंद पड़ी है और समूह के पास बैंक की किस्त जमा करने तक के पैसे नहीं है। जांच में निकली काम दाम और बिना आइएसआइ की मशीन महिलाओं ने इसकी शिकायत कलेक्टर दीपक सक्सेना को दी। जिला पंचायत सीओ मनोज सिंह को जांच करने के निर्देश दिए। कलेक्टर बोले- जांच करने के लिए तीन सदस्यीय जांच टीम बनाई। जनपद पंचायत सीईओ, कुंडम एई व वाटर शेड परियोजना के पीओ हैं। जांच में प्रोजेक्ट में दिए मशीन के मापदंड के मुताबिक मशीन नहीं पाई। परियोजना के प्रभारी अखिल शुक्ला ने यह पूरा खेल बाजार मूल्य भी कम पाया गया। इतना ही नहीं खुद के वेंडर ले जाकर महिलाओं को जबरन मशीन दिलवाई गई। महिलाओं के मुताबिक यह पूरा खेल जिला पंचायत में राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन परियोजना के प्रभारी अखिल शुक्ला ने जिला पंचायत कार्यालय में पदस्थ रवि तिवारी और मशीन बेचने वाले व्यापारी ऋतिक जैन के साथ मिलकर खेला। ऐसे खेला गया फर्जीवाड़ा कोदू-कुटकी के बिस्किट बनाने के लिए स्वसहायता समूह की महिलाओं को तैयार किया गया महिलाओं के मना करने के बाद भी उन्हें 12 लाख रुपये की पांच मशीनें खरीद कर दी गई। महिलाओं के लोन न लेने पर उन्हें अच्छे भविष्य के सपने दिखाकर आठ लाख का लोन दिलवाया। एक मशीन की कीमत दो लाख 12 हजार रुपये दिखाई गई, जबकि वह 22 हजार रुपये की थी। आठ अक्टूबर को विधायक सिहोरा ने इन मशीनों का उद्घाटन किया और 18 अक्टूबर को बंद हो गईं परियोजना अधिकारी और व्यापारी पांच नवंबर को महिलाओं के पास पहुंचे और समझौते का दबाव बनाया। इन मशीनों को खरीदा कोदू-कुटकी का आटा पीसने वाली मशीन शक्कर पीसने वाली मशीन आटा से रोटी बनाने वाली मशीन बिस्किट बनाने वाली मशीन पैक करने वाली मशीन ऐसे सामने आया फर्जीवाड़ा मशीनों के स्टीकर हटाया तो मेड इन चाइना लिखा था स्टीकर हटाने के बाद एक नंबर मिला, जिससे पूछताछ की। इस नंबर पर कंपनी ने सही कीमत बताई।
IND vs SA third T20 Match: क्या तीसरे मैच पर होगा बारिश का साया, पढ़े वेदर रिपोर्ट, पिच का हाल सहित हेड-टू-हेड
भारत और साउथ अफ्रीका के बीच 4 मैचों की टी-20 सीरीज का तीसरा मुकाबला आज सेंचुरियन के सुपरस्पोर्ट पार्क स्टेडियम में रात 8:30 बजे खेला जाएगा। सीरीज 1-1 से बराबरी पर है। भारत ने पहला मैच 61 रन से और साउथ अफ्रीका ने दूसरा 3 विकेट से जीता। इस आर्टिकल में पिच रिपोर्ट, मौसम रिपोर्ट व हेड-टू-हेट के बारे में जानें। By Anurag Mishra Publish Date: Wed, 13 Nov 2024 02:36:52 PM (IST) Up to date Date: Wed, 13 Nov 2024 02:36:52 PM (IST) इंडिया और साउथ अफ्रीका के बीच तीसरे टी20 मैच के लिए भिड़ंत। (फाइल फोटो) स्पोर्ट्स डेस्क, इंदौर। भारत और साउथ अफ्रीका के बीच 4 मैचों की टी-20 सीरीज का तीसरा मुकाबला आज सेंचुरियन के सुपरस्पोर्ट पार्क स्टेडियम में खेला जाएगा। यह मैच रात 8:30 बजे शुरू होगा। दोनों टीमों के बीच टॉस रात 8 बजे होगा। भारत को 6 साल बाद यहां टी-20 मैच खेलने का मौका मिल रहा है। आखिरी बार 2018 में दोनों टीमें यहां भिड़ी थीं, जिसमें भारत को हार का सामना करना पड़ा था। सीरीज का हाल इस सीरीज में दोनों टीमों ने एक-एक मैच अपने नाम कर लिया है। भारत ने पहला मैच 61 रन से और साउथ अफ्रीका ने दूसरा मैच 3 विकेट से जीतकर सीरीज को 1-1 से बराबरी पर ला खड़ा कर दिया। इस सीरीज का अंतिम मैच 15 नवंबर को जोहान्सबर्ग में खेला जाएगा। हेड-टू-हेड आंकड़े भारत और साउथ अफ्रीका अब तक कुल 29 टी-20 मैचों में एक-दूसरे के खिलाफ उतरी है। भारत ने 16 मैच जीते हैं, जबकि साउथ अफ्रीका को 12 मैचों में ही जीत मिली है। दोनों टीमों के बीच एक मैच ड्रॉ भी रहा है। इस साल के टी-20 वर्ल्ड कप में भारत ने साउथ अफ्रीका को पटखनी दी थी। पिछला मुकाबला और रिकॉर्ड सेंचुरियन में दोनों टीमों के बीच आखिरी 2018 में भिड़ी थीं। इस मैच में साउथ अफ्रीका का पलड़ा भारी रहा था। उसने भारत को 6 विकेट से हरा दिया था। साउथ अफ्रीका में दोनों टीमों ने अब तक 22 टी-20 मैच खेले हैं, जिनमें से भारत ने 12 और साउथ अफ्रीका ने 9 मैच जीते हैं। एक मैच ड्रॉ भी रहा है। वेदर कंडीशन सेंचुरियन में बुधवार को मौसम साफ रहेगा। बारिश नहीं होने की संभावना अधिक है। तापमान 16 से 26 डिग्री सेल्सियस के बीच रह सकता है। पिछले 2 मैचों में भी बारिश न होने से मैच में किसी भी तरह की रुकावट नहीं हुई थी। पिच रिपोर्ट सेंचुरियन में खेले गए 14 टी-20 मैचों बॉलिंग और बैटिंग दोनों का ही पलड़ा बराबर पड़ा है। 7 बार पहले बैटिंग और 7 बार पहले बॉलिंग करने वाली टीम ने जीत दर्ज की है। यहां का सबसे बड़ा स्कोर 258 रन का है। टॉस जीतने वाली टीम पहले गेंदबाजी करने का चुनाव कर सकती है।
भारत अपने लकी मैदान पर पहुंचा, यहीं जीता था वर्ल्ड कप, सूर्या का शतक… आज सीरीज मुट्ठी में करने का मौका
नई दिल्ली. भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच टी20 सीरीज का चौथा और निर्णायक मैच आज शुक्रवार को खेला जाएगा. भारत के पास इस मैच को जीतकर सीरीज मुट्ठी में करने का मौका है तो दक्षिण अफ्रीका बराबरी के लिए जोर लगाएगा. भारतीय लिहाज से अच्छी बात यह है कि मैच जिस मैदान पर होना है, वह टीम इंडिया के लिए लकी माना जाता है. भारत ने इसी मैदान पर 2007 में पहला टी20 वर्ल्ड कप जीता था. इसी मैदान पर सूर्यकुमार यादव शतक लगा चुके हैं. जीत-हार का आंकड़ा भी भारत के पक्ष में है. वांडरर्स में 6 में से 4 मैच जीता भारतभारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच चौथा टी20 मैच जोहानेसबर्ग के द वांडरर्स स्टेडियम में खेला जाना है. भारतीय टीम ने यहां कुल 6 टी20 मैच खेले हैं. इनमें से 4 में उसे जीत मिली है, जबकि दो उसे हार का सामना करना पड़ा है. यह दुनिया के उन चुनिंदा मैदानों में से एक है जहां टॉस का ज्यादा फर्क नहीं पड़ता. द वांडरर्स में खेले गए 26 टी20 इंटरनेशनल मैच इसके सबूत हैं. इन 26 मैचों में से 13 पहले बैटिंग करने वाली टीमें जीती हैं तो बाकी 13 बाद में बैटिंग करने वाली टीमों के नाम रहे हैं. मौजूदा सीरीज में स्पिनरों का दबदबा भारत ने मौजूदा टी20 सीरीज के 3 में से 2 मैच जीते हैं. इस पूरी सीरीज में भारतीय स्पिनरों का दबदबा रहा है. खासकर वरुण चक्रवर्ती अफ्रीकी बैटर्स के लिए अबूझ पहेली साबित हुए हैं. इसी सीरीज में संजू सैमसन और तिलक वर्मा शतक लगा चुके हैं तो अभिषेक शर्मा तूफानी फिफ्टी जड़ चुके हैं. कुल मिलाकर भारतीय टीम रिदम में है और जीत की दावेदार है. 30 में से सिर्फ 12 मैच जीत पाया द. अफ्रीकाभारत ने दक्षिण अफ्रीका में 3 मैचों की सीरीज सिर्फ एक बार जीती है. उसने 2018 में मेजबान टीम को 2-1 से हराया था. अब सूर्यकुमार यादव की टीम के पास दक्षिण अफ्रीका में दूसरी बार टी20 सीरीज जीतने का मौका है. दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ वैसे भी टी20 मैचों में आंकड़े भारत के पक्ष में हैं. दोनों टीमें 30 बार टी20 मैच में भिड़ चुकी हैं. भारत ने इनमें से 17 मैच जीते हैं. दक्षिण अफ्रीका ने 12 मैच जीते हैं और एक रद्द हो गया था. 8.30 बजे शुरू होगा मुकाबला भारत और दक्षिण अफ्रीका का मुकाबला आज रात 8.30 बजे शुरू होगा. यह देखना दिलचस्प होगा कि भारत अपनी प्लेइंग इलेवन में बदलाव करता है या नहीं. पिछले मैच में भारत एक बदलाव के साथ उतरा था. आवेश खान की जगह रमनदीप सिंह को मौका दिया गया था. ऑलराउंडर रमनदीप ने मैच में 15 रन बनाए थे. उन्हें गेंदबाजी का मौका नहीं मिला था. भारत ने तीसरे टी20 मैच में तिलक वर्मा की शतक की मदद से 219 रन बनाए थे, जिसके जवाब में दक्षिण अफ्रीका 208 रन ही बना सका था. Tags: India vs South Africa, Indian Cricket Group, South africa, Suryakumar Yadav, Group india FIRST PUBLISHED : November 15, 2024, 08:14 IST