ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ डे-नाइट टेस्ट में किस स्टार गेंदबाज को होना चाहिए था, पूर्व BCCI अध्यक्ष ने लिया नाम

नई दिल्ली. भारतीय क्रिकेट टीम का ऑस्ट्रेलिया दौरा इस वक्त चर्चा का विषय बना हुआ है. तमाम दिग्गत समेत पूर्व भारतीय कप्तान की बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी पर नजर जमी है. सीरीज का पहला मुकाबला 22 नवंबर से पर्थ में खेला जाना है. दूसरा मैच एडिलेड में होगा जो पिंक बॉल से खेला जाएगा. सौरव गांगुली ने इस मैच में भारतीय टीम के तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी के ना होने पर सवाल उठाया है.

पूर्व कप्तान गांगुली ने कहा कि मोहम्मद शमी को छह दिसंबर से होने वाले दूसरे टेस्ट के लिए एडिलेड भेजा जाना चाहिए था. एडिलेड में टीम गुलाबी गेंद से डे नाइट टेस्ट खेलेगी. भारतीय चयनकर्ताओं की सोच हालांकि गांगुली से नहीं मिलती है. टखने की चोट से उबरने के बाद बंगाल के लिए रणजी मैच में प्रभावी प्रदर्शन करने वाले शमी की वापसी में चयनकर्ता जल्दबाजी नहीं करना चाहते है.

बीसीसीआई की मेडिकल टीम और राष्ट्रीय चयनकर्ता चाहते हैं कि शमी सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में कुछ और प्रतिस्पर्धी मैच खेलें. इससे यह देखा जा सके कि कई मैचों के बाद भी उनका शरीर ठीक है या नहीं, फिर भले ही यह सफेद गेंद का टूर्नामेंट हो. गांगुली ने कहा, ‘‘ शमी ने लगभग 45 ओवर गेंदबाजी की और मैदान पर फील्डिंग के लिए 100 से अधिक ओवर तक मैदान पर रहे. यह ऑस्ट्रेलिया भेजे जाने के लिए पर्याप्त फिटनेस है. इस दौरे पर आपको जसप्रीत बुमराह के साथ उनके जैसे क्षमता वाले गेंदबाज की जरूरत है.’’

1 साल बाद शमी की मैदान पर वापसी

साल 2023 में आईसीसी वनडे वर्ल्ड कप में खेलने के बाद से ही मोहम्मद शमी टीम इंडिया से चोट की वजह से बाहर रहे. ऑस्ट्रेलिया के लिए चुनी गई टीम में उनका नाम शामिल नहीं किया गया. बंगाल के खिलाफ रणजी ट्रॉफी मैच में उतरकर उन्होंने अपनी फिटनेस साबित की. 1 साल के अंतराल के बाद शमी किसी मैच में खेलने उतरे थे. दोनों पारी में मिलाकर उन्होंने 7 विकेट लेकर टीम के मध्य प्रदेश के खिलाफ जीत दिलाई.

Tags: Border Gavaskar Trophy, India vs Australia, Mohammed Shami, Sourav Ganguly

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