Day: December 16, 2024

चीन के लेजर वैज्ञानिक ली जियाओ ने मेटल कटिंग बीम से छोटे ड्रोन बनाए

चीन लेजर धातु काटने बीम: चीन ने एक ऐस हथियार इजाद कर लिया है जो दुनिया के लिए परेशानी का सबब बन गया है। इस हथियार के जरिए चीन अपने विरोधियों के पल भर में अंधाधुंध हमला कर सकता है। वहीं इस हथियार में इतनी ताकत है कि इसके जरिए लोहे को तरह-तरह से हिलाया जा सकता है। असल में “क्रेजी ली” के नाम से मशहूर एक चीनी वैज्ञानिक ने स्मॉल डायरेक्शन को शक्तिशाली मेटल-कटने वाली लेजर किराए का काम करने की क्षमता से लैस किया है। इस कारनामे को पहले अप्रभावी माना जाता था. साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की एक रिपोर्ट के मुताबिक, चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के अधीन नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ डिफेंस टेक्नोलॉजी के एक सहयोगी इंजीनियर ली सियाओ ने यह हथियार तैयार किया है। इतना महंगा है ये हथियार आम तौर पर केवल पांच माइक्रोवाट की शक्ति वाली 1080 मीटर लेजर बीम से किसी भी व्यक्ति को अँधेरा हो सकता है। चीनी बजाज लेजर बीम्स के पास 20 करोड़ से अधिक की कमाई है। अध्ययन के अनुसार, इस दर्ज के लेजर बीम मेटल से आराम से अनकहा जा सकता है। अगर इस लेजर बीम के आड़े इंसानी दोस्त आ जाता है तो ये उसे झपकाते ही मसाले में डाल देगा। वहीं आयरन को भी पानी की तरह तरल पदार्थ अवस्था में चांद डुबा में लाया जा सकता है। अध्ययन में कहा गया है कि, “भविष्य में सिद्धांतों का पता लगाने के लिए कई डूबों पर इस हथियार से हमला किया जा सकता है और फिर जमीन पर इसी आधार पर व्यावहारिक आधार तैयार किया जा सकता है।” इस हथियार में नया क्या है? लेजर बीम से किसी भी चीज को पहले भी अनपैक किया जा सकता था लेकिन इसके लिए भारी उपकरणों को इस्तेमाल में लाया जाता है। चीनी तीक्ष्ण शक्तिशाली लेजर को एक छोटे से घरेलू साम्राज्य में तैयार किया गया है। ये भी पढ़ें: क्या आपने बशर अल-असद का ‘सलमान खान’ अवतार देखा? ऐतिहासिक हो तस्वीरें Source link

उत्तर प्रदेश के भारतीय तेज गेंदबाज अंकित राजपूत ने IND vs AUS बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी 2024-25 के बीच भारतीय क्रिकेट से संन्यास ले लिया

अंकित राजपूत सेवानिवृत्ति: इन दिनों भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी की फिल्में चल रही हैं। इसी बीच उत्तर प्रदेश के लिए 31 साल के भारतीय तेज गेंदबाज अंकित राजपूत ने क्रिकेट से संन्यास ले लिया। 2009 में उनका शुरू हुआ क्रिकेट करियर ख़त्म हो गया। अंकित ने अपने करियर में 80वां फर्स्ट क्लास मैच खेला। इसके अलावा उन्होंने आईपीएल का 6वां सीजन भी खेला। अपने संतों के माध्यम से टिकट ने पासपोर्ट जारी किया। उन्होंने अपनी पोस्ट में लिखा, “आज, अपार कृतज्ञता और स्मारक के साथ, मैं भारतीय क्रिकेट से अपने अनुयायियों का योगदान देता हूं। 2009 से 2024 तक का सफर मेरी जिंदगी का सबसे शानदार इतिहास रहा है।” एसोसिएशन, आईपीएल फ्रेंचाइजी चेन्नई सुपर किंग्स, कोलकाता नाइट राइडर्स, किंग्स 11, राजस्थान रॉयल्स और लखनऊ सुपर जायंट्स के माध्यम से जाने वाले स्टॉक के लिए मैं टूरिस्ट हूं।” इसके आगे अंकित ने अपने कोच, दोस्त खिलाड़ी, फिजियो, प्रेमी और परिवार का अपने करियर में एक अहम किरदार की भूमिका निभाई। बता दें कि अंकित को अपनी कप्तानी में टीम इंडिया के लिए मौका कभी हासिल नहीं हो सका। उन्होंने इंडिया-ए के लिए क्रिकेट खेला, लेकिन सीनियर टीम तक नहीं पहुंच सके। शिलालेख राजपूत का इतिहास अंकित ने अपने करियर में 80 फर्स्ट क्लास, 50 लिस्ट ए और 87 टी20 क्लब खेले। फर्स्ट क्लास की 137 पारियों में उनका औसत 29.25 से 248 विकेट चटकाए, जिसमें मैच बेस्ट 10/97 का रहा। इसके अलावा लिस्ट-ए में 49 पारियों में अंकित ने 26.94 का औसत 71 विकेट अपने नाम किया. बाकी टी20 के 87 पारियों में अंकित ने 21.55 के औसत से 105 विकेट अपने नाम किये. अंकित ने 2013 में अपने आईपीएल इतिहास की शुरुआत की थी। उन्होंने 2020-21 सीज़न तक आईपीएल खेला। इस दौरान अंकित ने चेन्नई सुपर किंग्स, कोलकाता नाइट राइडर्स, पंजाब किंग्स और राजस्थान रॉयल्स के लिए खेला। अंकित ने कुल 29 आईपीएल मैच खेले। इन मैचों में 29 पारियों में बॉलिंग करते हुए उन्होंने 33.91 के औसत से 24 विकेट चटकाए. ये भी पढ़ें… विराट कोहली: विराट कोहली के गाने ‘जंग’ में विलियमसन-रूट-स्मिथ ने जड़ा था शतकों का अंबार Source link

एआई से संबंधित क्षेत्र में नौकरी के क्या विकल्प हैं, यहां विस्तार से जानें

एआई क्षेत्र में नौकरी के अवसर: आर्टिफिशियल साइंटिफिक जेन्स (एआई) का भारत सहित विश्व में तेजी से विकास हो रहा है। दुनिया भर में एआई लगातार अपनी पार-पार जारी रख रही है। असली एआई ने इंसानों के लिए काम करना तो आसान बना दिया है, लेकिन इसके साथ ही इंसानों के लिए खतरा भी माना जा रहा है। खास तौर पर आने वाले दिनों में लाखों लोगों की नौकरी जा सकती है. इस समय जिस काम को इंसानों को अंजाम दे रहे हैं, उन खिलाड़ियों को एआई आसानी से नजर आते हैं, लेकिन दूसरी तरफ एआई के समर्थकों का कहना है कि इससे इंसानों के लिए अवसर बढ़ेंगे। एआई के क्षेत्र में लोगों को नौकरी के नए-नए अवसर मिलेंगे। एआई फील्ड में जॉब के प्लेसमेंट क्या-क्या हैं? आज हमने देखा डालेंगे एआई फील्ड के जॉब प्लेसमेंट पर। हम जानेंगे कि आने वाले दिनों में एआई फील्ड में इंसानों के लिए नौकरी के लिए क्या-क्या मौका दिया जाएगा। असली रेस्तरां में बीएससी पूरा करने वाले छात्रों के पास वीडियो गेम प्रोग्रामर, डेटा एनालिस्ट, मशीन लर्निंग इंजीनियर और सॉफ्टवेयर इंजीनियर जैसे कई व्यावसायिक विकल्प होते हैं। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में बीसीए 3 साल का यूजी कोर्स है। इस कोर्स में छात्रों को मास्टर प्रोग्राम डिजाइन करना होता है। ये भी पढ़ें- इन राज्यों में बड़ी-बड़ी मूंछें रखने वाले यात्रियों का नाम क्या है, क्या आप जानते हैं? इन क्षेत्रों में नौकरी के अवसर… इसके अलावा आर्किटेक्चरल कोर्स पूरा करने वाले छात्र स्पेशलिस्ट एनालिस्ट और मेकर, सुपरमार्केट स्पेशलिस्ट, इलेक्ट्रॉनिक्स और इलेक्ट्रिकल इंजीनियर और रिर्स्च साइंटिस्ट के रूप में पर्यटक बन सकते हैं। इस तरह का ग्रेजुएशन कोर्स करने का मौका मिलता है। इसका औसत किराया करीब 2 लाख रुपए है। ये भी पढ़ें- भारत में कहां-कहां होती है सिक्कों की ढलाई, किसी सिक्के को देखकर कैसे बता सकते हैं उसका क्षेत्रफल? साथ ही फाइनेंस, फाइनेंस, फाइनेंस, ऑटोमोबाइल, एविएशन, मेडिकल आदि जैसे सभी उद्योगों/बिजनेस में बिजनेस का इस्तेमाल किया जा रहा है। इसी तरह आने वाले दिनों में इन इलाकों में नौकरी के नए-नए अवसर सामने आएंगे। ये भी पढ़ें- प्रधानमंत्री से लेकर जासूस तक, जानिए कब और किस जाति के खिलाफ लाया गया अविश्वास प्रस्ताव शिक्षा ऋण जानकारी:शिक्षा ऋण ईएमआई की गणना करें Source link

सोने की कीमत आज भारत स्विट्जरलैंड से सबसे ज्यादा सोना आयात करता है, जानिए आज क्या है कीमत?

सोने की कीमत आज: भारत में सोने का क्रेज हमेशा रहता है। निश्चित से शादी विवाह के सीजन में इसकी मांग और भारी बढ़ोतरी होती है। देश में सोने की डिजायन कितनी ज्यादा रहती है, इसका मतलब आपको यही बात लग सकती है कि भारत हर साल कई अरब डॉलर का सोना दूसरे देशों से ले जाता है। इस साल तो देश ने रिकॉर्ड ही पार्ट बनाया है। आपको बता दें, देश में सोने का आंकड़ा नवंबर में चार गुना 14.86 अरब अमेरिकी डॉलर के रिकॉर्ड उच्चतम स्तर पर पहुंच गया। तर्कशास्त्रियों के अनुसार, सोने का महत्व मुख्य रूप से त्योहारों और शादी-विवाह की मांग के कारण बढ़ा है। आज सोने की कीमत की बात करें तो दिल्ली में प्रति 10 ग्राम 24 कैरेट सोने की कीमत 79,005 रुपये है। दूसरे देश से कितने का सोना आया वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़े के अनुसार, नवंबर, 2023 में सोने की कीमत 3.44 अरब डॉलर रही थी। जबकि, स्थिर वित्त वर्ष-अप्रैल नवंबर के दौरान शुल्क 49 फीसदी उछाल 49 अरब डॉलर हो गया। जबकि, पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में यह 32.93 अरब डॉलर था। वाणिज्य मंत्रालय के अनुसार, नवंबर 2024 तक स्वर्ण के साथ लगभग 25 प्रतिशत औसत वार्षिक रिटर्न, सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाली वस्तु में से एक है। सोना कितना है सोना असल में, सोने के अधिक आय के पीछे कई कारक काम करते हैं। जैसे- सोना एक सुरक्षित संपत्ति के रूप में उद्यमियों की मजबूत स्थिति का संकेत देता है। इसके अलावा वैश्विक धरोहरों के कारण संपत्ति विविधीकरण के लिए सोने की खरीद, शेयरों की भीड़ मांग सीमा और शुल्क में कटौती के साथ भी सोने की चमक अच्छी है। बता दें, राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में इस साल 23 प्रतिशत प्रति 10 ग्राम सोने के दाम 78,350 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गए हैं। असल में, बजट में सरकार ने सोने के किराये पर शुल्क 15 प्रतिशत से 6 प्रतिशत कर दिया था। सबसे बड़ा स्थान सोना है भारत का गोल्डपोर्ट 2023-24 में 30 प्रतिशत का उछाल 45.54 अरब डॉलर हो गया था। आपको बता दें, भारत के लिए जापान सोने के लिए सबसे बड़ा स्रोत है। भारत अपने सोने के कारोबार का लगभग 40 फीसदी हिस्सा संगम से ही हासिल करता है। इसके बाद संयुक्त अरब अमीरात से 16 प्रतिशत और दक्षिण अफ्रीका से लगभग 10 प्रतिशत का योगदान है। आपको यह जानकर हैरानी होगी कि देश के कुल हिस्से में सोने का हिस्सा पांच फीसदी से ज्यादा है। सोने के हमले में उथल-पुथल ने देश के व्यापार घोटाले, आतंकवाद और विरोधियों के बीच अंतर को नवंबर में रिकॉर्ड 37.84 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंचाया। ये भी पढ़ें: मोबिक्विक आईपीओ जीएमपी: मोबिक्विक का मालिक कौन है? आईपीओ शेयर बाजार में मचाने वाला है धमाल Source link

15 हजार से कम कीमत वाले स्मार्टफोन Vivo T3X iQOO Z9X Motorola G45 G64 Redmi 13 जानें स्पेक्स, कीमत और बहुत कुछ

15000 से कम कीमत वाले स्मार्टफोन: भारतीय बाज़ार में बोर्ड और बजटीय उपकरणों की काफी डिज़ाइन बनी हुई है। लोग कम कीमत में ज्यादातर फीचर्स वाले फोन खूब पसंद करते हैं। इसी कड़ी में आज हम आपको ऐसे ही कुछ शानदार टेक्नोलॉजी के बारे में बता रहे हैं जो कम कीमत में आपको बेहतरीन फीचर्स ऑफर करती हैं। साथ ही ये बाजार के सबसे पावरफ्लक्स मिलते हैं। वीवो (Vivo) से लेकर मोटोरोला (Motorola) तक के मॉडल इसमें शामिल हैं। iQOO Z9x iQOO Z9x को मई में लॉन्च किया गया था और इसकी शुरुआती कीमत 12,499 रुपये है। यह 6 जेन 1 चिपसेट, 8 जीबी रैम और 128 जीबी स्टोरेज के साथ आता है। इस उपकरण का अंतुतु स्कोर 5,52,168 है। यह फोन सोशल मीडिया और वीडियो स्ट्रीमिंग के लिए तो उपयुक्त है ही, साथ ही इसे शानदार बैटरी सपोर्ट के लिए भी लिस्ट किया गया है। विवो T3x वीवो का यह अप्रैलटेक्मेंट में लॉन्च हुआ था। Vivo T3x एक मजबूत कंपनी है जो 6 जेन 1 चिपसेट के साथ आती है। इसकी शुरुआती कीमत 12,999 रुपये है। इस उपकरण का अंतुतु स्कोर 5,49,494 है। यह गेमिंग के लिए एक बेहतरीन विकल्प है और अपनी कीमत पर महान सलाह देता है। मोटो जी64 मोटोरोला का G64टेक अप्रैल बाजार में आया था। इसमें मीडियाटेक डायमेंसिटी 7025 चिपसेट दिया गया है। इसकी कीमत 13,999 रुपये से शुरू होती है। इस फोन का Antutu स्कोर 4,97,235 है। यह फोन फास्ट कैरिकेचर और बेहतर मार्केट के लिए अपने सेगमेंट में लोकप्रिय है। मोटो जी45 अगस्त में लॉन्च हुआ मोटो जी45, बेजोड़ 6एस जेन 3 चिपसेट लॉन्च किया गया है। यह इंटरनेशनल मल्टीटास्किंग और टीम में अच्छा प्रदर्शन करता है। इसकी शुरुआती कीमत 10,999 रुपये है। इसका अंतुतु स्कोर 4,49,055 है। यह उपकरण डेमोक्रेसी स्कोर के साथ आता है। रेडमी 13 रेडमी 13 जुलाई को लॉन्च हुई और इसकी कीमत 14,499 रुपये से शुरू होती है। इसमें 4 जेन 2 चिपसेट, 8GB रैम और 128GB की स्टोरेज दी गई है। इस तकनीक का Antutu स्कोर 4,45,212 है। 15,000 रुपये के अंदर यह शानदार कैमरा प्रोटोटाइप एक बेहतरीन विकल्प है। इनटेक्निक्स को चुनकर आप अपने बजट में बेहतरीन मॉडल और फीचर्स का आनंद ले सकते हैं। यह भी पढ़ें: 5K से कम कीमत में टावर रूम हीटर: न किश्ते और न ही जेब होगी कंसल्टेंट, आमेर डैम पर घर ले अय्युनमेंट टावर रुम की कीमत Source link

82 साल की महिला ने स्टेज पर किया जबरदस्त डांस, वीडियो वायरल

ट्रेंडिंग वीडियो: कहते हैं कुछ कर दिखाने की और सीखने की कोई उम्र नहीं होती। इसके अलावा शौक के दीवाने तो किसी भी हाल में अपने शौक से महफिलों को सरसब्ज कर देते हैं। ऐसे में जब बात हो डांस की तो इसके दीवाने बच्चे लेकर बुजुर्ग तक होते हैं। हाल ही में सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है जिसमें देखा जा सकता है कि एक 82 साल की बुजुर्ग महिला पूरी महफिल में अपने डांस से हैरान कर रही है। जिसके बाद सभी लोग स्टार फीमेल का स्टैंडअलिस्ट भी बनाते हैं और उनका डांस भी काफी अच्छा लगता है। 82 साल की महिला ने किया अवॉर्ड्स डांस! वायरल वीडियो में 82 साल की दादी ने अपने जोश और ऊर्जा से सबका दिल जीत लिया। हाल ही में उन्होंने एक इवेंट में अपने शानदार डांस से सभी को हैरान कर दिया. दादी ने न सिर्फ अपनी उम्र को ललकारा, बल्कि अपने डांस करने के स्टूडियो से साबित कर दिया कि उम्र सिर्फ एक नंबर है। वीडियो में देखा जा सकता है कि कैसे दादी अपनी कमाल की एनर्जी के साथ मेरा नाम चिन चिन चू गानों पर डांस कर रही हैं और उनके चेहरे पर जो खुशी और कॉन्फिडेंस है, वह हर किसी को फॉलो कर रही हैं। मेरा नाम चिन चिन चू पर भव्य थिरकीं उनका डांस ना सिर्फ मनोरंजन का जरिया था, बल्कि उन्होंने युवाओं को भी लाइफ में जोश और ऊर्जा बनाए रखने का संदेश दिया। यह वीडियो सोशल मीडिया पर धमाल मचाने और देखते ही देखते वायरल हो गया। लोग दादी के डांस का जलवा बिखेर रहे हैं और उनके इस लगन को लेकर हर तरफ से दर्शकों के पसंदीदा लुक मिल रहे हैं।डांस का यह वीडियो सोशल मीडिया के कई प्लेटफ़ॉर्म पर रीपोस्ट किया गया है। यह भी पढ़ें: यहां डस्टबिन भी कर रहे हैं, लोगों से पूछ रहे सवाल- वीडियो वायरल उपभोक्ता ने की शोभा वीडियो को हम.कलाकार कलाकार के नाम के साथ साझा किया गया है जिसे अब तक 10.3 मिलियन से ज्यादा बार देखा जा चुका है तो वहीं कई लोगों ने वीडियो को लाइक भी किया है. ऐसे में सोशल मीडिया उपभोक्ता वीडियो को लेकर तरह-तरह के रिएक्शन देते रहते हैं। एक यात्री ने लिखा है….इंसान अगर इतना ले तो किसी भी उम्र में कुछ भी कर सकता है। एक और यात्री ने लिखा….उम्र सिर्फ एक नंबर है. तो वहीं एक और राक्षस ने लिखा….दादी थोड़ा थाम जाओ, इस उम्र में ये सब ठीक नहीं है। यह भी पढ़ें: शादी में दूल्हे-दुल्हन ने ली एनिमल के किरदार कपूर की पहली एंट्री, वायरल हो रहे वीडियो वायरल Source link

पाकिस्तान में बौद्धों का यह मंदिर, कौन करता है इनकी देखभाल

पाकिस्तान में अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय के लोगों को खाना बनाना आम बात हो गई है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि जब देश का बंटवारा हुआ था और पाकिस्तान में एक अलग इस्लामिक अपराधी बना था, तब वहां पर हिंदू मंदिर थे। आज हम आपको बताते हैं कि पाकिस्तान में कितने हिंदू मंदिर थे और अभी कितने बचे हुए हैं। उन्हें मारना और उनके धार्मिक स्थानों पर शिकार करना ये आम बात हो गई है। पाकिस्तान में कट्टरवादी हिंदू कैथोलिकों को रोकने की कोशिश की जाती है। सोशल मीडिया पर भी कई बार ऐसे वीडियो शेयर होते रहते हैं, जिनमें कट्टर हिंदू मूर्तियों और देवी-देवताओं की फोटो को खंडित करते हुए देखा जाता है।  पाकिस्तान में कौन सा मंदिर है? अब सवाल ये है कि पाकिस्तान में कौन से मंदिर हैं?  जानकारी के अनुसार आजादी के वक्त पाकिस्तान के हिस्सों में बहुत सारे मंदिर आए थे। लेकिन अंतिम समय में पाकिस्तान में पुर्तगालियों की संख्या ना के बराबर है। क्योंकि आजादी के बाद से ही पाकिस्तान में मंदिरों को तोड़ा जा रहा है, इतना ही नहीं कट्टर पंथियों ने तो कई मंदिरों का नामोनिशान भी खत्म कर दिया है।  पाकिस्तान में तोड़े जा रहे हैं मंदिर पाकिस्तान से आजादी के बाद भी मंदिर तोड़ने और धार्मिक समुदाय के लोगों पर हमले की घटना सामने आती रहती है। आज भी वहां हिंदू परिवार सिर्फ जबरदस्ती में रह रहे हैं। पाकिस्तान हिंदू विद्रोहियों के अनुसार 1947 में जब बंटवारा हुआ था, तब पाकिस्तान वाले हिस्सों में 428 मंदिर मौजूद थे। लेकिन 1990 के दशक तक 408 के दशक तक रेस्तरां, होटल, सरकारी स्कूल या मदरसे में रेस्तरां बनाया गया था। इसमें मौजूद काली बाबा मंदिर की जगह दारा इस्माइल खान ने स्टूडियो होटल खड़ा किया है। पख्तूनख्वा के बैतूल जिले में एक हिंदू मंदिर का नामकरण करने वाले की दुकान खोली गई है, वहीं कोहट के शिव मंदिर में अब एक स्कूल की स्थापना की गई है। जानकारी के मुताबिक पाकिस्तान में अब सिर्फ 22 हिंदू मंदिर ही बचे हैं। वहीं पाकिस्तान के सिंध क्षेत्र में सबसे ज्यादा 11 मंदिर हैं। इसके अलावा पंजाब में चार, पख्तूनख्वा में चार और बलूचिस्तान में तीन मंदिर हैं। इन चित्रों में आस-पास रहने वाले हिंदू समुदाय के लोग पूजा-पाठ करते हैं और उसके दर्शन करते हैं। पाकिस्तान में अभी भी अल्पसंख्यकों पर हमले जारी हैं और उन्हें धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर किया जा रहा है।  Source link

कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने 1975 के आपातकाल को गलती बताते हुए कहा कि यह आज अघोषित आपातकाल है 1975 में नॉयल एक मीनल का मंचन किया गया, आज वाले की कोई समय सीमा नहीं; अभिषेक सिंहवी बोले

अभिषेक मनु सिंघवी समाचार: कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि 1975 में देश में अंतिम संस्कार को एक सामान्य अधिकार दिया गया था, सोमवार (16 दिसंबर, 2024) को कहा गया था कि यह 18 महीने तक रह गया है, लेकिन आज देश में अघोषित निधन का दौर है, जिसका कोई समय सीमा नहीं है। है. भारत के संविधान की 75वीं वर्षगांठ की गौरवशाली यात्रा पर सामुहिक चर्चा में भाग लेते हुए उन्होंने 1975 में किशोरों को निश्चित समय सीमा के लिए संवैधानिक व्यवस्था दी और कहा कि स्थिर अघोषित अवकाश की कोई सीमा नहीं है और यह बेलारूसटोक जारी है। अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, ”आपातकाल की बात करें तो गलतियां हुई थीं। कांग्रेस भी पहले ये कह चुकी है. अब 90 प्रतिशत भाषण 1950 के पहले संविधान संशोधन से शुरू हुए थे। आज जो विकृतियां सामने आई हैं, उनका क्या होगा… उत्तर क्या है? अगर नेहरू ने ग़लती की है, तो हम भी जाएंगे, क्या यही रास्ता है?” सिंघवी ने कहा कि यह ग़लती नहीं है। उन्होंने कहा कि 1975 में 18 महीने का आपातकाल चला और लोगों ने अंततः इंदिरा गांधी के नेतृत्व को विश्वास में ले लिया। ‘संप्रभुता का पवित्र ग्रंथ संविधान खतरे में है’ सिंघवी ने कहा, ”वह अवशेष एक विकृति थी, जिसका संविधान ने भी समर्थन किया।” दोष थे, परन्तु यह समाप्त हो गया। इस अघोषित नवजात के लिए क्या समय सीमा है जो अभी है? इसे ख़त्म करने के लिए संविधान में क्या सुरक्षा कवच है, कुछ भी नहीं है, शून्य.” केंद्र सरकार पर तीखा हमला करते हुए उन्होंने कहा, ”देश में भय का माहौल है. संप्रभुता का पवित्र ग्रंथ संविधान खतरे में है, लोकतंत्र के हमारे स्तंभ कांप रहे हैं क्योंकि निरंकुशता हमारी सत्ता के चित्रों में घुस रही है, अपवित्रता की पवित्रता को तार-तार किया जा रहा है और संघवाद खंडित हो रहा है।” ‘लोकतंत्र के संरक्षक इसके षड्यंत्रकारी बन गए’ सिंघवी ने कहा, ”हम एक बार ऐसा देख रहे हैं जहां संस्थाएं अक्षम हो रही हैं, बदनाम हो रही हैं और सच का गलत घोंटा जा रहा है। लोकतंत्र के संरक्षक इसके षड्यंत्रकारी बन गए हैं, स्वतंत्रता के संरक्षक अब इसके शिकारी हैं। . उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार और संघवाद के सिद्धांतों के विरुद्ध काम कर रही है। कुछ राज्यों में आर्किटेक्चर पर बुलडोजर चलाने का ज़िक्र करते हुए उन्होंने कहा कि 95 फीसदी से ज्यादा कार्रवाई एक खास समुदाय के खिलाफ हुई है। सिंघवी ने कहा कि यह बुलडोजर की राजनीति है और केंद्र सरकार ने इसे इतना गौरवान्वित किया है कि अब मुख्यमंत्री एक-दूसरे के खिलाफ मुकाबला कर रहे हैं। ‘राज्यपालों पर भी किया हमला’ सिंघवी ने कुछ राज्यपालों के खिलाफ भी हमले किये जो उनके सहयोगी संघवाद के सिद्धांत पर काम कर रहे हैं। सिंघवी ने कहा, ”चुनी हुई सरकार को गलतियां करने का हक है… गवर्नर सुपर सीएम नहीं हैं… आज हमारे पास सुपर सीएम हैं।” उन्होंने यह भी कहा कि संविधान का एक स्तंभ उस पर होना चाहिए हमला भी हो रहा है. कांग्रेस नेता ने कहा कि आज किसानों में दासता और निष्ठावान सर्वोपरि हो गए हैं और जो ऐसा नहीं करते उन्हें पद दिया जाता है। उन्होंने मीडिया पर भी सवाल उठाया. यह भी पढ़ें- पाकिस्तान-तुर्की के करीबी देश ने बनाया भारत से हथियार, जानें क्या मिला जवाब Source link

तुर्की का करीबी अजरबैजान, पाकिस्तान भारतीय हथियार चाहता है, नई दिल्ली अनुरोध को नजरअंदाज करता है क्योंकि वह आर्मेनिया का समर्थन करता है

अजरबैजान चाहता है भारतीय हथियार: आर्मेनिया के साथ लंबे समय से चल रहे विवाद के बीच अजरबैजान ने भारत से हथियार गायब होने की इच्छा जाहिर की है। सीधे तौर पर तो नहीं, लेकिन एक तीसरे दोस्त देश के जरिए नई दिल्ली को मैसेज भेजा गया है। अजरबैजान की ओर से भारतीय रिजर्व बैंक की बात भी हैरान करने वाली है क्योंकि वह हमेशा पाकिस्तान या तुर्की से हथियार लेता रहता है। वहीं अजरबैजान के शत्रु देश आर्मेनिया ने भारत से कई रक्षा प्रण लिया है। यही कारण है कि अजरबैजान की इस चाहत ने दूसरे देशों का ध्यान खींचा है। द प्रिंट की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत ने अजरबैजान के इस मैसेज को अप्रूवल कर दिया है। नई दिल्ली में यह साफ कर दिया गया है कि भारत अपने मोटरसाइकिलों को खुद डिसाइड करना चाहता है और वह नहीं चाहता कि इसमें कोई बिचौलिया बने। कुल मिलाकर भारत ने अजरबैजान को हथियार देने में जरा भी हथियार नहीं दिखाया। तीसरा देश बना बिचौलिया इस मामले से जुड़े कुछ लोगों ने बताया कि अजरबैजान ने कभी भी भारत के साथ इस विषय पर सीधे तौर पर बात नहीं की, न ही आधिकारिक तौर पर और न ही अनजाने में। इन सब से हटकर एक तीसरा देश भारत से संपर्क करता है और कहता है कि दक्षिण एशियाई देश अपना स्वदेशी हथियार बनाना चाहता है और एक साझीदार की तलाश कर रहा है तो वह अजरबैजान की ओर ध्यान दे सकता है। लोगों ने बताया कि अजरबैजान अपने शत्रु आर्मेनिया से भारत के साथ साइंटिस्ट साइंटिस्ट की तरह मेल खाना चाहता है। अफ़ग़ान विमान के बेड़े को मजबूत बनाना चाहता है येरेवन ने समुद्र में कुछ समुद्रों के बीच अजरबैजान के साथ चल रहे विवाद के बीच अपनी सशस्त्र सेनाओं को और भी अधिक मजबूत करने के लिए भारत की ओर रुख किया है और रॉकेट लॉन्चर, आर्टिलरी गन, गोला बारूद, स्नाइपर राइफल और एंटी टैंक मिसाइलें आवंटित की हैं। इतना ही नहीं आर्मेनिया अपने सुखोई Su30 पासपोर्ट्स के बेड़े को मजबूत करने के लिए और भी ज्यादा मिसाइलों की खरीद कर रहा है। जम्मू और कश्मीर येरेवन में भारत की स्थिति का समर्थन करते हैं भारत के लिए आर्मेनिया सिर्फ एक सतत रक्षा साइंटिस्ट नहीं है बल्कि इस क्षेत्र में एक राजनीतिक तानाशाही के रूप में भी देखा जाता है और फ्रांस के साथ इसके अटूट संबंध हैं। भारत का एक और साझीदार ग्रीस भी अपनी रक्षा सेनाओं को बढ़ाने में मदद कर सकता है ताकि अर्मेनिया को हथियार भेजा जा सके। येरेवन जम्मू और कश्मीर भारत की स्थिति का भी एक मजबूत समर्थक है। भारत, फ्रांस और ग्रीस के सभी आर्मेनिया की सुरक्षा सेनाओं का समर्थन करने की ओर देख रहे हैं। इसकी तुलना में अजरबैजान को तुर्की और पाकिस्तान सहित देशों के बढ़ते समूह का हिस्सा माना जाता है। यह भी पढ़ें- केरल का वो स्पोर्ट्स प्रोग्राम क्या है, जिसमें पीएफआई और जमात-ए-इस्लामी से जुड़ा नाम है? तबाही Source link

सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी 2024 जीतने पर मुंबई को 80 लाख एमसीए इनाम के साथ दोगुनी पुरस्कार राशि मिलने वाली है

मुंबई SAMT 2024 जीतने पर दोगुनी पुरस्कार राशि: मुंबई ने सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी 2024 का खिताब जीता। टूर्नामेंट का फाइनल मुंबई और मध्य प्रदेश के बीच खेला गया। मुंबई में खिताबी मुकाबले में 5 विकेट से जीत दर्ज की गई थी। अब मुंबई को सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी का खिताब जीतने के लिए क्रेडिट कार्ड मिलेगा। श्रेयस श्रेयस की रसेल वाली मुंबई टीम पर करोड़ों की बारिश होगी। शाहिद मुश्ताक अली ट्रॉफी का ख़िताब मुंबई की तरफ से जीता गया, जिसमें 80 लाख रुपये की इनामी राशि दी गई। टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, फुटबॉल के बराबर मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन भी मुंबई की टीम को 80 लाख रुपये की इनामी रकम देगी। इस तरह मुंबई टीम को टी20 टूर्नामेंट का खिताब जीतने के लिए क्रेडिट प्राइज़ मनी मिलती है। अब टीम के पास 80 लाख की जगह कुल 1.60 करोड़ रुपये की प्राइज मनी है। ऑटोमोबाइल्स ऑफ मुंबई ने इसी साल रीस्टोर ऑफ इंडिया के खिलाफ खेलते हुए ईरानी कप का खिताब भी जीता था। ईरानी कप का मुकाबला रणजी चैंपियन और रेस्टॉर ऑफ इंडिया के बीच खेला जाता है। मुंबई ने पिछले सीज़न में रनजी ट्रॉफी का ख़िताब जीता था, जिसके बाद उन्होंने ईरानी कप का अधिग्रहण किया था। ऐसा हो रहा था फाइनल का हाल बेंगलुरु के एम चिन्नास्वामी स्टेडियम में खेले गए सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी 2024 के फाइनल में मुंबई ने बास्केटबॉल बॉलिंग करने का फैसला किया। पहली बैटिंग करने उतरे मध्य प्रदेश ने 20 ओवर में 174/8 रन बोर्ड पर बनाए। इस दौरान टीम के लिए कैप्टन रजत पटीदार ने सबसे बड़ी पारी खेली, जिसमें 40 गेंदों में 6 बल्लेबाजों और 6 छक्कों की मदद से 81* बल्लेबाजों की पारी खेली गई। कैप्टन पतिदार के अलावा ज्यादातर बल्लेबाज फ्लॉप ही नजर आए। टीम के कुल 5 बल्लेबाज दहाई का पात्र भी पार नहीं कर सके थे। फिर लक्ष्य का पीछा करते हुए मुंबई ने 17.5 ओवर में 180/5 रन बनाकर जीत हासिल कर ली। टीम के लिए सूर्यकुमार यादव ने सबसे बड़ी पारी खेली, जिसमें 35 बल्लेबाजों ने 4 बल्लेबाजों और 3 छक्कों की मदद से 48 रन बनाए। इसके अलावा सातवें नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए सूर्यांश शेडगे ने 15 गेंदों में 3 बल्लेबाजों और 3 छक्कों की मदद से 36* रन बनाए। ये भी पढ़ें… बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के बीच भारतीय दिग्गजों ने संन्यास लिया, 31 साल की उम्र में क्रिकेट को अलविदा कहा Source link