सोने की कीमत आज: भारत में सोने का क्रेज हमेशा रहता है। निश्चित से शादी विवाह के सीजन में इसकी मांग और भारी बढ़ोतरी होती है। देश में सोने की डिजायन कितनी ज्यादा रहती है, इसका मतलब आपको यही बात लग सकती है कि भारत हर साल कई अरब डॉलर का सोना दूसरे देशों से ले जाता है। इस साल तो देश ने रिकॉर्ड ही पार्ट बनाया है।
आपको बता दें, देश में सोने का आंकड़ा नवंबर में चार गुना 14.86 अरब अमेरिकी डॉलर के रिकॉर्ड उच्चतम स्तर पर पहुंच गया। तर्कशास्त्रियों के अनुसार, सोने का महत्व मुख्य रूप से त्योहारों और शादी-विवाह की मांग के कारण बढ़ा है। आज सोने की कीमत की बात करें तो दिल्ली में प्रति 10 ग्राम 24 कैरेट सोने की कीमत 79,005 रुपये है।
दूसरे देश से कितने का सोना आया
वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़े के अनुसार, नवंबर, 2023 में सोने की कीमत 3.44 अरब डॉलर रही थी। जबकि, स्थिर वित्त वर्ष-अप्रैल नवंबर के दौरान शुल्क 49 फीसदी उछाल 49 अरब डॉलर हो गया। जबकि, पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में यह 32.93 अरब डॉलर था। वाणिज्य मंत्रालय के अनुसार, नवंबर 2024 तक स्वर्ण के साथ लगभग 25 प्रतिशत औसत वार्षिक रिटर्न, सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाली वस्तु में से एक है।
सोना कितना है सोना
असल में, सोने के अधिक आय के पीछे कई कारक काम करते हैं। जैसे- सोना एक सुरक्षित संपत्ति के रूप में उद्यमियों की मजबूत स्थिति का संकेत देता है। इसके अलावा वैश्विक धरोहरों के कारण संपत्ति विविधीकरण के लिए सोने की खरीद, शेयरों की भीड़ मांग सीमा और शुल्क में कटौती के साथ भी सोने की चमक अच्छी है।
बता दें, राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में इस साल 23 प्रतिशत प्रति 10 ग्राम सोने के दाम 78,350 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गए हैं। असल में, बजट में सरकार ने सोने के किराये पर शुल्क 15 प्रतिशत से 6 प्रतिशत कर दिया था।
सबसे बड़ा स्थान सोना है
भारत का गोल्डपोर्ट 2023-24 में 30 प्रतिशत का उछाल 45.54 अरब डॉलर हो गया था। आपको बता दें, भारत के लिए जापान सोने के लिए सबसे बड़ा स्रोत है। भारत अपने सोने के कारोबार का लगभग 40 फीसदी हिस्सा संगम से ही हासिल करता है। इसके बाद संयुक्त अरब अमीरात से 16 प्रतिशत और दक्षिण अफ्रीका से लगभग 10 प्रतिशत का योगदान है। आपको यह जानकर हैरानी होगी कि देश के कुल हिस्से में सोने का हिस्सा पांच फीसदी से ज्यादा है। सोने के हमले में उथल-पुथल ने देश के व्यापार घोटाले, आतंकवाद और विरोधियों के बीच अंतर को नवंबर में रिकॉर्ड 37.84 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंचाया।
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