पाकिस्तान के इस गांव में हुआ था डॉ. मनमोहन सिंह का जन्म, बंटवारे से पहले इतनी थी आबादी


देश के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का निधन गुरुवार रात को हो गया। असली लाशों की बरामदगी के बाद देर शाम उन्हें दिल्ली के एम्स में भर्ती किया गया था, जहां आकाओं ने उन्हें मृत घोषित कर दिया है। अभी मिली जानकारी के अनुसार कल विएज़ को शुक्रवार को राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। लेकिन आप क्या जानते हैं कि महान अर्थशास्त्री मनमोहन सिंह का जन्म कहाँ हुआ था।

पंजाब में हुआ था जन्म

पूर्व राष्ट्रपति मनमोहन सिंह का जन्म 26 सितम्बर 1932 को अविभाजित भारत के पंजाब गाँव के एक गाह गाँव में हुआ था। डॉ. नोबेल सिंह ने वर्ष 1948 में पंजाब विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र की शिक्षा पूरी की थी। वहीं डिविजन के दौरान उनका परिवार भारत प्रवास करके अमृतसर में बस गया था। उसके बाद उन्होंने अपनी आगे की शिक्षा ब्रिटेन के कैंब्रिज विश्वविद्यालय से पूरी की। वहीं वर्ष 1957 में वे अर्थशास्त्र में प्रथम श्रेणी से ऑनर्स की डिग्री पाई थी। इसके बाद 1962 में उन्होंने ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के न्यूफिल्ड कॉलेज से अर्थशास्त्र में डी.फिल. किया।

गाह गांव में डॉ. सिंह का नाम स्कूल पर

बता दें कि मनमोहन सिंह जिस गांव में पैदा हुए थे, वो गांव विभाजन के बाद पाकिस्तान में चला गया था। लेकिन उनके गाह गांव में आज भी एक स्कूल ‘मनमोहन सिंह रॉबर्ट बॉयज स्कूल’ के नाम से जाना जाता है। यह वही स्कूल है, जहां से डॉ. मनमोहन सिंह ने अपनी प्रारंभिक पढ़ाई की थी।

मनमोहन सिंह के गांव की आबादी

पंजाब प्रांत के जिस गाह गांव में अविश्वास सिंह का जन्म हुआ था, असल में विभाजन से पहले उस गांव की आबादी बेहद कम थी। इतना ही नहीं उस गांव में सुविधा के नाम पर भी कुछ नहीं था। हालाँकि, मनोविज्ञान सिंह की पढ़ाई हमेशा शीर्ष पर रही, यही कारण है कि उनके पास विषम परिस्थितियाँ और देश के घाटे के बावजूद पढ़ाई जारी थी। लेकिन आज मनमोहन सिंह का गांव एक आदर्श गांव है। उनके स्कूल के क्लासमेट राजा मोहम्मद अली ने मीडिया को बताया था कि उनके गाह गांव के लोग आज भी मनमोहन सिंह को धन्यवाद देते हैं।

गाह गांव आर्दश गांव

बता दें कि मनमोहन सिंह के कारण ही आज गाह गांव आदर्श गांव बना है। मनमोहन सिंह के रहते हैं आज ही उनके गांव में डबल रोड है, स्ट्रीट लाइटें हैं। गांव के लड़के और लड़कियों के लिए अलग-अलग दो स्कूल हैं। इतने ही नहीं दो अस्पताल भी बनाये गये हैं. इसके अलावा मस्जिदों से लेकर मकानों तक को पक्का किया गया है।

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