Day: December 28, 2024

चैंपियंस ट्रॉफी 2025 के लिए टीम इंडिया के ऑलराउंडर हार्दिक पंड्या की जगह नितीश रेड्डी को मौका मिल सकता है

नितीश कुमार रेड्डी टीम इंडिया: आईसीसी ने हाल ही में चैंपियंस ट्रॉफी 2025 की योजना साझा की है। टीम इंडिया अपने सभी मैच दुबई में खेलेगी। इसके अलावा बाकी बचे लोग पाकिस्तान के लाहौर, रावलपिंडी और कराची में मिलेंगे। इंग्लैंड ने चैंपियंस ट्रॉफी के लिए टीम की घोषणा कर दी है। लेकिन भारत ने अभी तक टीम का उद्घाटन नहीं किया है। होलसेल की टीम इंडिया से पत्ता कट हो सकता है। उनकी जगह नीतीश कुमार रेड्डी के नाम पर विचार किया जा सकता है। यूक्रेन इंटरनेशनल क्रिकेट से काफी वक्त से दूर चल रहे हैं। यूक्रेन ने भारत के लिए आखिरी यूक्रेनी बांग्लादेश के खिलाफ 2023 में खेला था। जबकि आखिरी टी20 मैच नवंबर 2024 में खेला गया था. डॉक्यूमेंट्री फॉर्म में भी नहीं हैं. बिखराव हाल ही में क्राउन के लिए मैच का अंत। उन्होंने शनिवार को खेले गए मैच में 1 रन बनाया। इससे पहले एक मैच में 5 रन और इससे पहले 10 रन आउट हुए थे। विनोबा की जगह नट रेड्डी को मौका दे सकती है टीम इंडिया – परमाणु ऊर्जा संयंत्र ऑस्ट्रेलिया दौरे पर हैं। उन्होंने टीम इंडिया के लिए दमदार प्रदर्शन करते हुए मेलबर्न में शतक जड़ दिया। नीतीश के इतिहास का यह पहला शतक है। अगर नीतीश कॉन्स्टैंट अच्छा फॉर्म करते रहें तो उन्हें चैंपियंस ट्रॉफी के लिए भी मौका दिया जा सकता है। उनकी वजह से दिवाली की टीम इंडिया में जगह खतरे में पड़ सकती है। अब तक ऐसा है नीतीश रेड्डी का राजनेता – नवीन भारत के लिए 3 टी20 मैच खेलें। उन्होंने इस दौरान एक मैच में 74 रन की पारी खेली। वे डोमेस्टिक क्रिकेट में दम दिखाते हैं। रेडडी ने 26 फर्स्ट क्लास मैचों में 958 रन बनाए हैं। इस दौरान 1 शतक और 2 प्लास्टिसिन मौजूद हैं। वहीं लिस्ट ए के 22 मैचों में 403 रन बने हैं। नटखट ने इस आश्रम में 4 दुकानदार हैं। यह भी पढ़ें: नितीश कुमार रेड्डी प्राइज मनी: नीतीश रेड्डी पर पैसों की बारिश, शतक जड़ने के बाद लाखों का भंडार, जानिए खुला खजाना

मनमोहन सिंह की मौत, जानिए कौन देगा मनमोहन सिंह की पत्नी गुरशरण कौर और परिवार को सुरक्षा?

भारत के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को एसपीजी टैटू कवर मिला था, लेकिन 2019 में उनकी यह सुरक्षा वापस ले ली गई थी। इसके बाद गृह मंत्रालय ने उन्हें जेडी सिक्युरिटी भर्ती कर दी थी. भारत के पूर्व प्रधानमंत्री के वंशजों में से एक का अंतिम संस्कार भी किया गया। दिल्ली के निगम बोध घाट पर पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार हुआ, जहां सेना के सैन्य अधिकारियों ने उन्हें बेच दिया। मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार के समय उनकी पत्नी गुरशरण कौर के अलावा उनकी बड़ी बेटी उपिंदर कौर, बेटी दमन सिंह और तीसरी बेटी अमृत कौर भी निगमबोध घाट पर मौजूद थीं। निगमबोध घाट पर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को सोनिया गांधी, राहुल गांधी और कांग्रेस के प्रमुख नेताओं के अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीराष्ट्रपति मुर्मू व रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी अंतिम विदाई दी। अब परिवार का सवाल यह है कि मनमोहन सिंह के निधन के बाद भी उनकी सरकारी सुरक्षा क्या रहेगी? अगर हां, तो उनके परिवार को कौन सी सुरक्षा मिलेगी? भिन्न-भिन्न जानते हैं… पूर्व प्रधानमंत्री की विशेष सुरक्षा है जैसा कि हम जानते हैं कि भारत के प्रधान मंत्री की विशेष सुरक्षा फ़ोटो होती है। प्रधानमंत्री पद छोड़ने के बाद भी उन्हें विशेष सुरक्षा दी जाती है। हालाँकि, भारत सरकार ईस्ट ऑफिस में मीटिंग वाली सुरक्षा में बदलाव हो सकता है। विश्वासियों को देखते हुए उनकी सुरक्षा कम या ज्यादा की जा सकती है। ऐसा ही 2019 में हुआ था, जब मनमोहन सिंह ने स्कल्पजी मोटो कवर को वापस लेकर उन्हें जेड एडवाइज सुरक्षा में बिठाया था। परिवार को भी विशेष सुरक्षा मिलती है किसी भी प्रधानमंत्री के अलावा उनके पूरे परिवार को भी विशेष सुरक्षा दी जाती है। जब मनमोहन सुरक्षा सिंह प्रधानमंत्री थे तब उनकी पत्नी गुरशरण कौर को भी एसपीजी मिली थी, हालांकि बाद में इसमें बदलाव करके गुरशरण कौर को जेड सिक्यॉरिटी दी गई थी। इसके अलावा उनकी बेटी को भी विशेष सुरक्षा कवर मिला था, यहां तक ​​कि मनमोहन सिंह के प्रधानमंत्री रहने के दौरान उनकी बहन अमरजीत कौर के घर पर भी सुरक्षा गार्ड तैनात थे। अब भी दस्तावेजी सिंह के परिवार को सुरक्षा बता दें, पूर्व प्रधानमंत्री के निधन के बाद उनके परिवार की भारत सरकार की भी स्थापना की गई थी। इस रिश्ते में नामुराद सिंह की पत्नी गुरुशरण कौर को जेड सार्जेंट सुरक्षा मिलती है। इस सुरक्षा में डूबे हुए लोगों के लिए यह जरूरी है। इसके अलावा उनके आवास पर करीब चार प्यारे युवा मौजूद थे। नोमान सिंह की पत्नी गुरशरण कौर को संतप्रुफ बीएमडब्ल्यू कार भी सुरक्षा के तहत दी जाएगी। यह भी पढ़ें: सिख धर्म में अंतिम संस्कार कैसे होता है, बौद्ध से लेकर अन्य रीति-रिवाज कैसे अलग-अलग होते हैं?

महाकुंभ 2025 के लिए भारतीय रेलवे ने कमर कस ली है, 13 हजार से ज्यादा ट्रेनें चलेंगी, स्टेशनों पर स्पेशल से लेकर मेमू एफआर कैमरे भी लगाए जाएंगे

महाकुंभ 2025 के लिए विशेष ट्रेनें: महाकुंभ 2025 के आयोजन के लिए भारतीय रेलवे, विशेष रूप से उत्तर मध्य रेलवे ने अपनी टीम पूरी कर ली है। इस आयोजन के दौरान, रेलवे का उद्देश्य लाखों पर्यटकों को सुगम, सुरक्षित और कुशल यात्रा की सुविधा प्रदान करना है, ताकि वे आसानी से अपने गंतव्य तक पहुँच सकें। यह ऐतिहासिक और आध्यात्मिक आयोजन का हिस्सा बन गया है। इसे देखते हुए महाकुंभ के दौरान उत्तर मध्य रेलवे पर 13,000 से अधिक स्टेशनों का ऑपरेशन शुरू हुआ। इन नोट्स में 10,000 से अधिक नियमित यात्रियों की सेवा शामिल है। इसके अलावा, 3,000 से अधिक विशेष योजनाएं शामिल हैं। स्पेशल टेक्सटाइल में 2,000 इनवर्ड जुड़ाव शामिल (जिन्हें इवेंट से बाहर जाने के लिए संचालित किया जाएगा), जबकि 800 इनवर्ड जुड़ाव (वापसी की यात्रा के लिए) शामिल हैं। महाकुंभ के दौरान तीर्थयात्रियों की सुविधा पर ध्यान देते हुए रिंग रेल मेमू सेवा शुरू की जाएगी। 2013 के महानगर 2025 के महाकुंभ के लिए बेरोजगारी की संख्या यह सेवा अयोध्या, काशी और पुरातत्व जैसे प्रमुख धार्मिक स्थलों की यात्रा को सहज और सुगम बनाती है। तीर्थयात्रियों को इस सेवा के माध्यम से बिना किसी परेशानी के मध्यम यात्रा का अनुभव होगा। महाकुंभ 2013 में भारतीय रेलवे ने कुल 1,122 विशेष ट्रेनों का संचालन किया था। वहीं, महाकुंभ 2025 के लिए खास गाड़ियों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि की गई है, इससे यात्रियों को और बेहतर कहानियां सुनाई गईं। 10 करोड़ लोगों की ट्रेन से आने का अनुमान अगले साल जा रहे महाकुंभ के दौरान भीड़भाड़ को नियंत्रित करने और यात्रियों की यात्रा को आसान बनाने के लिए 23 जोड़े (कुल 46 टोटके) को और नैनी जंक्शन पर अतिरिक्त स्थिरता दी जाएगी। यह प्रथम तीर्थयात्रियों की यात्रा आरामदायक और आरामदायक बनाएगी। वहीं, महाकुंभ में करीब 10 करोड़ लोगों की ट्रेन आने का अनुमान है. इसे लेकर रेलवे सुरक्षा और व्यवस्था की सारी व्यवस्था कर रही है। रेलवे एवेन्यू पर लगे एफआर कैमरा, जानें इसके अनोखे स्थान रेलवे की ओर से महाकुंभ के दौरान रेलवे की ओर से रेलवे सुरक्षा के लिए पहली बार कोलंबो बार ट्रेनों के साथ एफआर कैमरे भी लगाए जा रहे हैं। एफआर कैमरे की मदद से संग्रहालय और मूर्तिकला पर नजर रखी जाती है। एफआर कैमरा होटल तकनीक से काम करते हैं। फेस रिकॉग्निशन या इंस्टीट्यूट टेक्नोलॉजी की मदद से चेहरे की पहचान करना संभव हो पाता है। ये आसानी से सत्यों को भीड़ में भी पहचान कर तलाश किया जाता है, जिससे भीड़ में होने वाली बीमारी या भगदड़ जैसी स्थिति को बनने से पहले भौतिक जा सकता है। एफआर कैमरों से किसी भी असामान्य घटना को आसानी से पकड़ा जा सकता है, उन पर सक्रिय बैकबैक कर लिया जा सकता है। ये भी पढ़ें: नए साल से बदली साड़ी स्टोरी का टाइम टेबल! नया TAG जारी होगा, हर विवरण जानें

संयुक्त राज्य में बेघरों की संख्या में 18 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई क्योंकि किफायती मकान कई लोगों की पहुंच से बाहर हैं

अमेरिका में बेघर लोग: संयुक्त राज्य अमेरिका में इस साल बैंकों की संख्या में 18.1% की वृद्धि का अनुमान लगाया गया है। इस बात की जानकारी अधिकारियों ने शुक्रवार (27 दिसंबर, 2024) को दी। यह मुख्यतः विनाशकारी प्राकृतिक आपदाओं के साथ-साथ विश्व के कई प्रमुख देशों में विश्व की जनसंख्या की कमी के कारण बना है। अमेरिकी आवास एवं शहरी विकास विभाग ने कहा कि जनवरी में देश भर में की गई टैली से पता चला कि 7,70,000 से ज्यादा लोग बेरोजगार थे। इसमें उन लोगों को शामिल नहीं किया गया है जो अपने दोस्तों या परिवार के साथ रह रहे हैं और अपने नजदीकी घर पर नहीं हैं। यह वृद्धि 2023 में 12% की वृद्धि के अलावा है, जिसके लिए HUD ने बढ़ते किराए और महामारी सहायता की समाप्ति को जिम्मेदार ठहराया है। डायनासोरों की बहुमत संख्या पर क्या बोले एचडीयूडी प्रमुख एचयूडी एजेंसी के प्रमुख एड्रियन टॉडमैन ने एक बयान में कहा, “किसी भी अमेरिकी को स्नातक होने का सामना नहीं करना चाहिए और वैज्ञानिक-हैरिस प्रशासन को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हर परिवार को टिकाऊ, सुरक्षित और गुणवत्तापूर्ण आवास उपलब्ध कराया जाए।” नामांकित हैं।” उन्होंने कहा कि फोकस “बेघरों से रोकना और समाप्त करने के लिए महत्व-आधारित प्रयासों” पर ध्यान देना चाहिए। विश्वास के आने से भी शानदार स्मारकों की संख्या सबसे बड़ी बात यह भी सामने आई कि परिवार में नामांकित होने की दर में लगभग 40% की वृद्धि हुई। यह संयुक्त अरब अमीरात में से एक है जो बड़े शहरों में बौद्ध धर्म के आगमन से सबसे अधिक प्रभावित हैं। HUD के अनुसार, डेनवर, शिकागो और न्यूयॉर्क सहित प्रभावित 13 समुदायों में परिवारों की संख्या अधिक हो गई, जबकि शेष 373 समुदायों में यह 8 प्रतिशत से कम हो गई। 2024 में एक ही रात में लगभग 1,50,000 बच्चों ने नामांकन का अनुभव किया, जो पिछले वर्ष की तुलना में 33 प्रतिशत अधिक था। ये आंकड़े ऐसे समय में सामने आए हैं जब बड़ी संख्या में कम्यूनिटी नामांकन के खिलाफ सख्त रुख अपना रहे हैं। ये भी पढ़ें: 240 साल तक इंतजार, अब इस ब्रेड को मिला अमेरिका का राष्ट्रीय पक्षी काओबाइडन ने दी मंजूरी

बेंगलुरु टेक कंपनी के अकाउंटेंट ने बॉस के फर्जी मैसेज पर विश्वास कर 56 लाख रुपये की ठगी कर ली

साइबर फ़्रॉड के बढ़ते मामलों के बीच अतिरिक्त सावधानी की आवश्यकता है। जरा-सी असफल भारी क्षति का कारण बन सकता है। ऐसा ही एक कंपनी में काम करने वाली महिला के साथ हुआ अकाउंट. साइबर ठगों ने कंपनी के एमडी को शेयर अकाउंट से मैसेज किया और कंपनी के अकाउंट से एक बड़ी नकदी शेयरकरी ली। गरीबों का पता चलने पर पुलिस को सूचना दी गई और पुलिस ने कुछ लोगों को गिरफ्तार किया है। कैसे हुई कंपनी? 5 दिसंबर को बेंगलुरु में एक टेक कंपनी के मुख्य लेखाकार अधिकारी (सीएओ) के पास स्थित ठगों ने एमडी की सेवाएं लीं। उन्होंने व्हाट्सएप पर कंपनी के एमडी की फोटो लगाई थी। इस मैसेज में लिखा था कि मैं कंपनी का एमडी हूं और एक प्रोजेक्ट फाइनल कर चुका हूं, जिसके लिए 56 लाख रुपये का निवेश करना होगा। कंपनी के खाते से यह पैसा मिलता है. फेसबुक पर विश्वसनीय जानकारी देते हुए सीएओ ने नकली एमडी निर्मित ठगों के अकाउंट में पैसा ट्रांसफर कर दिया। ट्रांसजेक्शन के बाद जब सीएओ ने कंफर्म करने के लिए एमडी को मेल किया तो पता चला कि व्हाट्सएप मैसेज वाला नंबर किसी का है और एमडी ने उन्हें कोई मैसेज नहीं भेजा था। इसके बाद क्राइम पुलिस को इसकी सूचना दी गई. कई लोग गिरफ़्तार वाले जांच में सामने आया कि इस मनी बैंक में कई अकाउंट्स जमा हो गए हैं। इनमें से एक अकाउंटेंट हैदराबाद में रहने वाले साई कुमार का है। पुलिस ने उसके पास से पूछताछ की तो उसने बताया कि उसने एक गैंग के यहां खाना खाया है और हर ट्रांजेक्शन के बाद उससे 10,000-15,000 रुपये मांगे गए हैं। पुलिस ने उसकी मदद से गिरोह बनाने वाली गरिश्मा नाम की महिला को गिरफ्तार कर लिया। उसके साथ 5 अन्य लोगों को भी गिरफ़्तार किया गया है, पिछले 6 महीने से इस तरह की गेमप्ले की बात ईमानदारी से की गई है। ये भी पढ़ें- अब इन लोगों की खैर नहीं! सरकार तैयार कर रही लिस्ट, 3 साल तक नहीं मिला नया सिम कनेक्शन

पॉपकॉर्न छोड़िए, यहां जानिए मूवी थिएटर में मिलने वाले समोसे और कोल्ड ड्रिंक पर कितना लगता है टैक्स

बीते दिनों मार्ट काउंसिल की 55वीं बैठक में पॉपकॉर्न पर जीएसटी का विरोध किया गया। मीटिंग में पॉपकॉर्न की कीमत, इसका स्वाद और रिकार्ड के हिसाब से तय की गई बात। बताया गया कि रेडी-टू- ईट पॉपकॉर्न पर 5 प्रतिशत टैक्स लगाया गया, प्री-पैकेज्ड पॉपकॉर्न पर 12 प्रतिशत टैक्स लगाया गया और कैरेमल पॉपकॉर्न पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगाया गया। हीवरेजेज के साथ मियामी दर को 35 प्रतिशत देने का निर्णय लिया गया। हालाँकि, सुपरस्टार में खुले रूप में तानाशाह जाने वाले पॉपकॉर्न पर मियामी की पुरानी दास्तां कि 5 प्रतिशत ही लागू रहेगी। कैरेमल विधि पॉपकॉर्न पर अधिक कर लगाने की वजह से इसे शुगर कंफेक्शनरी के रूप में कैली आॅपरेशन के रूप में जाना जाता है।  इन खाद्य पदार्थों पर इतना है जीएसटी सामान्य तौर पर मूवी थिएटरों में खाना टिकटों की कीमत महंगी होती है, क्योंकि मल्टीप्लेक्स अपनी कमाई का 35 प्रतिशत हिस्सा प्रतिस्पर्द्धा से प्राप्त करते हैं। पॉपकॉर्न और बेवरेजेज के सुपरस्टार्स की मीटिंग में पॉपकॉर्न, बर्गर, समोसा, डायनेमिक, नाचोज जैसे रेस्ट के फूड आइटम्स पर पहले 18 फिफ्टी कॉम्बिनेशन लगाया गया था, जिसे 2023 में पॉपकॉर्न 5 फिफ्टी कर दिया गया था। यानी कि पॉपकॉर्न और बेवरेज को छोड़ दिया जाए, तो सुपरस्टार में खाना-पीने की इन नी का सेवन जेब पर कम भारी मात्रा में होता है।  कॉम्बो लेना पैड भारी हो सकता है मूवी थिएटर्स में रीन पैक डिस्क्लेमर से बचना चाहिए क्योंकि यह कंपोजिट डॉक्यूमेंट्री के दस्तावेजों में लाया गया है। यानी कि उत्पाद और सेवा को एक साथ पेश किया जाता है और दोनों पर अलग-अलग टैक्स लगता है। खाने-पीने के दूसरे आइटम्स पर वैसे ही टैक्स पर 5 फीसदी की छूट दी गई है, लेकिन अगर आप मूवी टिकट के साथ टिकट खरीदते हैं तो आपको 5 फीसदी की छूट का फायदा नहीं मिलेगा। टैब इस सामान पर 18 प्रतिशत की दर से कर लगाया गया है।  कुल मिलाकर अगर थिएटर्स पर आप अपनी पसंदीदा मूवी का मजा लेने जा रहे हैं, तो खाने-पीने की आजादी पर खर्च थोड़ा और समझदारी के साथ करना जरूरी है। 

नए साल के दिन किस राज्य में रहें कहां-कहां, यहां देखें पूरी लिस्ट

साल 2024 ख़त्म होने में अब केवल चंद दिन ही बचे हैं। जिसके बाद साल 2025 का सफर होगा। साल 2024 में कई लोगों की जिंदगी काफी अच्छी रही, वहीं कई लोगों की जिंदगी इस साल काफी अच्छी नहीं रही। नए साल के साथ हर इंसान को बहुत सारी साड़ीयां मिलती हैं और नए साल का स्वागत ज्यादातर लोग पार्टी के साथ ही करते हैं। लेकिन आप क्या जानते हैं कि नए साल के दिन किस राज्य में छुट्टियाँ होती हैं? आज हम आपको इसके बारे में बताएंगे। न्यू ईयर का जश्न नए साल की शुरुआत में अब सिर्फ कुछ चांद दिन ही बचे हैं। भारत सहित संयुक्त राज्य अमेरिका के लोग नए साल का स्वागत करते हैं। वहीं बहुत से लोग ऐसे भी होते हैं, जो छुट्टियां मनाने के कारण न्यू ईयर पार्टी सेलिब्रेट नहीं कर पाते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि किस देश में न्यू ईयर ऑफिस की छुट्टियां कहां होती हैं। आज हम आपको इसके बारे में बताएंगे। इसलिए देश के किसी भी राज्य में काम करने वाले केंद्रीय कर्मचारियों की छुट्टी नहीं होती है. सेंट्रल स्टाफ हॉलिडे लेकर नए साल का जश्न मना सकते हैं, लेकिन ऑफिसियल तौर पर छुट्टी नहीं मिलती है।  किस राज्य में नए साल की छुट्टियां अब सवाल ये इस देश के किस राज्य में नए साल की ऑफिसियल छुट्टियाँ हैं। जानकारी के अनुसार देश के किसी भी राज्य में नए साल पर आधिकारिक रूप से छुट्टी नहीं होती है। हालाँकि कर्मचारी वहाँ भी छुट्टियाँ लेकर नई की छुट्टियाँ लेकर कहीं भी जा सकते हैं। वर्ष का जश्न मनाया जाता है, उस समय उत्तर भारत के अधिकांश राज्यों में क्रेक की ठंड होती है। जिस कारण कई राज्यों में ज्वालामुखी की चट्टानें घोषित होती हैं। यह छुट्टी बच्चों और माता-पिता दोनों के लिए राहत की बात है। वहीं इस छुट्टियों के कारण क्रिसमस और नए साल के त्योहारों के मौसम में आनंद लेने का अच्छा मौका मिलता है। जैसे अभी दिल्ली में सरकार ने 1 जनवरी से 15 जनवरी 2025 तक मध्य प्रदेश में शीतकालीन अवकाश की घोषणा की है। इसके अलावा क्रिसमस के कारण 25 दिसंबर को भी स्कूल बंद रहेगा। राजस्थान में भी अरमान की हवेली 25 दिसंबर 2024 से 5 जनवरी 2025 तक है। हरियाणा में स्कूल 1 जनवरी से 15 जनवरी 2025 तक बंद रहेगा। पंजाब ने भी 24 दिसंबर से 31 दिसंबर 2024 तक स्कूलों के लिए शीतकालीन अवकाश की आधिकारिक घोषणा कर दी है। उत्तर प्रदेश में अमेरीका की खाड़ी 31 दिसंबर 2024 से है। ये भी पढ़ें:15 दिन में कितनी दूरी तय करके टाइगर जीन पहुंचा, जानें एक दिन में कितनी दूरी तय कर पाता है चीता?

डॉक्टर्स रिव्यू: डॉक्टर्स के भी ताकतवर साबित हुए शरद केलकर! काफी मजेदार हुई है सीरीज

"डॉक्टरों" एक मनोरंजक ड्रामा वेब सीरीज़ है, जो हाल ही में Jio सिनेमा पर रिलीज़ हुई है। ये सीरीज डॉक्टरों की प्रोफेशनल और पर्सनल लाइफ के सबसे ऊंचे पायदानों को महान से जोड़ती है। यहां एक अस्पताल में 17 मरीजों की मौत के बाद डॉक्टरों के व्यवहार के कारण मरीजों की मौत हो गई। कुछ डॉक्टर इस घटना से सामान्य रूप से प्रभावित होकर अपनी जिंदगी में आगे बढ़ जाते हैं, जबकि एक डॉक्टर नाराज हो जाता है। इस सीरीज में डॉक्टरों की जिंदगी को सिर्फ गरीबों तक सीमित नहीं रखा गया है, बल्कि उनकी मानसिक और भावनात्मक चुनौतियों को भी अच्छे से दर्शाया गया है। शरद केलकर और हरलीन सेठी ने अपने किरदारों को बेहतरीन तरीके से निभाया है, वही साहिर रज़ा के निर्देशन में बनी यह सीरीज मेडिकल प्रोफेशनल्स की हकीकत को दर्शाती है।

ईशांत शर्मा से लेकर मथीशा पथिराना तक, उनके आईपीएल डेब्यू पर पहली ही गेंद पर विकेट, नवीनतम खेल समाचार

अपने आईपीएल डेब्यू पर पहली गेंद पर विकेट लेने वाले गेंदबाज: आईपीएल का पहला सीज़न 17 साल पहले 2008 में खेला गया था। अब तक इस लीग के 17 सीज़न आ चुके हैं। इन 17 सालों के दौरान बड़े-बड़े रिकॉर्ड्स बने। स्टार्टअप के शेयरहोल्डर ने कई यादगार निशानियां पेश की हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि अब तक स्टार्टअप्स के दिग्गज ब्रांड्स ने आईपीएल इतिहास में अपने डेब्यू मैच की पहली गेंद पर विकेट विकेट के लिए क्या किया है? असली इस फेहरिस्त में पहला नाम भारतीय टीम के तेज गेंदबाज ईशांत शर्मा का है। इन तस्वीरों ने किया ये कारनामा आईपीएल 2008 के शुरुआती मैच में ईशान्त शर्मा ने पहली ही गेंद पर राहुल द्रविड़ को आउट कर दिया था। इसके बाद आईपीएल 2009 सीज़न में राजस्थान रॉयल्स के शेन हारवुड ने यह कारनामा किया। शेन हारवुड ने डेक्कन चार्जर्स से अहजर बिलखिया को बाहर कर दिया। जबकि इस फेहरिस्त में तीसरा नाम राजस्थान रॉयल्स के अमित सिंह का है। आईपीएल 2009 सीज़न में अमित सिंह ने अपना डेब्यू मैच की पहली ही गेंद पंजाब किंग्स के सन्नी सोहेल को आउट कर दी। इसी सीजन में कोलकाता नाइट राइडर्स के चार्ल्स लेंग्वेट ने राजस्थान रॉयल्स के रॉब क्वीन को पहली गेंद पर आउट किया। वहीं, इस फेहरिस्त में मुंबई इंडियंस के अली मुर्तजा का नाम बताया गया है। इस एक्टर ने राजस्थान रॉयल्स के नॉमिनेट जोश को 2010 सीजन में आउट कर यह कारनामा किया था। डेक्कन चार्जर्स बिल्डर्स के टीपी सुधींद्र ने 2012 सीज़न में चेन्नई सुपर किंग्स के एफएफ डु प्लेसी से अपनी पहली ही गेंद पर आउट किया। इसके बाद आईपीएल 2019 सीजन में मुंबई इंडियंस के अल्जारी जोसेफ ने सनराइजर्स हैदराबाद के खिलाफ यह कारनामा किया। जबकि आईपीएल 2022 सीज़न में चेन्नई सुपर किंग्स के मथिसा पाथिराना ने गुजरात टाइटंस के शुभमन गिल को आउट कर इस फेहरिस्त में जगह बनाई। ये भी पढ़ें- IND vs AUS: मेलबर्न टेस्ट गिरा तो भारत के WTC फाइनल की उम्मीदों को झटका! जानिए इसके बाद के गुणधर्म