Day: March 7, 2025

यूएएन नंबर के बिना भी आप चेक कर सकते हैं अपना पीएफ बैलेंस, कॉल या एसएमएस के जरिए तुरंत मिलेगी मदद

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‘नहीं आना चाहता हूं जेल से बाहर’, जज से बोला क्रिश्चियन मिशेल, कोर्ट भी बात सुन हुआ हैरान

AgustaWestland case: अगस्‍ता वेस्‍टलैंड हेलिकॉप्‍टर खरीद मामले में कथित घोटाले की बिचौलिए की भूमिका निभाने वाले क्रिश्चियन मिशेल को लेकर दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट से बड़ा आदेश आया है. कोर्ट से उन्‍हें जमानत मिल गई, लेकिन उन्‍होंने जमानत पर जेल से बाहर आने से इनकार कर दिया है. मिशेल ने कोर्ट में कहा कि वो जेल में ही रहना चाहते हैं. क्रिश्चियन मिशेल पिछले 6 साल से तिहाड़ जेल में बंद हैं. अगस्‍ता वेस्‍टलैंड हेलिकॉप्‍टर खरीद मामले में कथित तौर पर अनियमितता के आरोपों की चारों तरफ बड़ी चर्चा हुई थी, जिसके बाद में इस मामले की जांच को सीबीआई को सौंपा गया था.  मिशेल ने जज से कहा नहीं आना चाहते हैं जेल से बाहर राउज एवेन्‍यू कोर्ट में क्रिश्चियन मिशेल की जमानत से जुड़ी शर्तों पर सुनवाई शुरू होने पर जज ने कहा कि ऐसा व्‍यक्ति जो 6 साल से जेल में बंद है, वह स्‍थानीय जमानतदार कोर्ट में कैसे पेश कर सकता है. इसके बाद स्‍पेशल जज ने मिशेल से उनका हालचाल पूछा. जज ने कहा, “आप कैसे हैं, भगवान की कृपा से पिछले 2 महीनों में आपके साथ अच्छा हो गया है, आपको सीबीआई और ईडी के मामले में जमानत मिल गई है.”   इस पर मिशेल ने जज से कहा, “मेरे लिए दिल्ली बस एक बड़ा कारागार है. मेरा परिवार आपसे मिलने नहीं आ सकता. दिल्ली स्थित AIIMS अस्पताल में कुछ हुआ है. इस पर मैं आपसे व्यक्तिगत रूप से बात करना  चाहता हूं. मेरी सुरक्षा खतरे में है. क्रिश्चियन मिशेल ने जज से कहा कि उसे जमानत मिल गई है, लेकिन वह जमानत पर जेल से बाहर नहीं आना चाहता है.” मिशेल ने कोर्ट से कहा कि वह अपनी सजा पूरी करके देश छोड़ना चाहता हैं. कोर्ट ने मिशेल के जमानत की शर्तें तय की  राउज एवेन्यू कोर्ट ने अगस्ता वेस्टलैंड मामले में आरोपी क्रिश्चियन मिशेल जेम्स पर जमानत की शर्तें तय कर दी है. मिशेल को अगस्ता वेस्टलैंड मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) के मामले में दिल्ली हाई कोर्ट और सीबीआई (CBI) के मामले में सुप्रीम कोर्ट की ओर से जमानत दी गई है. कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि आरोपी को 5 लाख रुपये की व्यक्तिगत बॉन्ड राशि और समान राशि के एक मुचलके के साथ जमानत देनी होगी. आरोपी अपना पासपोर्ट कोर्ट के समक्ष जमा करेगा. चूंकि आरोपी का पासपोर्ट पहले ही समाप्त हो चुका है, इसलिए उसे ब्रिटिश हाई कमीशन के नियमों के अनुसार पासपोर्ट के नवीनीकरण के लिए तुरंत आवेदन करना होगा. इस दौरान, यदि ब्रिटिश हाई कमीशन उचित समझे, तो वह अपने एकमात्र विवेक पर उसे एक आपातकालीन प्रमाण पत्र जारी कर सकता है. आरोपी को अपनी रिहाई के बाद प्रत्येक 15 दिनों में एक बार सीबीआई/जांच अधिकारी के कार्यालय में हाजिरी देनी होगी. आरोपी अपनी रिहाई के तुरंत बाद जांच अधिकारी और अदालत को अपना मोबाइल नंबर/ईमेल आईडी प्रदान करेगा, जिस पर वह हमेशा उपलब्ध रहेगा. आरोपी दिल्ली में अपना निवास स्थान बताएगा, जहां वह रिहाई के बाद रहेगा, और यदि वह अपना पता बदलता है, तो इसकी जानकारी अदालत और जांच अधिकारी को तुरंत देगा. आरोपी सबूतों से छेड़छाड़ नहीं करेगा. आरोपी किसी भी गवाह से संपर्क करने या उन्हें प्रभावित करने का प्रयास नहीं करेगा. आरोपी इस मामले से संबंधित किसी भी विषय पर मीडिया से बातचीत नहीं करेगा और न ही किसी भी मंच पर इस मामले पर कोई टिप्पणी करेगा, जब तक कि मुकदमा चल रहा है. यदि आगे कोई जांच आवश्यक होती है या मुकदमे के दौरान कोई सहयोग आवश्यक होता है, तो आरोपी पूर्ण सहयोग देगा. आरोपी अदालत की अनुमति के बिना भारत नहीं छोड़ेगा. ये भी पढ़ें : ‘भारत करे टैरिफ में कटौती, ताकि इंडियन बाजार में हो सके अमेरिका की एंट्री’, बोले US के वाणिज्य मंत्री

कोरिया में एयरफोर्स ने अपने ही नागरिकों पर गिरा दिए बम, भारत में भी हुई थी एक ऐसी ही गलती

South Korea Fighter Jet Drops Bomb: साउथ कोरिया से एक खबर आई कि वहां की एयरफोर्स ने ट्रेनिंग एक्सरसाइज के दौरान गलती से एक के बाद एक करीब 8 बम अपने ही नागरिकों के इलाके में गिरा दिए. रिपोर्ट्स की मानें तो बीते दिन साउथ कोरिया एयरफोर्स ने बयान जारी करते हुए कहा कि ट्रेनिंग एक्सरसाइज के दौरान गलती से आठ बम गलत इलाकों पर गिर गए. लेकिन गनीमत रही कि फिलहाल किसी की मौत की जानकारी नहीं आई है, हालांकि इसके जरिए कुछ नागरिक गंभीर रूप से घायल हुए हैं.  साउथ कोरिया में क्या और कैसे हुआ?  वायु सेना के इस विमान का नाम KF-16 है और इससे MK-82 बम गलती से गिरा दिए गए थे. ये प्रैक्टिस उत्तर कोरिया की सीमा से 25 किलोमीटर की दूरी पर साउथ के हिस्से में चल रही थी. तभी पोचेन शहर में सुबह करीब 10 बजे ये घटना हुई. वायुसेना ने इस घटना पर खेद जताया और कहा कि उनकी वजह से कई नागरिक घायल हुए हैं, हम उनके जल्दी ठीक होने की कामना करते हैं. 58 साल पहले कुछ ऐसी ही घटना भारत में भी हुई थी, लेकिन वो गलती नहीं थी, बल्कि जानबूझकर अपने ही लोगों पर सितम ढाए गए थे. आपको इसकी पूरी कहानी बताते हैं.  इंदिरा गांधी को उत्तर पूर्व में झेलना पड़ा था विरोध लगभग 58 साल पहले जब इंदिरा गांधी देश की पीएम बनी थीं, उस वक्त उत्तर पूर्व में उनको विद्रोह का सामना करना पड़ा था. रिपोर्ट्स की मानें तो 28 फरवरी 1966 को मिजो नेशनल आर्मी (MNA) ने भारत के खिलाफ विद्रोह कर दिया था और वहां लड़ाई शुरू हो गई थी. तभी मिजो नेशनल फ्रंट ने भारत से स्वतंत्रा की घोषणा की. तब 2 मार्च 1966 को MNA ने मिजोरम की राजधानी आइजोल के खजाने और शस्त्रगार पर कब्जा कर लिया था, इसके बाद वो असम राइफल्स के मुख्यालय भी पहुंच गए. इतना ही नहीं उन्होंने आइजोल साउथ में कई छोटे शहरों पर भी कब्जा किया था.  5 मार्च 1966 को आइजोल में क्या हुआ था?  जब सेना हेलीकॉप्टर के जरिए सैनिक और हथियारों को ले जाने लगी तो उन लोगों ने सेना को भी भगा दिया था. इसके बाद तो 5 मार्च 1966 को भारतीय एयरफोर्स के विमानों ने आइजोल को घेरकर मिजो नेशनल फ्रंट के ठिकानों पर बमबारी की थी. बीबीसी की रिपोर्ट की मानें तो ये हवाई हमला छह मार्च को भी जारी रहा था. इस शहर के बड़ा बाजार की लगभग सभी दुकानें जल गई थीं. हालात इस कदर बिगड़ गए थे कि लंबे वक्त तक इसका वहां पर असर रहा. इस दौरान 13 नागरिकों की मौत हुई थी. बमबारी में जिन विमानों का इस्तेमाल किया गया था, उनके नाम हैं ‘डसॉल्ट ऑरागन’ और ‘ब्रिटिश हंटर्स’. ये फ्रांस में बने थे. शिलॉन्ग से तत्कालीन लोकसभा सांसद जॉर्ज गिल्बर्ट स्वेल का कहना था कि ये बमबारी राजेश पायलट और सुरेश कलमाड़ी थे. बाद में दोनों कांग्रेस सरकार में सांसद और मंत्री बने थे.

रूस के ताबड़तोड़ हमलों से ढीले पड़े जेलेंस्की के तेवर! फिर लगाई युद्धविराम की गुहार

Russia-Ukraine War: रूस यूक्रेन के बीच चल रही जंग थमने का नाम नहीं ले रही है. एक तरफ जहां डोनाल्ड ट्रंप लगातार युद्ध खत्म कराने की बात कर रहे हैं और यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की भी शांति समझौता चाह रहे हैं. वहीं, शुक्रवार (07 मार्च, 2025) को रूस ने बड़े पैमाने पर यूक्रेन के एनर्जी संस्थानों पर ड्रोन और मिसाइल से अटैक कर दिया. वोलोदिमीर जेलेंस्की ने देश के महत्वपूर्ण संस्थानों पर रूस के हवाई हमलों को रोकने के लिए आपसी सामंजस्य बनाने को फिर से दोहराया है. देश की ऊर्जा सुविधाओं पर हवाई बमबारी को रोकने के लिए जेलेंस्की ने कीव, वाशिंगटन और मॉस्को के साथ आने का आह्वान किया है. रूस यूक्रेन युद्ध चौथे वर्ष में प्रवेश कर गया है. यूक्रेन के राष्ट्रपति ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर कहा, ‘वास्तविक शांति स्थापित करने के लिए सबसे पहला कदम ये होगा कि रूस और यूक्रेन को नौसैनिक हमलों को रोकना होगा.’ उन्होंने आगे कहा, ‘यूक्रेन शांति समझौता करने के लिए तैयार है और वो यूक्रेन ही है जो युद्ध की शुरुआत से ही शांति चाहता है लेकिन दिक्कत ये है कि रूस युद्ध नहीं रोकना चाह रहा.’ ‘रूस ने 58 मिसाइलें और लगभग 200 ड्रोन दागे’ यूक्रेन की वायु सेना ने कहा, ‘रूस ने कम से कम 58 मिसाइलें और लगभग 200 ड्रोन दागे हैं, जिससे पूर्व में खार्किव से लेकर पश्चिम में टेरनोपिल तक पूरे देश में एनर्जी संस्थानों को काफी नुकसान हुआ है’. आपातकालीन सेवाओं द्वारा जारी की गई तस्वीरों में दिखाया गया है कि खार्किव क्षेत्र में मलबे से भरी सड़कों पर अग्निशमन कर्मी आग बुझाने की कोशिश कर रहे हैं. जेलेंस्की को मिला एर्दोगन का साथरूस यूक्रेन युद्ध खत्म करने को लेकर जेलेंस्की को दूसरे देशों के नेताओं का भी समर्थन मिल रहा है. यूक्रेन के सहयोगियों ने उनके युद्धविराम प्रस्ताव का समर्थन किया है. शुक्रवार को तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन जिन्होंने हाल ही में यूक्रेनी नेता की मेजबानी की थी उन्होंने भी इसे अपना समर्थन दिया. तुर्की के राष्ट्रपति ने कहा, ‘हम सीजफायर के सुझावों का पूरा समर्थन करते हैं जितनी जल्दी हो सके दोनों देशों के बीच सीजफायर लागू होना चाहिए. समुद्र और आसमान से हो रहे हमलों को रोका जाना चाहिए.  रूसी रक्षा मंत्रालय ने की हमलों की पुष्टिरूस के रक्षा मंत्रालय ने भी शुक्रवार को यूक्रेन के एनर्जी संस्थानों में किए गए हमलों की पुष्टि की. रूसी रक्षा मंत्रालय का दावा है कि यूक्रेन के एनर्जी संस्थान युद्ध में उनकी आर्मी की मदद कर रहे हैं. रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने कहा, रूस सिर्फ उन्हीं ऊर्जा संस्थानों पर हमले कर रहा है जो यूक्रेन के मिलिट्री इंडस्ट्रियल कॉप्लेक्स से जुड़े हैं’. यूक्रेन की एयर फोर्स ने बताया कि उन्होंने हवाई हमलों को रोकने के लिए पहली बार फ्रांसीसी मिराज लड़ाकू विमानों को तैनात किया है. जो पिछले महीने ही यूक्रेन को दिए गए थे. लड़ाकू विमानों ने एयर डिफेंस यूनिट के साथ मिलकर 34 मिसाइलों और 100 ड्रोनों को मार गिराया.  यूक्रेन में सबसे बड़ी निजी ऊर्जा आपूर्तिकर्ता डीटीईके के मुताबिक, ओडेसा के काला सागर क्षेत्र में उनके संस्थानों को लगातार चौथी बार निशाना बनाया गया. रात भर हुए हमले के बाद मध्य पोल्टावा क्षेत्र में गैस सुविधाओं ने कार्य करना बंद कर दिया. ये भी पढ़ें: बांग्लादेश में हिंसक चरमपंथियों की रिहाई पर भारत ने जताई चिंता, मोहम्मद यूनुस को दी ये नसीहत

साल में दो बार बोर्ड परीक्षाओं से बच्चों की मेंटल हेल्थ पर पड़ सकता है असर?

Board Exam Twice a Year Effect: CBSE बोर्ड अब साल में दो बार बोर्ड एग्जाम कराएगा.अगले साल 2026 से सीबीएसई 10वीं की बोर्ड परीक्षाएं साल में दो बार आयोजित की जाएंगी. कहा जा रहा है कि बोर्ड के इस डिसीजन से स्टू़डेंट्स को फायदा होगा. इससे सेलेबस का लोड कम होगा और रिजल्ट भी इंप्रूव हो सकता है. इतना ही नहीं इससे छात्र पूरे साल एग्जाम की तैयारी में बिजी रहेंगे, जिससे उनका बेस मजबूत होगा. इससे फ्लाइंग कैंडिडेट्स यानी बिना क्लास अटेंड करने वाले छात्रों की संख्या भी कम होगी. लेकिन कई एक्सपर्ट्स का कहना है कि साल में एक बार बोर्ड एग्जाम होने से बच्चों की मेंटल हेल्थ पर असर साफ देखा गया है. ऐसा दो बार बोर्ड एग्जाम कराएंगे तो इससे समस्याएं बढ़ भी सकती हैं. ऐसे में आइए एक्सपर्ट्स से जानते हैं कि साल में दो बार एग्जाम कराने से ब्चचों की मेंटल हेल्थ (Mental Health) क्या असर पड़ सकता है. साल में दो बार बोर्ड एग्जाम का बच्चों की मेंटल हेल्थ पर असर एक्सपर्ट्स का कहना है कि साल में दो बार बोर्ड एग्जाम से स्टूडेंट्स पर पढ़ाई का प्रेशर बढ़ने की बजाय कम होगा लेकिन इसका खास रिजल्ट नहीं मिलने वाला है. दरअसल, सिलेबस का लोड और एग्जाम की तैयारी का सबसे ज्यादा असर छात्रों की मेंटल हेल्थ पर पड़ता है. दो बार परीक्षा होने से उन्हें बेहतर तरीके से तैयारी करने का मौका मिल सकेगा और उनके पास ऑप्शन होगा कि दूसरे फेज के एग्जाम में ज्यादा मेहनत कर रिजल्ट बेहतर दे सकें. क्या साल में दो बार बोर्ड एग्जाम से नुकसान हो सकता है एक्सपर्ट्स का मानना है कि एग्जाम का तनाव और इससे जुड़ी चिंता को हल्के में नहीं लिया जा सकता है. 2022 NCERT ने पाया कि क्लास 9 से 12 तक पढ़ने वाले करीब 80 प्रतिशत बच्चे एग्जाम और रिजल्ट की वजह से टेंशन में थे. कुछ एक्सपर्ट्स का कहना है कि साल में दो बार बोर्ड परीक्षा आयोजित करने से छात्रों पर एक्स्ट्रा दबाव बन सकता है. क्योंकि उन्हें कम समय में बोर्ड एग्जाम के दो सेट की तैयारी करनी होगी और उनमें अच्छा परफॉर्म करना होगा. इससे तनाव बढ़ सकता है, खासकर उन बच्चों में जो पहले से ही एग्जाम में चुनौती का सामना करते हैं. एक साल में दो बार बोर्ड एग्जाम के निगेटिव फैक्टर्स 1. साल में दो बार बोर्ड परीक्षा होने से छात्रों में तनाव का लेवल बढ़ सकता है. परीक्षाओं की तैयारी के लिए काफी समय और ज्यादा प्रयास की जरूरत होती है, ऐसे में कई दिक्कतें बढ़ सकती हैं. 2. भले ही छात्रों को दूसरा मौका मिलेगा लेकिन इनसे दोनों एग्जाम में बेहतर प्रदर्शन का दबाव भी बढ़ेगा, जो तनाव के लेवल को बढ़ा सकता है. 3. पूरे साल एग्जाम होने से बच्चे परीक्षा की तैयारी वाले मोड में ही रहेंगे, जो उनके तनाव को बढ़ाता रहेगा. इससे उनकी मेंटल हेल्थ ही नहीं ओवरऑल हेल्थ खराब हो सकती है. 4. एग्जाम कराने के प्रेशर के चलते सेलेबल पूरा करना भी चुनौती हो सकता है. 5. एग्जाम के बीच स्टूडेंट्स को ब्रेक मिलता है, ताकि वे तनाव से बचे और आराम करें. दो बार बोर्ड एग्जाम से उनका मेंटल और इमोशनल हेल्थ प्रभावित हो सकता है. Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें. यह भी पढ़ें: ‘मुझे जीना ही नहीं है अब…’ दीपिका पादुकोण ने छात्रों को सुनाई अपने डिप्रेशन की कहानी   Check out below Health Tools-Calculate Your Body Mass Index ( BMI ) Calculate The Age Through Age Calculator

Meen Rashi 8 March 2025: मीन राशि वाले परिवार के साथ समय बिताने की कोशिश करें, पढ़ें शनिवार का

Meen Rashi 8 March 2025: मीन राशिफल 8 मार्च, शनिवार के दिन आपकी लाइफ में कुछ खास होने जा रहा है. मीन राशि के स्वामी गुरु देव बृहस्पति हैं. ज्योतिष ग्रंथों में गुरु ग्रह बृहस्पति को ज्ञान का कारक माना जाता है. आइए जानते हैं कि आज के दिन आपकी मीन राशि क्या कहती है. मीन राशि जॉब राशिफल (Pisces Job Horoscope)- मीन राशि के जातकों के लिए आज का दिन सकारात्मकता से भरा रहेगा. नौकरी करने वाले जातकों की बात करें तो आज आपके कार्य क्षेत्र में आपकी क्रिएटिविटी को बढ़ावा मिल सकता है,  जिससे आप बहुत अधिक प्रसन्न रहेंगे. आज आपके सहकर्मी और आपके परिवार के सदस्य आपकी भावनाओं को समझने की कोशिश करेंगे.   मीन राशि हेल्थ राशिफल (Pisces Health Horoscope)- आपकी सेहत की बात करें तो आज आपका दिन अच्छा रहेगा.  आपका स्वास्थ्य भी अच्छा रहेगा. किसी प्रकार का कोई शारीरिक कष्ट नहीं रहेगा, परंतु आपको मानसिक तनाव को कम करने के लिए  योगासन और ध्यान करें तो अच्छा रहेगा.   मीन राशि बिजनेस राशिफल (Pisces Business Horoscope)- व्यापार करने वाले जातकों की बात करें तो यदि आप अपने व्यापार से संबंधित किसी नए प्रोजेक्ट पर कार्य कर रहे हैं तो उसके लिए आज का दिन अच्छा रहेगा. आपको आर्थिक लाभ प्राप्त हो सकता है. व्यावसायिक मोर्चे पर आपको टीम के साथ काम करने का अवसर प्राप्त हो सकता है, जिससे आप  अपने सभी कार्यों को समय से निपटा सकते हैं. आज आप सभी प्रकार की समस्याओं का समाधान करने में सक्षम रहेंगे.  आप अपनी भावनाओं को संतुलित रखने की कोशिश करें. आज आप किसी यात्रा पर जा सकते हैं जो आपको एक नई दुनिया से परिचित कराएगी. आज का दिन आपके लिए खुशियों और सकारात्मकता से भरा रहेगा. Pisces Monthly Horoscope March 2025: मीन राशि के लिए अच्छे-बुरे के साथ मिला हुआ रहेगा महीना, पढ़ें मार्च राशिफल Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.

‘बदसलूकी की जाती है…’ पाकिस्तान के कोच बनने पर वसीम अकरम ने दिया चौंकाने वाला बयान

चैंपियंस ट्रॉफी का खिताबी मैच भारत और न्यूजीलैंड (IND vs NZ Final) के बीच खेला जाना है. मेजबान पाकिस्तान का तो टूर्नामेंट में बेहद ही ख़राब प्रदर्शन रहा. टॉप 4 में जगह बनाना तो दूर, पाकिस्तान टूर्नामेंट से बाहर होने वाली सबसे पहली टीम थी. इस शर्मनाक प्रदर्शन के बाद एक बार फिर पीसीबी सपोर्ट स्टाफ में बदलाव करने की तैयारी कर रही है. टीम के नए हेड कोच बनने पर पाकिस्तान के पूर्व खिलाड़ी वसीम अकरम ने बताया कि आखिर उन्हें कोच बनने में किस बात का डर लगता है. चैंपियंस ट्रॉफी में लचर प्रदर्शन के बाद पाकिस्तान टीम, उसके बोर्ड की चौतरफा आलोचना हो रही है. पाकिस्तान पहली टीम बनी, जो मेजबान होते हुए टूर्नामेंट में एक भी मैच नहीं जीत सका. न्यूजीलैंड और भारत से हारने के बाद बांग्लादेश से उसका तीसरा मैच रद्द हो गया था. अब पीसीबी सपोर्ट स्टाफ में बदलाव करने की तयारी में है. वसीम अकरम ने हालांकि ये कहा है कि अगर पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड चाहे तो वह फ्री में भी टीम के लिए कोचिंग कर सकते हैं. लेकिन उन्होंने ये भी बताया कि आखिर उन्हें कोच बनने में डर क्यों लगता है.  बदतमीजी बर्दाश्त नहीं करूंगा- वसीम अकरम वसीम अकरम के हवाले से मीडिया रिपोर्ट में कहा गया, “अगर मेरी जरुरत पड़ी और पीसीबी ने मुझसे सम्पर्क किया तो मैं फ्री में कोचिंग देने को तैयार हूं. अगर कैंप लगाना है तो उसके लिए भी मैं तैयार हूं.” हालांकि उन्होंने ये भी बताया कि टीम के हेड कोच का सम्मान नहीं होता, ऐसा उन्होंने खुद देखा है.  उन्होंने कहा, “वक़ार यूनिस भी टीम के कोच थे, लेकिन कोच के साथ बदसलूकी की जाती है और ये मैंने खुद देखा है. कोच का सम्मान होगा तभी टीम में अनुशासन आएगा.” वसीम अकरम अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट करियर 58 साल के वसीम अकरम 2003 में अपना अंतिम अंतर्राष्ट्रीय मैच खेला था. अपने करियर में उन्होंने 104 टेस्ट और 356 एकदिवसीय मैच खेले. इसमें उन्होंने क्रमश 414 और 502 विकेट चटकाए. इसी क्रम में उन्होंने 2898 और 3717 रन बनाए. 

कैसे हो गुजारा? 3 BHK के लिए 1 लाख के बराबर रेंट, चिंता में पड़े लोग

Rent in Metropolitan Cities: बेंगलुरू में किराए पर घर लेना मुश्किल होता जा रहा है क्योंकि कीमतें लगातार बढ़ती जा रही हैं. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म Grapevine इस पर एक पोस्ट तेजी से वायरल हुआ है, जिसमें दिन-प्रतिदिन किराए में हो रहे इस इजाफे पर लोगों का गुस्सा फूट पड़ा है. लोगों का कहना है कि इसका असर उनकी जेब पर पड़ रहा है.  सैलरी से ज्यादा बढ़ रहा किराया पोस्ट में इस बात का जिक्र किया गया कि सैलरी के मुकाबले किराया तेजी से बढ़ रहा है. इसमें यह भी कहा गया, शहर के कई टॉप इलाके ऐसे हैं, जहां 3 BHK के लिए 90000 तक किराए की डिमांड की जा रही है. यहां तक ​​कि सरजापुर रोड/बेलंदूर में भी टेक पार्क के पास यह 70000 से कम नहीं है. यूजर ने कहा, मुझे पता है कि यह ज्यादा दिनों तक चलने वाला नहीं है क्योंकि किराए के बराबर सैलरी इतनी तेजी से नहीं बढ़ रही है. मामला सिर्फ बैंगलुरू तक ही सीमित नहीं रह गया है. यूजर ने अपने पोस्ट में बताया, दिल्ली-एनसीआर में मैंने अपने कुछ दोस्तों से बात की. गुरुग्राम और दिल्ली का भी यही हाल है. मुंबई? इस पर बात न करे तो ही बेहतर है.  साल भर का किराया CTC से ज्यादा इस पर कमेंट करते हुए एक यूजर ने लिखा, मेरी CTC मेरे एनुअल रेंट के बराबर है. पिछले साल मुझे 8 परसेंट की हाइक मिली थी, जबकि किराया 10 परसेंट बढ़ा. मेरी सेविंग्स का जरिया बस यह है कि परिवार में दो लोग कमाने वाले हैं. एक दूसरे यूजर ने लिखा, यह वाकई में दिल दुखा देने वाली बात है कि एक व्यक्ति की पूरी कमाई किराए में ही चली जा रही है. ऐसा लगता है कि आप अपने मकान मालिक के लिए ही कमा रहे हैं.  ये भी पढ़ें: नॉर्वे और भारत के बीच ट्रेड वॉर का कोई सवाल ही नहीं, राजदूत मे-एलिन स्टेनर ने दोनों देशों के रिश्ते पर कह दी ये बात

हॉलीवुड एक्ट्रेस को शादी का झांसा देकर किया यौन शोषण, आरोपी चंडीगढ़ से गिरफ्तार

Hollywood Actress: मुंबई की बांगुर नगर पुलिस ने एक ऐसे व्यक्ति को गिरफ्तार किया है, जिसने शादी का झांसा देकर हॉलीवुड अभिनेत्री का यौन शोषण किया और बाद में फरार हो गया. पुलिस ने जैसे आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज किया वो फरार हो गया.  सूत्रों ने बताया कि काफी तलाश के बाद उसे चंडीगढ़ से गिरफ्तार कर लिया गया, कल आरोपी को गिरफ्तार करने के बाद बोरीवली कोर्ट में पेश किया गया जहां कोर्ट ने उसे एक दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया. पीड़िता कर चुकी है हॉलीवुड-बॉलीवुड में काम 55 वर्षीय पीड़िता मुंबई के मालाड की रहने वाली है, वह हॉलीवुड में अभिनय कर चुकी है, पीड़िता ने मॉडलिंग से अपना करियर शुरू किया और बाद में कई हॉलीवुड, बॉलीवुड और तमिल फिल्मों और टीवी धारावाहिकों में काम किया. पीड़िता एक ट्रांसजेंडर है और ऑपरेशन करवाकर महिला बनी है. कुछ महीने पहले पीड़िता सोशल मीडिया के जरिए 30 वर्षीय आरोपी के संपर्क में आई. उनकी जान पहचान जल्द ही गहरी दोस्ती में बदल गई और वे मोबाइल और सोशल मीडिया के जरिए संपर्क में रहे. आरोपी ने खुद को सहायक निर्देशक बताया, जनवरी में,पीड़िता दिल्ली गई, जहां उसकी उससे व्यक्तिगत मुलाकात हुई, इस मुलाकात के दौरान उसने शादी का प्रस्ताव रखा और उसने उसका प्रस्ताव स्वीकार कर लिया.  शादी का झांसा देकर बनाए संबंध सूत्रों ने दावा किया कि इसके बाद, आरोपी ने लगातार शादी का झांसा उसके साथ संबंध बनाए, हालांकि जब पीड़िता ने बाद में संबंध जारी रखने से इनकार कर दिया, तो उनके बीच तनाव पैदा हो गया और आरोपी ने उसका घर छोड़ दिया. जब उसने बाद में अपनी शादी की योजना के बारे में पूछा, तो आरोपी ने उसे टालना शुरू कर दिया और बहाने बनाने लगा.  यहां तक कि उसने कॉल को अनदेखा करना शुरू कर दिया. जब महिला को यह महसूस हुआ कि उसके साथ धोखा हुआ है तो मुम्बई में नजदीकी बांगुर नगर पुलिस स्टेशन से संपर्क किया और शिकायत दर्ज कराई.  पुलिस ने बताया की पीड़िता के बयान के आधार पर, पुलिस ने आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज किया, मामला दर्ज होने के बाद, पुलिस ने आरोपी को पूछताछ के लिए बुलाया लेकिन वह पेश नहीं हुआ. पुलिस ने आरोपी की तलाश करना शुरू कर दिया, जांच के दौरान, उन्हें खुफिया जानकारी मिली कि वह चंडीगढ़ में छिपा हुआ है,जिसके बाद पुलिस की एक टीम चंडीगढ़ पहुंची और उसे हिरासत में लेकर मुंबई पहुंची. गिरफ्तारी के बाद आरोपी को बोरीवली कोर्ट में पेश किया गया जहां कोर्ट ने एक दिन की पुलिस कस्टडी में भेज दिया. और पढ़ें: बॉलीवुड इतिहास में पहली बार आई थिएटर जाकर फिल्म देखने वालों के लिए ऐसी खुशखबरी!

होमगार्ड के DIG और पुलिस के डीआईजी में कौन ज्यादा पावरफुल, जानें किसकी सैलरी ज्यादा?

<p style="text-align: justify;">भारत में आंतरिक सुरक्षा के दो महत्वपूर्ण स्तंभ हैं पुलिस बल और होमगार्ड, जिनमें डिप्टी इंस्पेक्टर जनरल (DIG) का पद महत्वपूर्ण है. पुलिस बल में DIG का कार्य कानून व्यवस्था बनाए रखना, अपराधों की रोकथाम करना और सुरक्षा सुनिश्चित करना होता है, जबकि होमगार्ड में DIG का कार्य पुलिस सहायता और सामुदायिक सेवाओं में योगदान देना होता है. पुलिस बल के DIG को अधिक अधिकार, शक्ति और वेतन मिलता है, जबकि होमगार्ड के DIG का कार्यक्षेत्र सीमित और कम जिम्मेदारीपूर्ण होता है. इस प्रकार, दोनों पदों में महत्वपूर्ण अंतर होता है.</p> <p style="text-align: justify;"><strong>सीनियर आईपीएस की DIG के पद पर होती है नियुक्ति</strong>&nbsp;</p> <p style="text-align: justify;"><strong>पुलिस DIG:</strong> पुलिस सेवा में DIG एक वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी होता है, जिसे आमतौर पर 14-16 वर्षों के अनुभव के बाद प्रमोशन किया जाता है. यह पद सुपरिंटेंडेंट ऑफ पुलिस (SP) से ऊपर और इंस्पेक्टर जनरल (IG) से नीचे होता है.</p> <p style="text-align: justify;"><strong>होमगार्ड DIG:</strong> होमगार्ड में DIG की नियुक्ति राज्य सरकारों द्वारा की जाती है और यह पद अक्सर प्रतिनियुक्ति पर पुलिस अधिकारियों को दिया जाता है.</p> <p style="text-align: justify;"><strong>अधिकार क्षेत्र और शक्तियां</strong></p> <p style="text-align: justify;"><strong>पुलिस DIG: </strong></p> <p style="text-align: justify;">- कानून और व्यवस्था बनाए रखने की प्राथमिक जिम्मेदारी<br />- अपराध जांच और निवारण अधिकार<br />- गिरफ्तारी और जांच का संवैधानिक अधिकार<br />- कई जिलों के पुलिस प्रशासन का पर्यवेक्षण<br />- आपराधिक मामलों में अभियोजन की निगरानी</p> <p style="text-align: justify;"><strong>होमगार्ड DIG:</strong></p> <p style="text-align: justify;">- मुख्य रूप से सहायक बल के रूप में कार्य<br />- आपदा प्रबंधन और राहत कार्यों की जिम्मेदारी<br />- सार्वजनिक समारोहों में सुरक्षा व्यवस्था<br />- स्वयंसेवकों का प्रशिक्षण और प्रबंधन<br />- सीमित कानूनी शक्तियां</p> <p style="text-align: justify;">&nbsp;<strong>सैलरी स्ट्रक्चर और लाभ</strong></p> <p style="text-align: justify;"><strong>पुलिस DIG:</strong></p> <p style="text-align: justify;">- वेतन स्तर: 13A (1,31,100-2,16,600 रुपये)<br />- विशेष भत्ते और जोखिम भत्ता<br />- सरकारी आवास, वाहन और चालक की सुविधा<br />- उच्च पेंशन लाभ</p> <p style="text-align: justify;"><strong>होमगार्ड DIG:</strong></p> <p style="text-align: justify;">- वेतन स्तर: आमतौर पर 12 या 13 (78,800-2,09200 रुपये)<br />- सीमित भत्ते और लाभ<br />- आवास सुविधा राज्य नीतियों पर निर्भर</p> <p style="text-align: justify;"><strong>जानिए कौन अधिक पावरफुल?</strong></p> <p style="text-align: justify;">वेतन, कानूनी शक्तियों और अधिकार क्षेत्र के संदर्भ में, पुलिस DIG होमगार्ड DIG की तुलना में अधिक शक्तिशाली पद है. पुलिस DIG के पास अधिक व्यापक अधिकार, उच्च वेतन और बेहतर करियर विकास के अवसर होते हैं.&nbsp;हालांकि, दोनों पद राष्ट्रीय सुरक्षा और नागरिक सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. होमगार्ड DIG आपदा प्रबंधन और समुदाय सेवा में विशेष महत्व रखता है, जबकि पुलिस DIG कानून और व्यवस्था बनाए रखने में प्रमुख भूमिका निभाता है.&nbsp;विशेषज्ञों का मानना है कि दोनों संगठनों के बीच बेहतर समन्वय और सहयोग से देश की आंतरिक सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत किया जा सकता है.</p> <p style="text-align: justify;"><iframe title="YouTube video player" src=" width="560" height="315" frameborder="0" allowfullscreen="allowfullscreen" data-mce-fragment="1"></iframe></p> <p style="text-align: justify;"><strong>यह भी पढ़ें: <a title="नहीं मानी हार! 5 बार असफल, 4 बार प्रीलिम्स भी नहीं निकला, फिर भी 6वें प्रयास में बनीं IAS" href=" target="_blank" rel="noopener">नहीं मानी हार! 5 बार असफल, 4 बार प्रीलिम्स भी नहीं निकला, फिर भी 6वें प्रयास में बनीं IAS</a></strong></p>