South Korea Fighter Jet Drops Bomb: साउथ कोरिया से एक खबर आई कि वहां की एयरफोर्स ने ट्रेनिंग एक्सरसाइज के दौरान गलती से एक के बाद एक करीब 8 बम अपने ही नागरिकों के इलाके में गिरा दिए. रिपोर्ट्स की मानें तो बीते दिन साउथ कोरिया एयरफोर्स ने बयान जारी करते हुए कहा कि ट्रेनिंग एक्सरसाइज के दौरान गलती से आठ बम गलत इलाकों पर गिर गए. लेकिन गनीमत रही कि फिलहाल किसी की मौत की जानकारी नहीं आई है, हालांकि इसके जरिए कुछ नागरिक गंभीर रूप से घायल हुए हैं.
साउथ कोरिया में क्या और कैसे हुआ?
वायु सेना के इस विमान का नाम KF-16 है और इससे MK-82 बम गलती से गिरा दिए गए थे. ये प्रैक्टिस उत्तर कोरिया की सीमा से 25 किलोमीटर की दूरी पर साउथ के हिस्से में चल रही थी. तभी पोचेन शहर में सुबह करीब 10 बजे ये घटना हुई. वायुसेना ने इस घटना पर खेद जताया और कहा कि उनकी वजह से कई नागरिक घायल हुए हैं, हम उनके जल्दी ठीक होने की कामना करते हैं. 58 साल पहले कुछ ऐसी ही घटना भारत में भी हुई थी, लेकिन वो गलती नहीं थी, बल्कि जानबूझकर अपने ही लोगों पर सितम ढाए गए थे. आपको इसकी पूरी कहानी बताते हैं.
इंदिरा गांधी को उत्तर पूर्व में झेलना पड़ा था विरोध
लगभग 58 साल पहले जब इंदिरा गांधी देश की पीएम बनी थीं, उस वक्त उत्तर पूर्व में उनको विद्रोह का सामना करना पड़ा था. रिपोर्ट्स की मानें तो 28 फरवरी 1966 को मिजो नेशनल आर्मी (MNA) ने भारत के खिलाफ विद्रोह कर दिया था और वहां लड़ाई शुरू हो गई थी. तभी मिजो नेशनल फ्रंट ने भारत से स्वतंत्रा की घोषणा की. तब 2 मार्च 1966 को MNA ने मिजोरम की राजधानी आइजोल के खजाने और शस्त्रगार पर कब्जा कर लिया था, इसके बाद वो असम राइफल्स के मुख्यालय भी पहुंच गए. इतना ही नहीं उन्होंने आइजोल साउथ में कई छोटे शहरों पर भी कब्जा किया था.
5 मार्च 1966 को आइजोल में क्या हुआ था?
जब सेना हेलीकॉप्टर के जरिए सैनिक और हथियारों को ले जाने लगी तो उन लोगों ने सेना को भी भगा दिया था. इसके बाद तो 5 मार्च 1966 को भारतीय एयरफोर्स के विमानों ने आइजोल को घेरकर मिजो नेशनल फ्रंट के ठिकानों पर बमबारी की थी. बीबीसी की रिपोर्ट की मानें तो ये हवाई हमला छह मार्च को भी जारी रहा था. इस शहर के बड़ा बाजार की लगभग सभी दुकानें जल गई थीं. हालात इस कदर बिगड़ गए थे कि लंबे वक्त तक इसका वहां पर असर रहा. इस दौरान 13 नागरिकों की मौत हुई थी. बमबारी में जिन विमानों का इस्तेमाल किया गया था, उनके नाम हैं ‘डसॉल्ट ऑरागन’ और ‘ब्रिटिश हंटर्स’. ये फ्रांस में बने थे. शिलॉन्ग से तत्कालीन लोकसभा सांसद जॉर्ज गिल्बर्ट स्वेल का कहना था कि ये बमबारी राजेश पायलट और सुरेश कलमाड़ी थे. बाद में दोनों कांग्रेस सरकार में सांसद और मंत्री बने थे.