अब NPS फंड को आसानी से एक अकाउंट से दूसरे में करा सकेंगे ट्रांसफर, जानें क्या है D-Remit फीचर?
Day: March 8, 2025
क्या अगले महीने से महंगे हो जाएंगे iPhone? Donald Trump का यह फैसला बन सकता है वजह, जानें डिटेल
अगले महीने से iPhone और MacBooks समेत इलेक्ट्रॉनिक्स प्रोडक्ट्क महंगे हो सकते हैं. दरअसल, अमेरिकी राष्ट्रपति Donald Trump ने रेसिप्रोकल टैक्स लगाने का ऐलान किया है. यह फैसला 2 अप्रैल से लागू होने जा रहा है. इसका मतलब है कि अमेरिका में भारत से जाने वाली चीजों पर उतना ही टैक्स लगेगा, जितना अमेरिका से भारत आने वाली चीजों पर लगता है. ऐसे में भारत से आईफोन बनाकर अमेरिका समेत ग्लोबल मार्केट में बेचने वाली ऐपल को भारी झटका लग सकता है. डोनाल्ड ट्रंप ने अपनाया सख्त रवैया अपने एक बयान में ट्रंप ने अमेरिका से भारत आने वाले ऑटोमैटिव पार्ट्स पर लगने वाले “100 प्रतिशत से अधिक टैक्स” का जिक्र करते हुए कहा था कि अब अमेरिका भी उतना ही टैक्स लगाने जा रहा है. उन्होंने अपने बयान में इलेक्ट्रॉनिक आइटम्स का जिक्र नहीं किया, लेकिन कई मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि इस फैसले का कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स समेत कई प्रोडक्ट्स पर असर पड़ सकता है. ऐपल पर पड़ सकता है बड़ा असर Apple पिछले काफी समय से भारत में अपनी मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ा रही है. कंपनी 2017 से भारत में आईफोन का निर्माण कर रही है, लेकिन शुरुआत में यहां लोकल मार्केट के लिए बेस वेरिएंट बनाया जाता था. अब कंपनी भारत में अपने फ्लैगशिप डिवाइस आईफोन 16 प्रो और प्रो मैक्स को भी मैन्युफैक्चर कर रही है. कंपनी अपने लेटेस्ट iPhone 16e को भी भारत में असेंबल कर रही है और यहीं से इसका निर्यात किया जाएगा. एक अनुमान है कि कंपनी ने इस वित्तीय वर्ष में 8-9 बिलियन डॉलर का शिपमेंट किया है. भारत में बने सामान पर अमेरिका में अभी कोई ड्यूटी नहीं लगती है. इसलिए कंपनी के लिए यह सस्ता पड़ता है. ऐपल के अलावा सैमसंग और मोटोरोला जैसी कंपनियां भी अमेरिकी मार्केट के लिए अपने प्रोडक्ट्स भारत में बनाती है. इसलिए पड़ेगा असर अगर 2 अप्रैल से राष्ट्रपति ट्रंप का फैसला लागू होता है तो कंपनियों को भारत में बने सामान को अमेरिका में ले जाने के लिए अधिक टैक्स चुकाना पड़ेगा. इससे उनकी लागत बढ़ जाएगी और इसे पूरा करने के लिए कंपनी अपने प्रोडक्ट्स की कीमत बढ़ा सकती है. इससे भारत के साथ-साथ दूसरे देशों में भी ऐपल के आईफोन और मैकबुक जैसे प्रोडक्ट्स महंगे हो सकते हैं. ये भी पढ़ें- अब बनाएं खुद का AI Chatbot, WhatsApp में जल्द आने वाला है यह गजब का फीचर
‘मुसलमानों के धार्मिक और संवैधानिक अधिकारों के लिए गंभीर खतरा’, जमात-ए-इस्लामी हिंद ने क्यों कह
Jamaat-e-islami Hind: जमात-ए-इस्लामी हिंद ने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर देश में महिला विरुद्ध अपराधों में हो रही बढ़ोतरी पर गहरी चिंता व्यक्त की है. जमात-ए-इस्लामी हिंद की सचिव रहमतुन्निसा ने कहा कि एनसीआरबी के हालिया आंकड़ों से पता चलता है कि 2022 में प्रति 1 लाख महिलाओं के खिलाफ अपराध के 51 मामले सामने आये थे. रहमतुन्निसा ने कहा, “इससे भी अधिक चिंताजनक तथ्य यह है कि देश में हर 16 मिनट में रेप की एक घटना घटती है. महिलाओं के विरुद्ध अपराध मामलों में दोषसिद्धि दर पर एनसीआरबी के आंकड़ों से पता चलता है कि रेप/गैंगरेप के बाद हत्या मामलों में दोष साबित होने का दर 69.4 फीसदी है. रेप के मामलों में यह दर मात्र 27.4 फीसदी है और यौन हिंसा के अन्य रूपों में तो यह दर और भी कम है.” “देश में वीआईपी लोग ही सुरक्षित नहीं” रहमतुन्निसा ने आगे कहा कि कोलकाता के आरजी कर मेडिकल अस्पताल में डॉक्टर के साथ रेप और हत्या की हालिया घटनाएं और पुणे में राज्य परिवहन बस स्टैंड पर खड़ी बस में एक महिला के साथ रेप की घटनाएं महिलाओं के लिए सुरक्षा-तंत्र में चूक को दर्शाती हैं. उन्होंने कहा, “केंद्रीय मंत्री रक्षा खडसे की किशोर बेटी के साथ छेड़छाड़ की घटना दर्शाती है कि जब हमारे देश में वीआईपी लोग सुरक्षित नहीं हैं, तो आम नागरिकों की दुर्दशा की केवल कल्पना ही की जा सकती है. रोज छेड़छाड़ और यौन उत्पीड़न के हजारों मामले सामने आना हमारे समाज में व्याप्त नैतिक संकट को उजागर करता है. जमात-ए-इस्लामी हिंद का दृढ़ विश्वास है कि वास्तविक महिला सशक्तिकरण केवल नारों में नहीं, बल्कि समाज में उनकी सुरक्षा, सम्मान और उचित स्थान सुनिश्चित करने में निहित है.” वक्फ संशोधन विधेयक पर जताई नाराजगी इसके अलावा जमात-ए-इस्लामी हिंद ने वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर कहा है कि वह संयुक्त संसदीय समिति की पक्षपातपूर्ण भूमिका पर निराशा व्यक्त करती है. जमात का मानना है कि यह विधेयक मुसलमानों के धार्मिक और संवैधानिक अधिकारों के लिए गंभीर खतरा है. उन्होंने कहा, “जेपीसी की ओर से प्रस्तावित सभी 14 संशोधनों को केंद्रीय मंत्रिमंडल की ओर से हाल ही में मंजूरी दिए जाने से यह चिंता और बढ़ गई है कि यह विधेयक मुस्लिम संस्थाओं और धर्मदानों को व्यवस्थित रूप से कमजोर करने के लिए बनाया गया है. व्यापक विरोध और जनता की लाखों आपत्तियों के बावजूद विधेयक को आगे बढ़ा दिया गया, जिससे प्रतीत होता है कि परामर्श प्रक्रिया निरर्थक था.” वक्फ संपत्ति में सरकार का हस्तक्षेप बढ़ेगा उन्होंने कहा, “इस विधेयक से वक्फ अधिनियम, 1995 में व्यापक परिवर्तन आएगा और वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में सरकार के हस्तक्षेप की अधिक अनुमति मिलेगी. इसमें छह महीने के भीतर सभी वक्फ संपत्तियों को केंद्रीय डाटाबेस पर पंजीकृत करने का आदेश दिया गया है. यद्यपि जेपीसी ने विशिष्ट मामलों में इस समय-सीमा में ढील दी है, फिर भी यह वक्फ संरक्षकों पर अनुचित बोझ डालता है और यदि समय पर पंजीकरण नहीं कराया गया तो, ऐसी स्थिति में कानूनी सहायता लेने के उनके अधिकार को सीमित कर देता है. रहमतुन्निसा ने कहा, “यह प्रावधान कि यदि वक्फ छह महीने के भीतर पंजीकरण कराने में विफल रहते हैं तो उन्हें कानूनी कार्यवाही दायर करने से उस वक़्त तक रोका जा सकता है- जब तक कि कोर्ट हलफनामे को मंजूरी नहीं देती. यह वक्फ की स्वायत्तता को प्रतिबंधित करने का एक और खतरनाक प्रयास है. विधेयक राज्य सरकार को अपने मामले में जज के रूप में कार्य करने की अनुमति देता है, जिससे पक्षपातपूर्ण निर्णयों और वक्फ संपत्तियों पर संभावित अतिक्रमण की आशंकाएं बढ़ जाती हैं.” ‘वक्फ संपत्तियां सरकारी संपत्ति नहीं’ इसके अलावा जमात-ए-इस्लामी हिंद के उपाध्यक्ष प्रो सलीम इंजीनियर ने कहा कि वक्फ बोर्डों में गैर-मुस्लिम अधिकारियों को शामिल किया जाना चिंता का विषय है. जेपीसी के संशोधनों में अब यह अनिवार्य कर दिया गया है कि वक्फ मामलों से निपटने वाला एक संयुक्त सचिव स्तर का अधिकारी बोर्ड का हिस्सा होगा. उन्होंने कहा, “पहले की तरह गैर-मुस्लिम सीईओ को अनुमति दिए जाने से यह प्रावधान वक्फ संस्थाओं के धार्मिक चरित्र को मौलिक रूप से बदल देता है और संविधान के अनुच्छेद-26 जो धार्मिक अल्पसंख्यकों को अपने धार्मिक मामलों के प्रबंधन का अधिकार देता है, उसका उल्लंघन है.” जमात ने दोहराया है कि वक्फ संपत्तियां सरकारी संपत्ति नहीं, बल्कि धर्मदान है. प्रो सलीम इंजीनियर ने कहा, “वक्फ प्रशासन को कमजोर करने और राज्य नियंत्रण बढ़ाने का कोई भी कदम अस्वीकार्य है. सरकार को इस विधेयक को वापस लेना चाहिए और मौजूदा वक्फ कानूनों को प्रभावी ढंग से लागू करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, ताकि मुस्लिम विरासत और संस्थाओं की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके. हम उन पार्टियों से निराश हैं, जो धर्मनिरपेक्ष होने का दावा करते हैं और फिर भी वक्फ संशोधन विधेयक का समर्थन करते हैं.” जंतर मंतर पर धरने में आने की अपील उन्होंने कहा, “जमात सभी धर्मनिरपेक्ष दलों, विपक्षी नेताओं और कानूनी विशेषज्ञों से इस विधेयक का विरोध करने का आह्वान करती है, क्योंकि यह संविधान के अनुच्छेद 25, 26, 29 और 14 का उल्लंघन करता है. यदि यह विधेयक अलोकतांत्रिक तरीके से पारित हो जाता है, तो जमात-ए-इस्लामी हिंद सभी संवैधानिक, कानूनी, लोकतांत्रिक और शांतिपूर्ण तरीकों से इस कानून को चुनौती देने में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) और अन्य मुस्लिम संगठनों को समर्थन देगी.” जमात-ए-इस्लामी हिंद ने आगामी 13 मार्च को जंतर मंतर पर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की ओर से वक्फ विधेयक के विरोध में होने वाले प्रदर्शन का भी समर्थन किया है. सलीम इंजीनियर ने कहा कि 13 मार्च को जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन के लिए एआईएमपीएलबी के आह्वान का हम समर्थन करते हैं और सभी न्यायप्रिय नागरिकों से विरोध प्रदर्शन में बड़ी संख्या में शामिल होने की अपील करते हैं. जमात-ए-इस्लामी हिंद का ये भी दावा है कि देश में धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ सांप्रदायिक घटनाएं और घृणा अपराध बढ़ा है. उज्जैन के घटना का किया जिक्र जमात-ए-इस्लामी हिंद ने कहा, “हाल की घटनाएं न्यायेतर कार्रवाइयों, राज्य की मिलीभगत और संवैधानिक अधिकारों के हनन की चिंताजनक प्रवृत्ति को उजागर करती हैं. मध्य प्रदेश के उज्जैन के घट्टिया में गोहत्या के आरोपी दो व्यक्तियों को कथित तौर पर सार्वजनिक रूप से परेड कराया गया और पुलिस…
आमलकी एकादशी क्या होती है, इस दिन व्रत रखने और पूजा करने से जीवन में किन परेशानियों से मुक्ति मिलती है
Amalaki Ekadashi 2025: आमलकी एकादशी क्या होती है, इस दिन व्रत रखने और पूजा करने से जीवन में किन परेशानियों से मुक्ति मिलती है
PSSSB लेबर इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा कल, एग्जाम में शामिल होने से पहले जरूर जान लें ये बातें
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शख्स की आइसक्रीम से निकला सांप! तस्वीरें देख मुंह को आ जाएगा कलेजा, जानें पूरा मामला
फर्ज करें कि भरी गर्मी में आप दुकान से आइसक्रीम खरीद कर लाएं और उसे जैसे ही पैकेट के बाहर निकालें तो उसमें सांप जमा हुआ आपको दिख जाए तो आप क्या करेंगे? जाहिर है नजारा सोचकर ही आपकी रूह कांप गई होगी. कई बार कंपनी की लापरवाही की वजह से लोगों के खाने के सामानों में इस तरह की खतरनाक चीजें देखने को मिल जाती हैं. हाल ही में सोशल मीडिया पर ऐसी ही घटना का जिक्र लोग कर रहे हैं, जिसमें एक शख्स के होश उस वक्त उड़ गए जब उसकी आइसक्रीम में सांप निकल आया. आइसक्रीम में निकला सांप घटना थाइलैंड की बताई जा रही है, जहां एक शख्स को आइसक्रीम खाने के दौरान एक मरा हुआ सांप दिखाई दिया, जिसके बाद उसकी हालत पतली हो गई और वो घबरा गया. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक ये घटना थाईलैंड के मुएंग रत्चबुरी क्षेत्र की है, यहां रेबन नक्लेनगबून नाम के एक शख्स ने जब आइसक्रीम खरीदी तो उसे उसमें एक काले और पीले रंग का सांप दिखाई दिया. यह सांप जहरीला था और शख्स ने आइसक्रीम खाने से पहले ही इसे देख लिया था. घबराए शख्स ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए तुरंत इसकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर शेयर कर दीं, जो देखते ही देखते वायरल हो गई. जहरीला था सांप! वायरल तस्वीरों में आप देख पा रहे होंगे कि आइसक्रीम के अंदर काले और पीले रंग का सांप दिखाई दे रहा है. जो कि करैत प्रजाति का मालूम होता है. करैत सांप बेहद जहरीले और जानलेवा होते हैं. हालांकि सांप मरा हुआ था, लेकिन अगर शख्स इसे गलती से खा लेता तो उसकी हालत बिगड़ सकती थी. भारत में इससे पहले ऐसे कई मामले देखने को मिले हैं जहां खाने के सामानों में कभी छिपकली तो कभी मेंढक की टांग निकल आई थी. यह भी पढ़ें: रुई और सफेद रेत से बना स्नो विलेज देख लगी पर्यटकों की भीड़, पोल खुलने पर हुआ जमकर बवाल, देखें वीडियो घबरा गए यूजर्स पोस्ट को เรย์แบน นักเลงบุญ ปากท่อ เมืองราชรี नाम के फेसबुक अकाउंट से शेयर किया गया है, जिसे अब तक लाखों लोगों ने देखा है तो कई लोगों ने इसे लाइक भी किया है. ऐसे में सोशल मीडिया यूजर्स पोस्ट को लेकर तरह-तरह के रिएक्शन दे रहे हैं. एक यूजर ने लिखा…भाई बाल-बाल बच गया. एक और यूजर ने लिखा..भाई पैकेट पर स्नैक आइसक्रीम तो नहीं लिखा. तो वहीं एक और यूजर ने लिखा…अरे बाप रे, मै तो डर गया. यह भी पढ़ें: स्पैम कॉल समझकर काटता रहा शख्स! एक महीने बाद सच्चाई पता चली तो दीवार पर दे मारा सिर
सऊदी अरब से कितना सोना ला सकते हैं भारतीय, जानें कब लगता है तस्करी का आरोप?
कन्नड़ और तमिल फिल्म अभिनेत्री रान्या राव को मंगलवार को सोने की तस्करी करते हुए गिरफ्तार किया गया था. राजस्व खुफिया विभाग ने उन्हें दुबई से लौटते वक्त 14.8 किलोग्राम सोने के साथ गिरफ्तार किया था. इसकी कीमत करीब 12 करोड़ रुपये बताई जा रही है. जानकारी के मुताबिक, अभिनेत्री रान्या राव बेंगलुरू के केम्पेगौड़ा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर सोने के साथ पहुंची थीं. सोने की तस्करी का यह पहला मामला नहीं है. इससे पहले भी खाड़ी देशों से छिपाकर देश में सोना लाए जाने की कई खबरें सामने आ चुकी हैं. अब सवाल यह है कि सऊदी अरब से भारतीय कितना सोना ला सकते हैं? इसको लेकर नियम क्या है? कितनी मात्रा में सोना लाने पर तस्करी का आरोप लगता है? इस आर्टिकल में यह इन सवालों के जवाब जानेंगे. विदेश से सोना क्यों लाते हैं भारतीय? सबसे पहले सवाल यह है कि भारतीय लोग विदेश से सोना लेकर क्यों आते हैं? जाहिर है कि भारत में सोने को लेकर एक अलग तरह की दीवानगी है. यहां सोना सिर्फ आभूषण भर नहीं है, बल्कि हमारी रीति-रिवाजों से भी जुड़ा है. यही कारण है कि सोना खरीदारों के मामले में भारत दुनिया के बड़े देशों में से एक है. हालांकि बीते कुछ सालों में सोने की कीमतों में भारी उछाल देखा गया है. वहीं, भारत की तुलना में खाड़ी देशों में सोने की कीमत काफी कम हैं. यही कारण है कि खाड़ी देश का सफर करने वाले भारतीय अपने साथ वहां से सोना लेकर भारत आते हैं. विदेश से कितना सोना ला सकते हैं भारतीय अब सवाल यह है कि विदेश से भारतीय कितना सोना ला सकते हैं. इसके लिए नियम निर्धारित किए गए हैं. विदेश से कोई भी पुरुष 20 ग्राम और कोई भी महिला 40 ग्राम सोना ला सकती है. सोने की इस मात्रा पर किसी तरह का सीमा शुल्क नहीं लिया जाता है. हालांकि, इससे अधिक सोना लाने पर केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) ने सीमा शुल्क निर्धारित किया है. आइए जानते हैं सोने की कितनी मात्रा पर कितना सीमा शुल्क लगता है- पुरुषों के लिए- 20 ग्राम या 50 हजार रुपये तक शुल्क मुक्त 20 से 50 ग्राम पर 3 फीसदी सीमा शुल्क 50 ग्राम से 100 ग्राम पर 6 फीसदी सीमा शुल्क 100 ग्राम से अधिक सोने पर 10 फीसदी सीमा शुल्क महिलाओं के लिए- 40 ग्राम या 1 लाख रुपये तक सीमा शुल्क मुक्त 40 ग्राम से 100 ग्राम पर 3 फीसदी सीमा शुल्क 100 ग्राम से 200 ग्राम तक 6 फीसदी शुल्क 200 ग्राम से अधिक पर 10 फीसदी सीमा शुल्क कब लगता है तस्करी का आरोप नियमों के मुताबिक, आप सीमा शुल्क चुकाकर सोना विदेश से ला सकते हैं. हालांकि विदेश से आने के बाद हमें एयरपोर्ट अधिकारियों को तय सीमा से अधिक सोना लाने की जानकारी देनी होती है और सीमा शुल्क चुकाना होता है. अगर, सोने की मात्रा छुपाई जाती है तो इसे तस्करी माना जाता है. इस मामले में सजा का प्रावधान है. यह भी पढ़ें: अमेरिकी डॉलर से तीन गुनी है इस देश के पैसे की वैल्यू, फिर भी क्यों नहीं माना जाता सबसे ताकतवर?
कॉकरोच का दूध मिलेगा गाय के दूध से भी ज्यादा महंगा! रिसर्चर का दावा- ‘तीन गुना ज्यादा है पौष्टि
सुपरफूड शब्द का इस्तेमाल आमतौर पर फिटनेस और वेलनेस सर्किल में किया जाता है. जो अक्सर गहरे रंग की हरी पत्तेदार सब्जियां, जामुन और नट्स जैसे पोषक तत्वों से भरपूर फूड आइटम होता है. इस तरह के फूड आइटम में हाई कैलोरी और पोषण होते हैं जो सेहत के लिए काफी ज्यादा फायदेमंद माने जाते हैं. हालांकि, हाल के अध्ययनों से पता चलता है कि कॉकरोच के दूध में भैंस से भी तीन गुना कैलोरी ज्यादा होता है. जोकि सेहत के लिए अच्छा होता है. कॉकरोच का दूध हालांकि, यह सुनने में अजीब लग सकता है, लेकिन साइंटिस्टों ने पाया है कि कॉकरोच का दूध, विशेष रूप से डिप्लोप्टेरा पंक्टाटा प्रजाति से, गाय के दूध से तीन गुना अधिक पौष्टिक हो सकता है. इस खोज ने पोषण विशेषज्ञों के बीच रुचि जगाई है. जो मानते हैं कि कॉकरोच के दूध में उल्लेखनीय स्वास्थ्य लाभ हो सकते हैं. शोधकर्ताओं ने इस बात पर प्रकाश डाला है कि दूध प्रोटीन, वसा और शर्करा से भरपूर होता है. जो इसे ग्रह पर सबसे अधिक पोषक तत्वों से भरपूर पदार्थों में से एक बनाता है. कॉकरोच का दूध पोषक तत्व से भरपूर होता है कॉकरोच के दूध का अब मूल्यवान पोषक तत्व प्रदान करने की इसकी क्षमता के लिए अध्ययन किया जा रहा है और यह भविष्य के खाद्य नवाचारों में भूमिका निभा सकता है. अभी भी शोध के शुरुआती चरणों में होने के बावजूद, यह खोज वैकल्पिक, टिकाऊ खाद्य स्रोतों के लिए नए दरवाजे खोलती है. ‘जर्नल ऑफ द इंटरनेशनल यूनियन ऑफ क्रिस्टलोग्राफी’ ‘जर्नल ऑफ द इंटरनेशनल यूनियन ऑफ क्रिस्टलोग्राफी’ में पब्लिश साल 2016 के एक अध्ययन में दूध जैसे तरल पदार्थ का विश्लेषण किया गया, जो कि मादा पैसिफिक बीटल कॉकरोच द्वारा अपने बच्चों को खिलाने के लिए उत्पादित किया जाता है. भैंस के दूध की तुलना में तीन गुना अधिक कैलोरी होती है द इंडिपेंडेंट के अनुसार उन्होंने पाया कि कॉकरोच के बच्चों को खिलाने पर उनके पेट के अंदर पीले रंग का पदार्थ क्रिस्टलीकृत हो गया. शोधकर्ताओं ने पाया कि इसमें भैंस के दूध की तुलना में तीन गुना अधिक कैलोरी होती है – जो पहले सबसे अधिक कैलोरी वाला स्तनधारी दूध था – उन्होंने पाया कि इसमें प्रोटीन, अमीनो एसिड और स्वस्थ शर्करा की एक टन मात्रा होती है जो कोशिका वृद्धि और मरम्मत में मदद करती है. सभी सुपरफूड्स की तरह यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि उन्हें पारंपरिक स्वस्थ खाने की आदतों को बदलने के बजाय संतुलित, विविध आहार का पूरक होना चाहिए. इन सबके बावजूद, इंडिपेंडेंट रिपोर्ट के अनुसार, कॉकरोच का दूध अभी तक मानव उपभोग के लिए उपलब्ध नहीं है, और सबसे बड़ी बाधा इसका उत्पादन है. Check out below Health Tools-Calculate Your Body Mass Index ( BMI ) Calculate The Age Through Age Calculator
इस देश में ड्रग्स से ज्यादा अंडों की हो रही तस्करी! बड़ी संख्या में अमेरिका भेज रहे स्मगलर
Eggs Smuggling in US : दुनिया का सबसे पॉवरफुल देश संयुक्त राज्य अमेरिका इस वक्त महंगाई की मार झेल रहा है. देश में हालात ऐसे हो गए है कि यहां लोग अंडों की तस्करी करने पर उतारू हो गए हैं. जी हां.. यह बात बिल्कुल सच है. द लॉजिक की रिपोर्ट के मुताबिक, संयुक्त राज्य अमेरिका में कनाडा से फेंटानिल ड्रग्स से कहीं ज्यादा अब अंडों की तस्करी हो रही है और यह कनाडा से अमेरिका में सबसे महंगा अवैध आयात बन गया है, जिसके पीछे अमेरिका में फैला बर्ड फ्लू है. आयात और जब्ती के आधिकारिक आंकड़ों के विश्लेषण के बाद रिपोर्ट में बताया गया कि अमेरिकी कस्टम्स ऑफिसर्स फेंटानिल ड्रग्स के मुकाबले अंडा समेत कई अन्य पोल्ट्री प्रोडक्ट जब्त कर रहे हैं. जबकि अमेरिका और कनाडा के बीच वर्तमान में जारी टैरिफ वॉर के सेंटर में फेंटानिल ड्रग्स का जिक्र किया गया है. तस्करी में आया 36 प्रतिशत का उछाल अमेरिका में साल 2024 के अक्टूबर महीने से लेकर अब तक अंडों की तस्करी करने वालों की संख्या में कथित तौर पर 36 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हो गई है और इसके पीछे बर्ड फ्लू (एवियन फ्लू) के दौरान कीमतों में उछाल को कारण बताया गया है. वहीं, डेट्रॉयट में अमेरिरी कस्टम्स और बॉर्डर प्रोटेक्शन ऑफिस ने इस दौरान 36 प्रतिशत का इजाफा दर्ज किया है, जबकि मैक्सिको बॉर्डर के करीब स्थित सैन डियागो के ऑफिस में अंडों की जब्ती में 158 प्रतिशत का उछाल दर्ज किया गया है. रिपोर्ट के मुताबिक, अक्टूबर 2024 से अब तक अमेरिकी कस्टम्स अधिकारियों ने पक्षी और पोल्ट्री से संबंधित प्रोडक्ट्स की 3,768 जब्ती की, जबकि इसी दौरान फेंटानिल ड्रग्स की मात्र 352 जब्तियां दर्ज की गई. तस्करी करते पकड़े जाने पर लगता है 300 डॉलर का फाइन रिपोर्ट्स के मुताबिक, अमेरिका में बर्ड फ्लू की बढ़ रही परेशानी के कारण अनप्रोसेस्ड पक्षियों के उत्पाद अवैध है और इस दौरान किसी भी व्यक्ति को सीमा पार से अंडों की तस्करी करते पकड़े जाने पर 300 अमेरिकी डॉलर के जुर्माने का सामना करना होगा. यह भी पढ़ेंः अवैध रूप से जॉर्डन-इजरायल बॉर्डर पार करने की कोशिश में गई एक भारतीय की जान, सुरक्षा बलों ने मारी गोली
सबसे ज्यादा कमाने वाली 20 फिल्मों में से कितनों के रिकॉर्ड तोड़ चुकी है ‘छावा’?
देश की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली 20 फिल्मों में से कितनों के रिकॉर्ड तोड़ चुकी है ‘छावा’, कितनों के बाकी?