अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीनी सामानों पर लगे टैरिफ में 100 प्रतिशत का और इजाफा कर दिया है. मंगलवार (15 अप्रैल, 2025) को देर रात वाइट हाउस ने चीनी एक्सपोर्ट पर 245 प्रतिशत टैरिफ लगाने का ऐलान किया है. अब तक 145 परसेंट टैरिफ लगाया जा रहा था, जिस पर चीन ने भी जवाबी एक्शन में 125 फीसदी टैरिफ अमेरिकी एक्सपोर्ट पर लगा दिया. चीन की इस जवाबी कार्रवाई पर ही, अमेरिका ने रेसिप्रोकल टैरिफ 100 प्रतिशत और बढ़ा दिया है.
क्या टैरिफ की मार से चीन की अर्थव्यवस्था की स्पीड धीमी पड़ेगी?
Goldman Sachs और सिटीग्रुप का मानना है कि डोनाल्ड ट्रंप की ओर से टैरिफ बढ़ाए जाने से चीन की अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पड़ेगा. हालांकि, Goldman Sachs अगले 25 सालों में दुनिया की सबसे बड़ी इकोनॉमी के तौर पर उभरने का अनुमान जता चुका है. ऐसे में क्या डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ वॉर अमेरिका से सबसे बड़ी इकोनॉमी का खिताब छिनने के पीछे का डर है?
2050 में ही चीन बन जाएगा सबसे बड़ी सुपरपावर
पिछले साल Goldman Sachs ने 15 देशों की एक लिस्ट जारी की थी, जिसमें 2021 में इन देशों की विकास दर को देखते हुए आने वाले दशकों में उनकी अर्थव्यवस्थाओं का अनुमान लगाया गया था. इसमें 2050 और 2075 तक का प्रोजेक्शन किया गया था. लिस्ट के अनुसार चीन 2050 तक यानी सिर्फ 25 साल में दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होगा. वहीं अमेरिका, जो अभी टॉप पर है, वो दूसरे नंबर पर आ जाएगा और तीसरे पर भारत होगा.
2075 तक तीसरे नंबर पर आ जाएगा अमेरिका
रिपोर्ट के अनुसार 2050 के बाद अगले 25 साल भी चीन ही टॉप पर रहेगा, जबकि अमेरिका तीसरे नंबर पर आ जाएगा. वहीं दूसरे पर भारत होगा. 2075 तक सबसे बड़ी सुपरपावर के तौर पर अमेरिका का खिताब चीन के पास शिफ्ट हो जाएगा. रिपोर्ट के अनुसार 2075 में चीन की इकोनॉमी बढ़कर 57 ट्रिलियन डॉलर हो जाएगी, जबकि अमेरिकी की इकोनॉमी 51.5 ट्रिलियन होगी. भारत 52.5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के साथ दूसरे नंबर पर होगा.
50 सालों में धीमी पड़ जाएगी अमेरिका की जीडीपी ग्रोथ
इंटरनेशनल मोनेट्री फंड (IMF) के अनुसार इस समय अमेरिका की इकोनॉमी 30.340 ट्रिलियन डॉलर है, जबकि चीन 19.530 ट्रिलियन डॉलर के साथ दूसरे और भारत 4.270 ट्रिलियन डॉलर के साथ पांचवें नंबर पर है. 2075 और 2025 की रिपोर्ट की तुलना की जाए तो चीन और भारत की जीडीपी ग्रोथ अमेरिका की तुलना में काफी ज्यादा होगी यानी इन 50 सालों में ये दोनों देश ज्यादा तेजी से वृद्धि करेंगे.
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