पहलगाम हमले के बाद घटा कराची स्टॉक एक्सचेंज का मार्केट कैप, 70000 करोड़ का नुकसान


Pahalgam Terror Attack: पहलगाम आतंकी हमले के आज एक हफ्ते पूरे हो गए हैं. बीते मंगलवार, 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया है. इस आतंकी हमले में 26 मासूम पर्यटकों की मौत हो गई.

इस घातक आतंकी हमले पर कड़ा रुख अपनाते हुए भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कई कड़े कदम उठाए. भारत सरकार की तरफ से द्विपक्षीय व्यापार पर रोक और सिंधु जल संधि के निलंबन का पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पर गहरा असर पड़ता दिख रहा है क्योंकि इस हफ्ते के पहले कारोबारी दिन सोमवार को KSE-100 इंडेक्स 1,405.45 अंक या 1.22 परसेंट की गिरावट के साथ 114,063.90 पर बंद हुआ. 

भारत के फैसले से हिला पाकिस्तानी शेयर बाजार

मंगलवार को भी KSE-100 इंडेक्स में 1100 अंकों की गिरावट देखने को मिल चुकी है. सरकार के सार्क वीजा छूट योजना को रद्द करने, पाकिस्तानी सैन्य सलाहकार (अताशे) को निष्कासित करने,  पाकिस्तान में अपने राजनयिक स्टाफ की संख्या घटाने और अटारी बॉर्डर को बंद करने के फैसले ने पाकिस्तान के स्टॉक मार्केट को हिलाकर रख दिया.

24 अप्रैल को कराची स्टॉक एक्सचेंज का बेंचमार्क  KSE-100 इंडेक्स कारोबार शुरू होने के कुछ ही मिनटों के भीतर 2,485 अंक टूट गया. दिन में थोड़ी रिकवरी हुई, लेकिन फिर बाद में 2,206 अंक गिरकर यह 115,019.81 पर बंद हुआ. आज भी दोपहर 1 बजकर 40 मिनट पर कराची स्टॉक एक्सचेंज 100 अंकों की गिरावट के साथ 114,007.40 अंकों पर कारोबार कर रहा था.

पहलगाम हमले के बाद गंवाएं 70 हजार करोड़

बता दें कि 22 अप्रैल के बाद केएसई इंडेक्स में 5,494.78 अंक यानी 4.63 परसेंट की गिरावट देखने को मिल चुकी है. जहां कराची स्टॉक एक्सचेंज का मार्केट कैप 52.84 अरब डॉलर था, वहीं 29 अप्रैल को 100 अंकों की गिरावट के साथ यह 50.39 अरब डॉलर पर आ गया. यानी कि चंद दिनों में पाकिस्तानी शेयर मार्केट को 2.45 अरब डॉलर का नुकसान पहुंचा है. इस हिसाब से पहलगाम हमले के बाद अब तक पाकिस्तानी शेयर बाजार को करीब 700000 करोड़ का नुकसान पहुंचा है. 

पाकिस्तान के सामने कई चुनौतियां

शेयर बाजार के उतार-चढ़ाव के अलावा भी पाकिस्तान गंभीर आर्थिक संकट का सामना कर रहा है. मई 2023 में यहां महंगाई 38.5 परसेंट तक बढ़ गई. इकोनॉमिक ग्रोथ भी नेगेटिव में जा रहा है. विदेशी मुद्रा भंडार घटकर सिर्फ 3.7 बिलियन डॉलर रह गया है, जिससे अब आयात करना मुश्किल हो गया है. 

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