PAK सेना के एजेंट मोहम्मद यूनुस से छीन लो नोबल प्राइज! बांग्लादेश की इस मुस्लिम हस्ती ने कर दी


Muhammad Yunus News: बांग्लादेश की निर्वासित लेखिका तस्लीमा नसरीन ने मोहम्मद यूनुस सरकार पर एक बार फिर निशाना साधा है. उन्होंने यूनुस के नोबेल शांति पुरस्कार को वापस लिए जाने की अपील की है. तस्लीमा नसरीन ने मोहम्मद यूनुस पर सत्ता का दुरुपयोग, भ्रष्टाचार और मानवाधिकार उल्लंघन के गंभीर आरोप लगाए हैं. 

तसलीमा नसरीन ने नोबेल कमेटी को लिखा पत्र

तसलीमा नसरीन ने एक्स पर पोस्ट कर बताया है कि उन्होंने नॉर्वेजियन नोबेल कमेटी को एक पत्र लिखा है. इस पत्र में उन्होंने लिखा, “मैं जानती हूं कि  एक बार नोबेल शांति पुरस्कार दिए जाने के बाद उसे वापस नहीं लिया जा सकता, लेकिन कृपया विचार करें कि क्या असाधारण परिस्थितियों में ऐसा संभव है? आपने बांग्लादेश के मुहम्मद यूनुस को नोबेल शांति पुरस्कार दिया, लेकिन उन्होंने शांति के लिए एक भी काम नहीं किया.”

तसलीमा नसरीन ने आरोप लगाया कि मोहम्मद यूनुस ने ग्रामीण बैंक में रहते हुए टैक्स की चोरी की और बैंक के विदेशी फंड का इस्तेमाल अपने व्यवसाय शुरू करने में किया. उन्होंने कहा कि जब माइक्रोलोन लेने वाली महिलाएं ब्याज के साथ रकम नहीं चुका पाईं तो ग्रामीण बैंक के कर्मचारियों ने उनके घरों को तोड़ दिए. ऐसे शख्स को कैसे शांति का प्रतीक माना जा सकता है.

यूनुस को बताया पाकिस्तान का एजेंट

लेखिका तस्लीमा नसरीन ने मोहम्मद यूनुस को 1971 में पराजित हुई पाकिस्तानी सेना का एजेंट बताया. उन्होंने कहा कि मोहम्मद यूनुस जिहादी उग्रवादियों के साथ गठबंधन करके बांग्लादेश में अवैध रूप से सत्ता पर कब्जा कर रखा है. उन्होंने कहा, “पिछले नौ महीनों में उसके आदेश पर विपक्षी नेता और अल्पसंख्यक हिंदुओं को मार दिया गया है. उनके घरों को जला दिया गया और नष्ट कर दिया गया है. कई लोगों को गलत तरीके से कैद किया गया है.”

तस्लीमा ने कहा, “यूनुस पड़ोसी देश भारत के खिलाफ युद्ध की तैयारी कर रहे हैं. बांग्लादेश में भारत के खिलाफ युद्ध करने की बिल्कुल भी क्षमता नहीं है फिर भी अपने भ्रम में वे देश में लाखों लोगों की मौत के मुंह में धकेल रहे हैं. जिहादी आतंकवादियों के हमलों के कारण उद्योग बंद हो गए, आर्थिक स्थिति भयावह होने जा रही है, लेकिन यूनुस को कोई चिंता नहीं है. उनका बांग्लादेश में चुनाव कराने का भी कोई इरादा नहीं है. उनके साथी (पाकिस्तान) देश को लूटने में वयस्त हैं.”

‘मोहम्मद यूनुस ने शांति के लिए कुछ नहीं किया’

लेखिका तस्लीमा नसरीन ने आरोप लगाया, मोहम्मद यूनुस बांग्लादेश को आर्थिक, राजनीतिक और सामाजिक रूप से एक भयानक संकट में धकेल रहे हैं. उनके दिल में नफरत और प्रतिशोध है. उनका व्यवहार असभ्य, बर्बर और क्रूर है. वे विपक्षी लोगों को मार डालना चाहते हैं. उन्हें शांति कायम करने की कोई इच्छा नहीं है. इन नौ महीनों में एक दिन के लिए भी देश में शांति नहीं रही ओर इन्हें नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया. कृपया उनका नोबेल पुरस्कार वापस लेकर शांति के पक्ष में एक मिसाल कायम करें.

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